दारुबाजी में पत्रकारों से होटल कर्मियों ने की मारपीट, मामला दर्ज

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उरई (जालौन)। शहर के चर्चित शाकाहारी दांतरे होटल में दारुबाजी करना उत्‍तर प्रदेश जर्नलिस्ट एसोसिएशन (उपजा) के प्रदेश अध्यक्ष रतन दीक्षित को महंगा पड़ गया। विवाद हो जाने पर होटल के नौकरों ने उनके समेत कई पत्रकारों से मारपीट की। उनके साथ उपजा के प्रदेश मंत्री व यूनीवार्ता के कथित संवाददाता एवं हरदोई गूजर इंटर कालेज के शिक्षक दीपक अग्निहोत्री, लोकभारती के संवाददाता और उपजा का जिला कोषाध्यक्ष ओमप्रकाश राठौर से भी होटल कर्मचारियों मारपीट की। बाद में होटल मालिक अनुराग दांतरे ने संजय मिश्रा सहित तीन अज्ञात लोगों के खिलाफ कोतवाली में मुकदमा भी दर्ज करवा दिया।

दरअसल 4 सितम्‍बर को उपजा की जिला कार्यकारिणी का शपथ समारोह था, जिसमें जिलाधिकारी रामगणेश व पुलिस अधीक्षक राकेश शंकर के साथ ही उपजा के प्रदेश अध्यक्ष रतन दीक्षित मौजूद रहे। अब चूंकि उपजा के प्रदेश अध्यक्ष रतन दीक्षित आये थे तो फिर उनकी खातिरदारी के लिए व्यापक तैयारियां की गयी और इसके लिए शहर के चर्चित होटल दांतरे होटल में दावत रखी गयी। रतन दीक्षित के साथ प्रदेश मंत्री दीपक अग्निहोत्री, उपजा कोषाध्यक्ष ओमप्रकाश राठौर उर्फ सिंथेटिक खोवा तथा संजय मिश्रा और एक-दो रिपोर्टर भी होटल जा पहुंचे। यह लोग शराब के नशे में इतने अधिक धुत थे कि होटल में खाना खाने के दौरान ही किसी बात को लेकर होटल मालिक से गाली-गलौज हो गई।

जब होटल मालिक ने उन्हें रोकने का प्रयास किया कि इसी दौरान एक युवा पत्रकार ने एक होटल कर्मचारी को लात मार दी। इसके बाद होटल के कर्मचारी एकजुट होकर पत्रकारों के साथ मारपीट शुरू कर दी। हालांकि शराब में धुत उपजा के पदाधिकारियों की हरकतों की जानकारी होटल मालिक ने पहले ही पुलिस के आलाधिकारियों को अवगत करा दी थी। इसी बीच रतन दीक्षित व प्रदेश मंत्री दीपक अग्निहोत्री किसी तरह बचकर निकल गए।

घटना की तहरीर रात 11 बजे होटल मालिक अनुराग दांतरे पुत्र स्व. राधेश्याम दांतरे के द्वारा कोतवाली उरई को दी गयी, जहां कोतवाली प्रभारी निरीक्षक संतोष सिंह ने दूरभाष पर मीडिया से घटना की पुष्टि करते हुये बताया कि अनुराग दांतरे के द्वारा दी गयी तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। जो नाम अज्ञात थे उनकी जानकारी हो गयी है, उन्हें भी शामिल कर लिया जायेगा। आधी रात के समय शहर की शांति को भंग करने वाले पत्रकारों के अराजक बर्ताव को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। पुलिस ने धारा 323, 504, 506 के तहत मामला दर्ज कर लिया है।

उधर इस मामले में पत्रकारों की अराजकता को आड़े हाथों लेते हुये जिले के वरिष्ठ पत्रकार धर्मेन्द्र द्विवेदी ने कहा कि अराजक पत्रकारों के पिटने की कोई यह पहली घटना नहीं है बल्कि इसके पहले भी पिट चुके हैं, लेकिन मलाल इस बात का है कि मीडिया की गरिमा के संरक्षण में पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारियों का रवैया लापरवाह सा होता है। ऐसे लोगों के कार्यक्रमों में जाने से पहले अधिकारियों को उनकी क्रियाकलापों और आचरण के बारे में अच्छी तरह से पता कर लेना चाहिये।



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Comments on “दारुबाजी में पत्रकारों से होटल कर्मियों ने की मारपीट, मामला दर्ज

  • पत्रकारों के नाम पर अपना उल्लू सीधा करने वाले उक्त लोगों ने अक्टूबर 2013 में इलाहाबाद के केपी कम्यूनिटी हाॅल में प्रदेश चुनाव के नाम पर हुई अवैध वसूली को खपाने के लिए एक कार्यक्रम रखा। जिसमें जमकर दारूबाजी हुई। आरोप प्रत्यारोप के बीच नशे में धुत लोगं एक दूसरे के जान के दुश्मन बन बैठे । जिसमें फर्जी उपजा के प्रदेश अध्यक्ष और इलाहाबाद प्रेस क्लब के आजीवन अध्यक्ष बन चुके रतन कुमार दीक्षित की भूमिका अहम रही। फतेहपुर एक सदस्य ने रतन कुमार दीक्षित पर अनियमितता का आरोप लगाया और काफी कहा सुनी के बाद आपा खो दिया और जमकर गोली चलायी। मौके पर पहुची थाना जार्ज टाउन पुलिस ने आरोपी को अपने कब्जे में कर एफआईआर दर्ज की। जिसकी माह बाद जमानत हो सकी। पत्रकारों की जमकर छीछालेदर हुई। इस घटना का वरिष्ठ पत्रकारों सहित कई सामाजिक संगठनों, प्रशासनिक अधिकारियों ने देश के चैथे स्तम्भ के लिए दुखद बताया और कलंकित होने वाली घटना करार दिया।
    वैसे उक्त लोगों के लिए ऐसी घटनाओं को अंजाम देना कोई नई बात नहीं हैं। पत्रकारिता के नाम पर तमाम अधिकारियों को ब्लैकमेल करने की घटनाएं आये दिन सुनने को मिलती है। इस जमात में इलाहाबाद के बडे अखबारों के दर्जनों वरिष्ठ और कनिष्ठ पत्रकार शामिल हैं।

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  • उपजा 2946 के प्रदेश अध्यक्ष एवं इलाहाबाद प्रेस क्लब के जिलाध्यक्ष रतन दीक्षित ने देश के चैथे स्तम्भ को शर्मशार करने का कार्य किया है। जिसे सामाजिक संगठनों और प्रशासनिक अधिकारियों ने भी दुखद बताया।
    ज्ञातब्य हो कि यूपी जर्नलिस्ट एसोसिएशन कानपुर पंजीयन संख्या 2946 के सम्बन्ध में सहायक श्रमायुक्त उत्तर प्रदेश कार्यालय रजिस्ट्रार ट्रेड यूनियन कानपुर ने 12 फरवरी 2007 द्वारा सूचना दिया कि उक्त संस्था पंजीयन आदेश 668-72/टी 2 दिनांक 16 मार्च 2004 द्वारा निरस्त किया जा चुका है। यह जानकारी आरटीआई के तहत प्राप्त हुई।
    इसी को आधार मानते हुए न्यायालय सिविल जज सीडी वाराणसी ने अपने आदेश में कहा कि उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट एसोसिएशन 2946 का पंजीयन चूंकि रजिस्ट्रार ट्रेड यूनियन उत्तर प्रदेश ने निरस्त कर दिया है ऐसे में मुकदमा चलाने का कोई औचित्य ही नहीं है।

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  • pankaj chaudhary says:

    मै पिछले १० सालो से रतन दीक्षित जी को जानता हु और जिस तरह से ये पूरी घटना दिखाई कई है ये तो हो ही नहीं सकता , अपने स्वाभिमान व सम्मान के लिए दीक्षित जी जाने जाते है और ये जरूर होसकता है की इसमें किसी न किसी विरोधी संघठनो का हाथ हो सकता है जिसमे दीक्षित जी की स्वक्ष छवि को कलंकित करने की साजिश है । दीक्षित जी पूरी ईमानदारी व मेहनत और त्याग की भावना के साथ हर पत्रकार के साथ सुख़ दुख में साथ खड़े रहते है ।

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  • सेवा में
    एडीटर महोदय,
    भड़ास4मीडिया, नई दिल्ली।

    विषय- 50 हजार रुपये प्रतिमाह सरकारी वेतन लेने वाले दो तानाशाह अध्यापक उपजा (उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट एसोसियेशन) के जिलाध्यक्ष बनकर जिला प्रशासन में घुसपैठ बनाने के उद्देश्य से शपथ ग्रहण समारोह का नाटक रचकर सहायक जिला सूचना अधिकारी जनपद जालौन तुलसीराम शर्मा की मिलीभगत के कारण जिला प्रशासन को गुमराह कर अध्यापक लोगों द्वारा मान्यता प्राप्त पत्रकार बनकर पत्रकारिता का दुरुपयोग करने के सम्बन्ध में।

    महोदय,
    आपको अवगत कराना है कि प्रार्थी धर्मेन्द्र द्विवेदी, ब्यूरो चीफ वीर अर्जुन, नई दिल्ली, निवासी उरई जालौन मो. नं. 9936286195 ने अध्यापकों एवं अन्य पदाधिकारियों द्वारा पत्रकारिता की आड़ में जब-जब पत्रकारिता का दुरुपयोग किया तब-तब शासन एवं प्रशासन को आगाह किया। जिसमें शासन एवं प्रशासन के हस्तक्षेप से पत्रकारिता का दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ कठोर दण्डात्मक कार्रवाई की गयी। जिसके बिन्दु निम्न प्रकार हैं।

    1- यह कि अरविन्द द्विवेदी जो दैनिक आज न्यूज पेपर के जिला संवाददाता हैं, यह व्यक्ति एमएसवी इंटर कालेज कालपी, जालौन में सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत हैं। जिसको 50 हजार रुपये प्रति माह सरकारी वेतन मिलता है। वह कितने समय शिक्षण कार्य करता है और कितने समय पत्रकारिता करता है। पत्रकारिता की आड़ में जिला प्रशासन में घुसपैठ बनाकर भूमाफियागिरी कर रहा है एवं पत्रकारिता को कलंकित कर रहा है।

    2- यह कि उत्तर प्रदेश शासन की मान्यता प्राप्त पत्रकारों की नियमावली के अनुसार सरकारी वेतन लेने वाला सहायक अध्यापक एवं व्यवसायी लोग मान्यता प्राप्त पत्रकार नहीं बन सकते। मान्यता समिति की बैठक के दौरान जिले से सूचना विभाग एवं एलआईयू विभाग की रिपोर्ट में पत्रकार के व्यवसाय के कालम में अध्यापक पद छिपाकर पूर्णकालिक पत्रकार दिखाकर सूचना विभाग एवं एलआईयू विभाग ने जानबूझकर गलत जानकारी दी है। जिससे उक्त अध्यापक की मान्यता कर दी गयी। जो न्यायोचित नहीं है। मान्यता कार्ड लेकर उक्त अध्यापक रोडवेज बसों एवं ट्रेनों में कार्ड का सीधा दुरुपयोग कर रहा है। जिसमें आपके हस्तक्षेप की आवश्यकता है।

    3- यह कि उत्तरप्रदेश जर्नलिस्ट एसोसियेशन में प्रदेश स्तर पर भी सरकारी वेतन लेने वाले अध्यापक को उपजा सदस्य बनाकर पत्रकारिता के रूप में मेरी कई सालों की पत्रकारिता में अभी तक के इतिहास में उत्तर प्रदेश के इतिहास में किसी भी डीएम द्वारा शपथ नहीं दिलवायी गयी। जो कि आपके द्वारा एवं पुलिस अधीक्षक की मौजूदगी में शपथ दिलवायी गयी। चूंकि अध्यापक संघ नियमावली एवं पत्रकारिता नियमावली दोनों में भिन्नता है क्योंकि यह चौथा स्तंभ है।

    4- यह कि जब कोई भी सहायक अध्यापक उपजा सदस्य ही नहीं बन सकता तो अरविन्द द्विवेदी उपजा के जिलाध्यक्ष कैसे बन गये और आज हिन्दी दैनिक के जिला संवाददाता जैसे लाभकारी पद पर कैसे नियुक्त हो गये और जिला प्रशासन जालौन बतौर उनके व्यक्तिगत प्रोग्रामों में चार चांद लगाने के लिये चौथे स्तंभ का मजाक उड़ा रहा है।

    5- यह कि इसी प्रकार श्री दीपक अग्निहोत्री, हरदोई इंटर कालेज, जालौन में फर्जी सहायक अध्यापक हैं। इनको भी अभी 50 हजार रुपये प्रतिमाह सरकारी वेतन मिल रहा है। इनकी नियुक्ति बिना रिक्त पद के हो गयी है। यह कौन सा विषय पढ़ाता है यह किसी को भी नहीं पता। फर्जी नियुक्ति कराकर इनके द्वारा लाखों के सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया। इनकी जांच लम्बित है। डीआईओएस की मिलीभगत के कारण पत्रकारिता की आड़ में श्री अग्निहोत्री जी सरकारी वेतन भी जबरन निकलवाते हैं।

    6- यह कि श्री दीपक अग्निहोत्री फर्जी सहायक अध्यापक के रूप में कई लाख रुपया सरकारी वेतन ले चुके हैं और उपजा के सदस्य बनकर पत्रकार पदाधिकारी की तानाशाही के चलते प्रशासन में घुसपैठ बनाने के लिये इनके द्वारा पत्रकार का बाना पहना गया। जो कि पत्रकारिता का सीधा दुरुपयोग किया जा रहा है। इनकी सहायक अध्यापक पद की मूल फाइल तलब कर जांच होने पर लाखों रुपये की रिकवरी सरकारी खजाने में पहुंच जायेगी और सुसंगत धाराओं में कानूनी दण्डात्मक कार्रवाई भी हो सकती है जिससे पत्रकारिता स्वत: समाप्त हो जायेगी।

    7- यह कि उपजा जर्नलिस्ट एसोसियेशन के नाम पर दोनों तानाशाह सहायक अध्यापकों के शपथ ग्रहण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि जिला प्रशासन जालौन को घुसपैठ बनाने के लिये चुना गया। जिससे पत्रकारिता का सीधा दुरुपयोग किया जा रहा है। जिला प्रशासन जालौन में उत्तरप्रदेश शासन को दोनों सहायक अध्यापकों द्वारा सीधी चुनौती दी जा रही है। फिर भी प्रशासन मौन है। यदि इसमें प्रशासन द्वारा लगाम नहीं लगायी गयी तो अन्य जिलों के भी अध्यापक पत्रकारिता का दुरुपयोग कर सकते हैं।

    अत: श्रीमानजी से निवेदन है कि उक्त मामले को गम्भीरता से लेते हुए सूचना विभाग की मिलीभगत के कारण उपरोक्त दोनों तानाशाह अध्यापकों की मूल पत्रावलियां तलब करने एवं उक्त शपथ ग्रहण समारोह में हस्तक्षेप करें तथा सहायक अध्यापक पद छिपाकर पत्रकारिता की आड़ में चौथे स्तंभ का दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ सुसंगत धाराओं में कानूनी दंडात्मक कार्र्रवाई करने का कष्ट करें। अन्यथा सभी पत्रकारों के लिये जो मुफलिसी में जीवन गुजार रहे हैं उनके लिये भी 50 हजार रुपये प्रतिमाह आय की व्यवस्था प्रदेश सरकार या जिला प्रशासन करे।

    भवदीय
    धर्मेन्द्र द्विवेदी
    ब्यूरो चीफ वीर अर्जुन दिल्ली,
    उरई, जनपद जालौन।

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  • amarjit singh says:

    रतन दीक्षित जी को जानता हु और जिस तरह से ये पूरी घटना दिखाई कई है ये तो हो ही नहीं सकता , अपने स्वाभिमान व सम्मान के लिए दीक्षित जी जाने जाते है और ये जरूर होसकता है की इसमें किसी न किसी विरोधी संघठनो का हाथ हो सकता है जिसमे दीक्षित जी की स्वक्ष छवि को कलंकित करने की साजिश है । दीक्षित जी पूरी ईमानदारी व मेहनत और त्याग की भावना के साथ हर पत्रकार के साथ सुख़ दुख में साथ खड़े रहते है ।

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  • उक्त जानकारी में जिन कथित पत्रकारों के नाम लिखे गए हैं उनके बारे में ऐसी शिकायतें पहली भी मिलती रही हैं । पत्रकारिता के अलावा वो सारे काम करते हैं । कार्रवाई होनी चाहिए ।

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  • चाहे तो पुष्टि भी कर सकते है की ओम प्रकाश सिंथेटिक खोवा व्यापारी जो उपजा की आड़ में नकली खोया सप्लाई का काम करता है और मनोज क्या सप्लाई करता है किसी से छुपा नही है होटल में पीटे गए और चाहो तो पूछ लो होटल कर्मचारियों से तसल्ली हो जायगी फालतू सफाई मत दो

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  • aur jis makaan me om prakash ne apna office bana rakha hai wah makaan arvind dwivdi k naam par hi hai om prakash ki khud ki gaadi par PTI lika hai maakan ke bahar dainik aaj aur khoya laane wali sabhi gadyo par dainik aaj … patrakarita kii aad me jila prashasan me guspaith banakar poora kaam logo ki zindagi me zehar gholne ka kiya ja raha hai … DIWALI aane waali hai lakho ka khoya market me khapaya jaane wala hai jiaka seedha faida upja ke arvind dwivedi aur om prakash rathour ko hi hone wala hai …. matlab saaf hai ek highschool fail admi upja ka koshaadyaksh kyu banaya gaya

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