कुमार सौवीर
सरकार कहीं नही, पत्रकार लपके अफसरों की सेटिंग कराने… बेहद गहरी और अथाह कथा है सेटिंगबाज पत्रकारों की… मुख्यमंत्री कौन बनेगा, इसका पता भाजपा को भी नहीं मगर मुख्य-सचिव और डीजीपी के लिए लामबन्दी स्टार्ट… मुख्यसचिव के लिए संजय अग्रवाल और डीजीपी के लिए सुलखान सिंह के लिए पेशबंदी शुरू…
लखनऊ : न सूत न कपास, जुलाहों में लट्ठम-लट्ठा। यह कहावत तो आप सभी ने खूब सुनी होगी। लेकिन उसे चरितार्थ करने का जिम्मा निभाने के लिए यूपी के तथाकथित पत्रकारों के बीच धंधाबाजी की दूकान चमकाने की कोशिशें शुरू हो चुकी हैं। जाहिर है कि इन पत्रकारों का मकसद इस तरह की चर्चा छेड़ कर अपने लिए पसंदीदा माहौल तैयार कराना ही है, जहां वे बेहतर तरीके से पत्तलें चाट सकें।
जी हां, यह कवायद यूपी के मुख्य सचिव और डीजीपी की नियुक्ति को लेकर छेड़ी जा चुकी है। हैरत की बात है कि यह चर्चा तब शुरू हो चुकी, जब यूपी विधानसभा की कई सीटों के नतीजे तक नहीं सामने आ पाये। इतना ही नहीं, अभी यह तक तय नही हो पाया है कि बनने वाली सरकार का मुखिया यानी मुख्यमंत्री कौन होगा और, नयी सरकार किस तारीख को राजभवन में शपथ ग्रहण करेगी। लेकिन यूपी के धंधेबाज पत्रकर पत्रकार इस मामले में अपनी-अपनी टांग सरकार के फटे में फंसाने में आमादा दिख रहे हैं।
शनिवार की शाम नेशनल वायस न्यूज चैनल में एक स्वयंभू पत्रकार हेमंत तिवारी ने अपनी रणनीति का खुलासा कर दिया। इस चैनल पर आयोजित एक परिचर्चा पर उन्होंने बताया कि किस-किस तर्क-कुतर्क के बल पर नयी सरकार के गठन के बाद प्रदेश के सर्वाधिक महत्वपूर्ण ओहदों पर किन-किन लोगों की तैनाती होगी। जिन पदों पर नियुक्ति की बात हुई, उसमें मुख्य सचिव और प्रदेश पुलिस प्रमुख आदि प्रमुख हैं।
इस चैनल पर चल रही इस परिचर्चा को भांपने-सूंघने की कोशिश कर रहे एक दर्शक ने बताया कि इस परिचर्चा के दौरान हेमंत तिवारी को भी मौका दिया गया था। इस दौरान हेमंत तिवारी ने खुलासा कर दिया कि अगला डीजीपी और मुख्य सचिव कौन-कौन होगा। इस दर्शक को इस बात पर ऐतराज था कि जब यह भी नही पता चल पाया है कि कौन मुख्यमंत्री की पद की शपथ लेगा और कौन-कौन कैबिनेट मंत्री रहेगा, ऐसी हालत में नये डीजीपी और मुख्य सचिव के संभावित नामों का ऐलान कर देना चाटुकारिता ही नहीं तो और क्या है?
इस दर्शक के अनुसार हेमंत तिवारी ने अगले डीजीपी 1980 बैच के आईपीएस अफसर सुल्खान सिंह और 82 बैच के प्रवीण कुमार का नाम ले लिया, जबकि दूसरी ओर मुख्य सचिव के नाम पर वरिष्ठ आईएएस अफसर संजय अग्रवाल के नाम की घोषणा कर दी। कहने की जरूरत नहीं कि हेमंत तिवारी की लोकप्रियता पुलिस अफसरों से घनिष्ठता को लेकर मानी जाती है। इसी मसले पर एक अन्य वरिष्ठ पत्रकार ने एक तल्ख टिप्पणी कर दी कि डीजीपी और चीफ सेक्रेटरी की तैनाती के लिए इन नामों को उछालने में जुटे हेमंत तिवारी दरअसल अपनी गोटी फिट कराने की फिराक में हैं।
लेखक कुमार सौवीर लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार हैं और मेरी बिटिया डॉट कॉम नामक न्यूज पोर्टल के संपादक हैं.