लोकसभा टीवी के लिए डॉयरेक्टर प्रोग्रामिंग की पोस्ट के लिए मैंने आवेदन दिया था। अक्तूबर महीने में 11 तारीख को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। मेरा रोल नंबर 8 था लेकिन 8 तक के रोल नंबर में से केवल चार लोग ही आए थे। इंटरव्यू बोर्ड में तीन लोग थे जिनमें से दो सरकारी अफसर और एक पत्रकार थे जिन्हें मैंने नहीं देखा कभी और उनका नाम भी पता नहीं है। पत्रकारिता जगत में कोई जाना-पहचाना नाम भी नहीं है उनका। तीन में से दो सरकारी अफसर चुप रहे। एक व्यक्ति ने ही तीन सवाल पूछे….
पहला सवाल- आप जी न्यूज़ में क्या करती थीं, ज़ी न्यूज़ क्यों छोड़ दिया?
दूसरा सवाल- आप कहां रहती हैं?
तीसरा सवाल- आपको लोकसभा टीवी कैसा लगता है?
अच्छा थैंक्यू ……
मात्र इतना सा संवाद। किस आधार पर नंबर दिए, कैसे दिए, समझ नहीं आता। जिन लोगों को सबसे ज्यादा नंबर दिए गए वो तो पहले से ही लोक सभा टीवी में हैं। जिनकी इस पद पर नियुक्ति हुई वो भी पहले से ही लोक सभा टीवी में हैं। फिर इतना झमेला क्यों। जब लोकसभा टीवी में पहले से ही इतने निपुण, बुद्धिमान और क्रिएटिव लोग मौजूद थे फिर विज्ञापन देने की क्या ज़रूरत थी।
सर्जना शर्मा
पत्रकार
दिल्ली
सर्जना शर्मा का प्रिंट और इलेक्ट्रोनिक मीडिया मे लंबा अनुभव है. टाइम्स ग्रुप, संडे मेल, बीबीसी, जी न्यूज समेत कई बड़े संस्थानों में वरिष्ठ पदों पर काम कर चुकी हैं. जी न्यूज में करीब पंद्रह साल तक इन्होंने काम किया.
Comments on “लोकसभा टीवी का हाल : 100 नंबर का इंटरव्यू पांच मिनट में, केवल तीन सवाल पूछे”
धीरज सिंह जो कि पहले से ही लोकसभा टीवी में हैं, उन्हें नियुक्त किया गया है, 100 में सो 74 नंबर दिए गए हैं. दूसरे नंबर पर पंकज सक्सेना हैं, वो भी पहले से ही लोकसभीा टीवी में हैं. सीईओ पद की उम्मीदवार को भी 66 नंबर मिले थे फिर इनको इतने नंबर क्यों? इतने ही क्रिएटिव थे तो फिर अब तक इन्होंने सुधार क्यों नहीं कर दिए? इतने रद्दी प्रोग्राम कैसे बनते हैं लोकसभा टीवी में। कुछ हजम होने लायक तो होना चाहिए।
andhe ki rewri phir-phir apne ko de……ish mamle me bjp…..congras koi kam nahi hai