उर्मिलेश-
वरिष्ठ पत्रकार और राष्ट्रीय राजधानी में असम सहित पूर्वोत्तर मामलों के अच्छे जानकार Kalyan Barooah का असामयिक निधन दिल्ली की हमारी पत्रकार-बिरादरी के लिए बहुत बड़ा सदमा है. अभी दो दिन पहले ही उनकी पत्नी Neelakshi Bhattacharya का निधन हुआ था.
कल्याण बरुआ दिल्ली में असम ट्रिब्यून Assam Tribune के ब्यूरो चीफ थे.
परिवार में अब उनकी बेटी है. वह विश्वविद्यालय की प्रतिभावान छात्रा है. उसके प्रति हमारी गहरी शोक-संवेदना. विश्वास है, वह अपनी मौसी की छाया में रहकर इस अपार और अकल्पनीय कष्ट और सदमे को सहने की शक्ति बटोरेगी. बिटिया को बहुत पहले मैने मयूर विहार फेज-1 की समाचार अपार्टमेंट के पास की मार्केट में कल्याण की उंगली पकड़े देखा था!
उन दिनों मैं समाचार अपार्टमेंट में रहता था और कल्याण संभवतः कला विहार में. संसद भवन, पीआईबी या दिल्ली के अन्य राजनीतिक हलकों में मिलने से पहले सप्ताह में दो या तीन बार हम लोग सुबह-सुबह मदर डेयरी के बूथ या पास के मार्केट परिसर में मिल जाते थे. मेरे मयूर विहार छोड़ने के बाद हमारी सुबह-सुबह होने वाली वे मुलाकातें भले खत़्म हो गईं पर कामकाज के दायरे वाली मुलाकातें बरक़रार रहीं. हम लोग पीआईबी या मंत्रालयों द्वारा प्रायोजित कुछ दौरों में भी कभी-कभी साथ रहे.
राज्यसभा टीवी के मेरे संक्षिप्त कार्यकाल में कल्याण बरुआ चर्चा के विभिन्न कार्यक्रमों में आते रहे. हमारी कोशिश होती थी कि पूर्वोत्तर के मामलों पर आयोजित कार्यक्रमों में उनकी उपस्थिति जरूर रहे. उन्होने संपादक के रूप में मुझे या हमारे एंकरो को कभी निराश नहीं किया. अपनी समझ और सूचना से वह हमारे हर कार्यक्रम को समृद्ध करते थे.
इस भयावह वायरस ने हमारे ऐसे समझदार, संतुलित और गतिशील पत्रकार-साथी को हम लोगों से छीन लिया. अपने देश में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं होतीं तो लोगों की मौतों का यह अबाध सिलसिला इस तरह नहीं चल रहा होता.
सादर श्रद्धांजलि, दोस्त!