फैजाबाद। वसूली के चक्कर में गये दो समाचार पत्रों के फोटोग्राफरों को कुछ लोगों ने ऐसा धुना की मामला पुलिस तक पहुंच गया। हुआ यूं कि लखनऊ से प्रकाशित समाचार पत्रों के दो फोटोग्राफर 29 सितम्बर को शहर के फतेहगंज क्षेत्र में दुर्गापूजा के दौरान वसूली करने गये थे, वहां कुछ लोगो ने उन दोनो को जमकर पीटा। हालात इतने बिगड़ गये पिटे छायाकारों को शिकायत लेकर थाना कोतवाली नगर जाना पड़ा। पत्रकारों का मामला होने के कारण बड़ी से बड़ी घटना को दर्ज करने में आनाकानी करने वाली पुलिस ने मामले को गम्भीरता से लेते हुए पीड़ित छायाकारो की तहरीर पर अपराध संख्या 774/14- धारा 279, 337, 429, 523, 504, 506 के तहत मामला दर्ज कर आरोपी युवक की शीघ्र गिरफ्तारी का आश्वासन दिया है।
हालांकि दुर्गापूजा की व्यवस्था में परेशान पुलिस महकमा अभी इस मामले में कोई ठोस कार्यवाही तो नहीं कर सका है लेकिन नगर कोतवाल का कहना है कि इससे खाली होते ही उनका चालान किया जायेगा। पुलिस को दी तहरीर में छायाकारों ने कहा है कि 29 सितम्बर को दिन में लगभग डेढ़ बजे के करीब जब वे दोनों फैजाबाद चौक फोटो खींचने जा रहे थे तभी एक मोटर साइकिल सवार युवक ने उनकी बाइक में पीछे से टक्कर मार दी जिसके चलते वे दोनों बाइक लेकर गिर गये। उन्होने जब इस बात का विरोध किया तो आरोपी युवक ने उनके साथी छायाकार को पांच-सात थप्पड़ जड़ दिया जिस पर वे दोनो गुस्सा गये वे कुछ कहते तब तक युवक ने पिस्टल निकाल कर तान दी जिसके कारण ये लोग डर गये और इतने में युवक फतेहगंज की ओर ही असलहा हाथ में लहराते हुए फरार हो गया।
अब आप खुद सोचिए ऐसे में जबकि दुर्गापूजा का त्यौहार पूरे शबाब पर है लोगो की आमद की वजह से कही भी खड़े होने की जगह नहीं है चौक में ही दर्जनो पुलिस वाले दिन रात डयूटी पर रहते है एक युवक इतना बड़ा गुंडा होता है कि इनके जैसे सम्मानित छायाकारो को मारकर भागता है और उसे कोई यहां तक कि पुलिस भी रोकने की कोशिश नहीं करती। मेरे कहने का मतलब आप समझ गये होगें तो मैं इतना जानता हूं कि अगर फैजाबाद के छायाकारों ने अपनी स्थित नहीं सुधारी तो आने वाला समय बहुत ही अपमान भरा होने वाला है। बता दें कि ये छायाकरों के गिरोह के सदस्य हैं, छायाकारी का कार्य तो इनके पास मात्र शहर का है लेकिन वसूली करने ये शहर से 50-60 किमी दूर गांवो में भी चले जाते है। जहां गांव के प्रधानों सफाईकर्मियों पर अपना रोब दाब दिखाकर जुगाड़ पानी कर आते हैं।
भड़ास को भेज गए पत्र पर आधारित।