मऊरानीपुर(झाँसी) के उप-निदेशक कृषि, विनोद कुमार राय के साथ उनके विभाग के एक कर्मचारी एवं विधायक के पति द्वारा की गई गुण्डागर्दी और इस पूरे मामले में प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत पर सामाजिक कार्यकर्ताओं ने फेसबुक पर “जस्टिस फॉर विनोद राय” https://www.facebook.com/justiceforvinodrai नाम से एक अभियान शुरू कर दिया है.
डॉ. नूतन ठाकुर और अन्य लोगों ने फेसबुक अभियान में कहा गया है कि जब इन्स्पेक्टर से डीएम तक सभी अधिकारियों को श्री राय द्वारा बार-बार पूरी बात बतायी गयी तो इन सभी अधिकारियों द्वारा जानबूझ कर चुप्पी रखना और मामले में कोई भी कार्यवाही नहीं करना कर्तव्यपालन में घोर लापरवाही के अलावा उनकी स्पष्ट मिलीभगत भी साबित करता है. अतः इन लोगों ने तत्काल डीएम और एसएसपी सहित सभी जिम्मेदार अधिकारियों के निलंबन और उनकी आपराधिक भूमिका के लिए उन्हें दण्डित किये जाने की मांग की है. साथ ही मामले में तमाम रसूखदार राजनैतिक और प्रशासनिक लोगों की संलिप्तता को देखते हुए इस मुकदमे की विवेचना सीबीआई से कराये जाने की मांग की है.
इस बारे में सामाजिक कार्यकर्ता डॉ नूतन ठाकुर ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पत्र लिख कर झांसी के डीएम एलबी पाण्डेय और एसएसपी शिव सागर सिंह को निलंबित किये जाने और उनके द्वारा अपने कर्तव्यों का जानबूझ कर पालन न करके गंभीर आपराधिक प्रकरण में ताकतवर अभियुक्तों की सीधी मदद करने के सम्बन्ध में मुक़दमा चलाये जाने की मांग की है.
प्रकरण-
मऊरानीपुर(झाँसी) के उप-निदेशक कृषि, विनोद कुमार राय को 21 जून 2014 को उनके सरकारी आवास पर उनके विभाग के भानुप्रताप सिंह द्वारा गुंडों के साथ बन्दुक के बात से मारपीट कर अगवा करके मऊरानीपुर की सपा विधायक डॉ रश्मि आर्य के घर ले जाने और वहां उनके पति जयप्रकाश आर्य द्वारा एक ट्रांसफर रोकने के गलत दवाब और धमकी दिए जाने का है. इसमें श्री राय द्वारा इन्स्पेक्टर मऊरानीपुर से लेकर डीएम झाँसी तक को बार-बार फोन कर पूरी बात बताने के बाद भी कोई जिम्मेदार अधिकारी मौके तक पर नहीं पहुँचा. श्री राय द्वारा तहरीर देने के बाद भी दस दिनों तक एफआईआर दर्ज नहीं किया गया. यहाँ तक कि श्री राय द्वारा निवेदन करने के बाद भी उनका मेडिकल तक नहीं कराया गया. अंत में बाध्य हो कर श्री राय को अपना मेडिकल भी स्वयं मऊरानीपुर राजकीय अस्पताल जा कर कराना पड़ा था. एक बार अभियुक्त भानु प्रताप को थाने पर लाने के बाद उसे छोड़ दिया गया. मामला मीडिया में आने के बाद ही 01 जुलाई को एफआईआर दर्ज हुआ और अभी तक दो अभियुक्त गिरफ्तार किये गए हैं पर विधायक के पति के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई है.
Comments on “यूपी के झांसी में राजनैतिक गुंडागर्दी और इसमें डीएम-एसएसपी की मिलीभगत के खिलाफ फेसबुक पर अभियान”
ye jhansi ke prshasan ke liye sapaa shaasan kaal me koi nai baat nahi hai, yahaan to d.m.aur s.p. ki maujudgi me sapaa netaao ne unki aankhon ke samne katl tak karaaye hai aur ve aankhen band kiye rahe. is