सुलतानपुर। ट्रेन से फेंकी गई मासूम की खबर प्रभात और श्री टाइम्स को छोड़ और किसी अखबार ने नहीं छापी। पहले तो पुलिस भी इतनी दर्दनाक घटना पर लीपापोती करती रही। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद अब वह घटना का ब्योरा जुटाने में लग गई है।
मासूम का शव दफनाते समाजसेवी एवं पत्रकार
उल्लेखनीय है कि मंगलवार की शाम कोतवाली देहात थाना क्षेत्र के लौहरामऊ स्थित रेल्वे क्रासिंग के पास सुलतानपुर की तरफ से लम्भुआ की तरफ जा रही ट्रेन से लगभग तीन महीने की बच्ची को गिरते देखा गया था। जब ग्रामीण वहां पहुंचे तो बच्ची के कान और मुंह से खून निकल रहा था। इस हृदय विदारक घटना को देख लोगों के रोंगटे खडे हो गये। देर शाम तक बच्ची का वारिस थाने नहीं पहुंचा था इससे यह अन्दाजा लगाया गया कि बच्ची को जानबूझ कर चलती ट्रेन से नीचे फेंका गया। उधर एसओ की दलील थी कि बच्ची के शरीर पर कहीं भी चोट के निशान नहीं।
गुरूवार को पोस्ट मार्टम रिपोर्ट ने एसओ के दावे की पोल खोल दी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण सिर व पेट में गहरे जख्म बताए गए हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से वर्दीधारियों की दुश्वारी बढ़ गयी है। अब उन्हें यह पता लगाना है कि बच्ची किसकी है? किन हालात में उसे ट्रेन से फेंका गया था। बहरहाल सांई 786 सेवा समिति संस्था ने बच्ची के अन्तिम संस्कार का बीड़ा उठाया। डीएम अदिति सिंह ने समिति की मांग पर पुलिस को निर्देश दिया कि पोस्टमार्टम के बाद बच्ची के शव को समिति को सौंप दिया जाय। देर शाम समिति के पदाधिकारियों ने हथियानाला स्थित श्मशान घाट पर बच्ची को दफनाया। इस मौके पर दैनिक प्रभात के ब्यूरो प्रमुख व समिति के अध्यक्ष आसिफ बेग, मीडिया प्रभारी व कस्तूरबा सेवा संस्थान के अध्यक्ष योगेश यादव, शम्श उर्फ बाबू, सरवर, राही जन सेवा संस्थान के इन्द्रजीत राही, मुन्ना, शेरू आदि मौजूद रहे।