अभिषेक पाराशर-
कोका कोला वाले स्टोरी को लेकर भारतीय लहालोट हो रहे हैं. लेफ्ट से लेकर राइट वाले सब बवाल काटे हुए हैं. रोनाल्डो ने क्या गजब कर दिया! लेकिन इसमें कोई गलती नहीं है. खबर को लेकर उनकी समझ ऐसी ही है. वास्तव में कोका कोला के शेयरों पर कोई फर्क नहीं पड़ा है. रोनाल्डो के बोतल हटाने से तो बिलकुल नहीं. फिर भारत में यह खबर क्यों चली? क्योंकि ऑस्ट्रेलियन एसोसिएटेड प्रेस ने यह बकवास खबर चला दी और फिर भारत में लोगों ने हाथों हाथ इसे लूट लिया. कट कॉपी पेस्ट का यह शानदार नमूना है.
ऑस्ट्रेलियन एसोसिएटेड प्रेस की खबर के मुताबिक, कोका कोला का शेयर 56.10 डॉलर पर ट्रेड हो रहा था और रोनाल्डो की धमाकेदार कार्रवाई के बाद यह फिसलकर 55.22 डॉलर पर आ गया और जब मैं यह पोस्ट लिख रहा हूं तो यह स्टॉक 55.04 डॉलर प्रति शेयर पर ट्रेड हो रहा है.
अब पीछे चलते हैं. पिछले पांच दिनों से कोका कोला का शेयर मामूली गिरावट के साथ ही ट्रेड कर रहा है. 10 जून को यह स्टॉक 55.91 डॉलर पर ट्रेड कर रहा था और 11 जून को अधिकतम 56.18 डॉलर के स्तर पर गया और अब 55.07 डॉलर के ट्रेड पर. पिछले एक महीने का डेटा लेकर देखेंगे तो यही ट्रेंड नजर आएगा. 17 मई को स्टॉक 54.64 डॉलर पर ट्रेड कर रहा था 27 मई को 55.49 डॉलर, 4 जून को 56.24 डॉलर, 11 जून को 56.16 डॉलर के रेंज में ही ट्रेड कर रहा था. पिछले एक महीने का ट्रेंड भी यही है. 53 डॉलर से 56 डॉलर के बीच.
किसी निवेशक से आप पूछेंगे तो आपको यह बताएगा कि यह बेहद सामान्य ट्रेडिंग पैटर्न है. एक से दो परसेंट का उतार चढ़ाव एकदम सामान्य है. कुछ नहीं हुआ है कोका कोला के शेयर में.
किसी भी कंपनी के स्टॉक की कीमतों में यह स्थिति स्टैगनेशन यानी स्थिरता कहलाती है. यह किसी भी स्टॉक में रैली की शुरुआत का लक्षण होता है. मतलब सपाट शब्दों में समझा जाए तो स्टॉक कंसॉलिडेट हो रहा है. इसलिए कोका कोला के शेयरों पर रोनाल्डो के कोक की की बोतल हटाने से कोई फर्क नहीं पड़ा. कुछ नहीं हुआ. स्टॉक बिलकुल सामान्य तरीके से ट्रेड कर रहा है.
रोनाल्डो या किसी भी इंफ्लूएंसर की इतनी औकात नहीं है कि वह दो बोतल हटा दें और स्टॉक धाराशायी हो जाए, विशेषकर खपत वाला स्टॉक. ऐसे स्टॉक कुछ और कारणों से धाराशायी होते हैं. नेस्ले का मैगी प्रकरण याद होगा आपको. समझने के लिए उसका रेफरेंस लिया जा सकता है.