Connect with us

Hi, what are you looking for?

टीवी

इंटरव्यू सिर्फ बहाना था, लोकसभा में पहले से काम कर रहे धीरज सिंह की नियुक्ति तय थी

अमर उजाला और स्टार न्यूज जैसे मीडिया संस्थानों में वरिष्ठ पदों पर काम कर चुके व कई वर्षों से मुंबई में रहकर अर्थकाम डाट काम का संचालन कर रहे वरिष्ठ पत्रकार अनिल सिंह 10 से 13 अक्टूबर तक दिल्ली में थे. वे लोकसभा टीवी के लिए निकली वैकेंसी के लिए इंटरव्यू देने आए थे. इस पद के लिए कई जेनुइन जर्नलिस्टों ने इंटरव्यू दिया लेकिन यह पद पहले से फिक्स था. अनिल सिंह ने इंटरव्यू के अनुभव और सवाल जवाब को अपने फेसबुक वॉल पर डाला है. वे लिखते हैं-

अमर उजाला और स्टार न्यूज जैसे मीडिया संस्थानों में वरिष्ठ पदों पर काम कर चुके व कई वर्षों से मुंबई में रहकर अर्थकाम डाट काम का संचालन कर रहे वरिष्ठ पत्रकार अनिल सिंह 10 से 13 अक्टूबर तक दिल्ली में थे. वे लोकसभा टीवी के लिए निकली वैकेंसी के लिए इंटरव्यू देने आए थे. इस पद के लिए कई जेनुइन जर्नलिस्टों ने इंटरव्यू दिया लेकिन यह पद पहले से फिक्स था. अनिल सिंह ने इंटरव्यू के अनुभव और सवाल जवाब को अपने फेसबुक वॉल पर डाला है. वे लिखते हैं-

मेरा इंटरव्यू लोकसभा सचिवालय में कार्यरत अतिरिक्त सचिव के. विजयकृष्णन ने लिया. इन्होंने पक्की हिंदी में बात की. उनके साथ में दो चंगू-मंगू भी थे जो इंटरव्यू के दौरान बस मुंडी हिलाते रहे. मुझे पता तो था कि इसमें लोकसभा में पहले से काम कर रहे धीरज सिंह को ही लिया जाना है. लेकिन जिस तरह मोदी की नीतियों के विरोधी अरविंद सुब्रह्मणियन को सरकार का प्रधान आर्थिक सलाहकार बनाया गया, उससे मुझे लगा कि शायद अपनी भी लह जाए. दो बातों का खास अफसोस है. एक यह कि मुझे इस इंटरव्यू में 100 में से मात्र 38 अंक दिए गए. दूसरे दिल्ली आने-जाने में मेरे करीब 5500 रुपए स्वाहा हो गए. इसने मन को थोड़े समय के लिए तोड़ा और ऊपर से कंगाली में परमामेंट आटा गीला कर दिया. जनधन से चलनेवाली सरकार हमारे ही धन से चलनेवाले संस्थान में अपने मर्जी के लोगों को ठेलने के ऐसा छल हम जैसे मासूम/मूर्ख लोगों के साथ करती है जिनको भ्रम होता है कि वे कुछ नायाब कर सकते हैं. लेकिन क्या कीजिएगा, कुछ करने की मासूम सदिच्छाएं ऐसी ही क्रूरता का शिकार होने के लिए अभिशप्त हैं तब तक, जब तक देश में सचमुच का लोकतंत्र नहीं आता. अपने साथ हुए छल का बयान कभी अलग से करूंगा… और हां, मैं गलती से पत्रकार बन गया. अंदर से अच्छी चीजों के लिए लड़नेवाला सामाजिक सिपाही पहले भी था और आज भी हूं. पत्रकारों को तब भी गाली देता था, अब भी देता हूं क्योंकि उनमें से 99% अंदर से दल्ले होते हैं.

Advertisement. Scroll to continue reading.

अनिल सिंह ने इंटरव्यू में हुए सवाल-जवाब को फेसबुक वॉल पर डालकर अपने एफबी फ्रेंड्स से पूछा है कि उन्हें इसके लिए कितने नंबर मिलने चाहिए थे. अनिल ने वॉल पर जो लिखा है, उसे नीचे दे रहे हैं….

इस इंटरव्यू को कितने नंबर!

Advertisement. Scroll to continue reading.

Anil Singh : मित्रों! आप सभी से जानना चाहता हूं कि नीचे दिए गए सवाल-जवाब के आधार पर आप इंटरव्यू देनेवाले को, यानी मुझे 100 में से कितने नंबर देंगे? कृपया एकदम निष्पक्षता से अंक दें क्योंकि इसके आधार पर मुझे अपना मूल्यांकन करना है। धन्यवाद..

लोकसभा टीवी में आप क्यों आना चाहते हैं?
– हमारी संसद नीचे तक नहीं पहुंची है। लोकतंत्र के बहुत सारे initiatives निचले स्तर पर हो रहे हैं राज्यों से लेकर शहरों-कस्बों और गांवों तक। गुजरात, महाराष्ट्र से लेकर मध्य प्रदेश और केरल तक। बहुत सारी चिनगारियां जगह-जगह बिखरी हैं। लोकसभा टीवी में रहकर उन्हें शोकेस किया जा सकता है, तमाम प्रोग्राम बनाए जा सकते हैं…

Advertisement. Scroll to continue reading.

लेकिन लोकसभा टीवी क्यों, किसी दूसरे चैनल में क्यों नहीं?
– दूसरे चैनलों के बिजनेस मॉडल में basic inherent fault है। ये चैनल पूरी तरह advertisement based हैं। जब तक ये चैनल subscription based नहीं होंगे, तब तक कंटेंट पर एक खास किस्म का दबाव बना रहेगा। वहीं tax payers money पर चलनेवाले चैनल (लोकसभा टीवी) पर ऐसा कोई दबाव नहीं होता…

लेकिन टाइम जैसी मैगज़ीन भी विज्ञापन पर चलती है…
– आपकी बात एकदम सही है। लेकिन मेरा कहना है कि subscription + advertisement revenue का एक बैलेंस, एक मिक्स होगा तभी कंटेंट पर दबाव हल्का हो सकता है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

स्टार न्यूज़ के बाद आप कहां थे?
– भास्कर समूह के बिजनेस अखबार का मुंबई ब्यरो चीफ था।

उसके बाद आपने अपना वेंचर अर्थकाम शुरू किया। कितने लोगों की टीम है उसमें?
– पहले काफी लोग जुड़ने लगे थे। आईआईएम अहमदाबाद व इकनॉमिक टाइम्स की तरफ से पावर ऑफ आइडियाज़ में चुने जाने के बाद कुछ निवेशकों ने संपर्क किया था। लेकिन उनका निवेश finally नहीं मिला तो बाहर से लिखनेवालों को कुछ दे नहीं सका तो वे निष्क्रिय हो गए। अभी तो बस तीन लोग हैं। मैं, मेरी पत्नी जो mainly technical aspect देखती हैं। और केयर रेटिंग्स के एक executive हैं जिनसे हम research input लेते हैं।

Advertisement. Scroll to continue reading.

केयर रेटिंग्स क्या states की भी रेटिंग करती है?
– नहीं वो मुख्यतया कंपनियों की ही रेटिंग करती है, खासकर लिस्टेड कंपनियों की। हां, small scale sector पर भी उसका खास फोकस है।

क्या आपको लगता है कि आप लोकसभा टीवी में काम संभाल पाएंगे?
– क्यों नहीं, अमर उजाला कारोबार में मैंने 40-50 लोगों की टीम को lead किया था…

Advertisement. Scroll to continue reading.

नहीं, मैं वो नहीं कह रहा। आपका परिवार मुंबई में है तो आप यहां दिल्ली आकर कैसे काम करेंगे?
– इसमें कोई दिक्कत नहीं है। अब सभी independent स्थिति में हैं। पत्नी design पर अपनी वेबसाइट चलाती हैं। बड़ी बेटी का इंजीनियरिंग final year है, छोटी लॉ के five years course के third year में है। फिर (थोड़ा हंसते हुए) कुछ समय के लिए, दो-तीन साल के लिए दूरी बढ़ती है तो आपसी जुड़ाव renew और पहले से ज्यादा strong हो जाता है।

ठीक है। हम आपको बताते हैं… Thank you!
– Thanks, thanks a lot!

Advertisement. Scroll to continue reading.

(सारे सवाल हिंदी में पूछे गए तो जवाब भी हिंदी में ही दिए गए)


उपरोक्त स्टेटस पर आए ढेर सारे कमेंट्स में से कुछ प्रमुख कमेंट इस प्रकार हैं…

Advertisement. Scroll to continue reading.

Pankaj Gandhi Jaiswal : 95 aur 5 isliye kata ki aapne chingari word use kiya tha Jise sarkari channel nahi pasand karegi

Sudarshan Juyal : मैं ज़रा पुरानी शिक्षा प्रणाली से गुजरा हुआ हूं, जहां ७५% मतलब कमाल… इसलिऐ ७६% दे रहा हूं…

Advertisement. Scroll to continue reading.

Vimal Verma : इस साक्षात्कार में आपकी ईमानदारी पूरी तरह से झलकती है पर आपने अपने जर्मनी वाले काम पर ज़ोर नहीं दिया, उसके मैं २० नंबर काट रहा हूँ. !! इसलिए ८० नंबर दे रहा हूँ !

Pramod Singh : नंबर टंबर गया चूल्‍हे में, असल चक्‍कर है काम होता है या नहीं..

Advertisement. Scroll to continue reading.

Sanjay Tiwari : आपने यह क्यों नहीं कहा कि टाइम मैगजीन डेढ़ सौ रूपये की मिलती है. इसीलिए उन्हें आपका मॉडल समझ में नहीं आया.

Jyotin Kumar : विमल जी की बात सही है.… आपको अपने जर्मनी असाइनमेंट का जिक्र करना चाहिए था. वैसे सभी सवालों के जवाब बहुत अच्छे दिए हैं विशेषकर अर्थकाम पर और आखिर मैं फैमिली बॉन्डिंग पर. मेरे हिसाब से कोई दिक्कत नहीं आनी चाहिए। वैसे इंटरव्यू लिया किसने था?

Advertisement. Scroll to continue reading.

Amar Pandey : आपको आपकी बेवक़ूफ़ी के लिए १० अंक मिलेंगे क्योंकि आप मुंबई से इंटरव्यू देने आ गए. आप कैसे बुद्धू पतरकार हैं? क्या आपको पता नहीं था कि यहाँ इंटरव्यू पर कोई भर्ती नहीं होनी थी? हद है, इस ज़माने में आप जैसे अहमक पत्रकार हैं!

Jagat Mishra : Sir..number dene waala mai to kuch nahi hu aapke saamne..vo add agency waala idea aaj bhi surakshit hai apna.. Aapke sikhaaye logo ki fauj khadi hai aaj.. Bas aap haami bhariye.. Thakathito ko dher karne ke liye hum hi bahut hai sir..

Advertisement. Scroll to continue reading.

Vivek Rastogi : हम तो सुने हैं कि इस टीवी में केवल भा.प्र.से. वालों की पत्नियों को ही लिया जाता है, वैसे अगर मुझे लेना होता तो मैं 80 नंबर देकर ले लेता, आप बहुत सीध सपाट बोलते हैं, 20 नंबर उसके काट दिये

SK Mukherjee : अपने शुभचिंतकों का धन्यवाद करिये. जिन्होंने अखबार में छोटी सी लाइन के ज़रिये, अपनी वेबसाइट के ज़रिये, अर्थकाम का प्रचार कर तमाम लोगों को अर्थकाम के बारे में बताया. नंबर का तो पता नहीं,लेकिन आने वाले 5-10 साल अर्थकाम के पास सिर्फ काम ही काम होगा. मेरी तरफ से आपके शुभचिंतकों को प्रणाम. ऐसे शुभचिंतक कम लोगों को ही नसिब होते है. अखबार में छ्पी उस छोटी सी लाइन के ज़रिये ही, मै भी अर्थकाम के बारे में पहली बार जान सका था.

Advertisement. Scroll to continue reading.

Harshvardhan Tripathi : मैं आपका मूल्यांकन नहीं कर सकता क्योंकि, मैं आपके मामले में निष्पक्ष नहीं हो सकता। इससे बेहतर बात किसी ने की हो तो मुझे पता नहीं। सचमुच समझ में नहीं आ रहा कि इस देश में हिंदी के किसी प्रकल्प को क्यों निवेशक नहीं मिलते। वरना आप मुझे और मुझ जैसे ढेर सारे लोगों को नौकरी दे सकते थे। बस और क्या कहूं…

Badrinath Tarate : मेरे नंबर आपके व्यक्तित्व लिये है बाकि जो नंबर काटे है क्यू की आप लोगो पर ज्यादा विश्वास रखते है। आप को ज्यादा विश्वास नहीं रखना चाहिए क्यू की राज्यसभा चॅनेल ने अभी कुछ दिनों पहले ऐसी महिला पत्रकार को एंकर बनाया है जिसको एक निजी न्यूज़ चॅनेल ने निकाल बाहर किया जिसने ६५ साल के आदमी (शायद वो कोई राज्य का मुखमंत्रीभी था ) से अफेयर किया और २ बच्चों को छोड़कर उसके साथ उड़नछू हो गयी और हैरानी की बात ये है ! की वो अभी राष्ट्रीय चॅनेल पैर नैतिकता के पाठ पड़ा रही है। और कुछ बावले लोग उस से खुश खबरी की उमीद लगा बैठे है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

Raghuveer Richaariya : Sir, interview dena band kariye, interview lena shuru kariye. Fir karenge LSTV mai aapka interview lene wale ka mulyankan

Anil Kumar Singh अच्छा लगा आप ने भी इन्टरब्यू दिया जब कि पत्रकार केवल इन्टरब्यू लेते है.जॅहा तक नम्बर देने की बात है आप स्वय अपने आप को नम्बर दे अपना आकल कर के, उसमे दस नम्बर मेरा जोड़ दे.

Advertisement. Scroll to continue reading.

Kamal Sharma आपका इंटरव्‍यू तो अच्‍छा है। जवाब भी अच्‍छे हैं। लेकिन वहां अंधा बांटे रेवडी, फिर फिर अपने को ही देय वाले हालात हैं। बस आपका चयन हो जाए इसकी शुभकामना।


संबंधित खबरें….

Advertisement. Scroll to continue reading.

लोकसभा चैनल के एडिटर इन चीफ कम सीईओ पद के लिए किस-किस ने किया है अप्लाई, पढ़ें पूरी लिस्ट

xxx

भड़ास की खबर सच हुई, सीमा गुप्ता बन गईं लोकसभा टीवी की सीईओ और एडिटर इन चीफ (देखें किस पत्रकार को कितना नंबर मिला)

xxx

Advertisement. Scroll to continue reading.

लोकसभा चैनल के सीईओ और एडिटर इन चीफ पद के लिए इंटरव्यू लेने वाले पैनल में किसी का बैकग्राउंड टीवी का नहीं!

xxx

लोकसभा टीवी का हाल : 100 नंबर का इंटरव्यू पांच मिनट में, केवल तीन सवाल पूछे

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

0 Comments

  1. अनिल सिंह

    November 17, 2014 at 9:24 am

    असल में मेरा इंटरव्यू लोकसभा टीवी में Executive Director (Programmes) के लिए था न कि CEO/Editor in Chief के लिए। इसलिए इंट्रो में सुधार कर लें तो ठीक रहेगा।
    धन्यवाद।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement