Anil Singh अमिताभ बच्चन की बिनानी सीमेंट ‘सदियों’ के बजाय साल में निपट गई! जिधर भी देखो, अपने यहां ठग ही ठग भरे पड़े हैं। निराला ने दशकों से पहले लिखा था– खुला भेद विजयी कहाए हुए जो / लहू दूसरों का पिए जा रहे हैं। इसी हफ्ते आई फिल्म ‘ठग्स ऑफ हिंदोस्तान’ में अमिताभ …
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PNB फ्रॉड पर एक सर्राफा कारोबारी ने दो साल पहले PM मोदी को पत्र भेजा था पर हुआ कुछ नहीं
Anil Singh : सारी सज़ा कांग्रेस को, सारा मज़ा इन बेशर्मों का! कितन बेशर्म हैं ये लोग! पंजाब नेशनल बैंक के प्रबंध निदेशक सुनील मेहता खुद कह रहे हैं कि 11,360 करोड़ रुपए का घोटाला इसी जनवरी माह के तीसरे हफ्ते में उजागर हुआ। जो लेटर ऑफ अंडरटेकिंग जारी किए गए और जिनके आधार पर ये सारा फ्रॉड हुआ, वो पिछले दो साल में जारी किए गए। लेकिन ये कह रहे हैं कि यह घोटाला यूपीए के शासनकाल का है।
सत्ता मद में चूर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सेना का घनघोर अपमान किया
Anil Singh : नौसेना का घनघोर अपमान किया गडकरी ने! वैसे तो मैं सेना का कतई समर्थन नहीं करता क्योंकि मैं भारतीय पुलिस व प्रशासनिक व्यवस्था की तरह इसे भी अंग्रेज़ों के औपनिवेशिक शासन की निरंतरता मानता हूं। यह काफी हद तक सच भी है। फिर भी यह एक संवैधानिक संस्था है जिसका अपमान करने का हक किसी को नहीं बनता। खासकर उसका, जो संविधान की शपथ लेकर केंद्र सरकार में मंत्री बना हो।
‘द वायर’ की रिपोर्टर रोहिणी सिंह ने पक्ष जानना चाहा तो जय शाह के वकील माणिक डोगरा ने ये भेजा जवाब….
Anil Singh : भयावह है सच को दबाने की धमकी.. ‘द वायर’ की रिपोर्टर रोहिणी सिंह ने अपनी खबर पर जय शाह का पक्ष जानना चाहा तो उनके वकील माणिक डोगरा ने लिखा…
If you or anyone in the print, electronic or digital media carries and/or broadcasts any defamatory and/or false imputations including those which breach his fundamental right of privacy and/or defame him, Mr. Jay Shah reserves the right to prosecute and sue such person/entity including anyone who carries or broadcasts a repetition of such libelous / defamatory statement.
क्या अब एबीपी न्यूज़ और एनडीटीवी पर भी मानहानि का मुकदमा ठोंका जाएगा?
रिजर्व बैंक के आंकड़े दे रहे गवाही, कालाधन रखना अब ज्यादा आसान हुआ!
Anil Singh : 2000 के नोट 1000 पर भारी, कालाधन रखना आसान! आम धारणा है कि बड़े नोटों में कालाधन रखा जाता है। मोदी सरकार ने इसी तर्क के दम पर 1000 और 500 के पुराने नोट खत्म किए थे। अब रिजर्व बैंक का आंकड़ा कहता है कि मार्च 2017 तक सिस्टम में 2000 रुपए के नोटों में रखे धन की मात्रा 6,57,100 करोड़ रुपए है, जबकि नोटबंदी से पहले 1000 रुपए के नोटों में रखे धन की मात्रा इससे 24,500 करोड़ रुपए कम 6,32,600 करोड़ रुपए थी।
नवरात्र में मोदी जी 10 करोड़ रुपए का मिनरल पी गए… क्या यह घोटाला नहीं है?
Anil Singh : घोटाले की जुबान बंद तो बोलेगा कौन! मोदी सरकार का बड़ा दावा है कि अब तक उस पर भ्रष्टाचार का संगीन आरोप नहीं लगा है। लेकिन कौन खोजकर निकालेगा आपके भ्रष्टाचार! लोकपाल की नियुक्ति आपने अभी तक होने नहीं दी। सीएजी पहले रक्षा सचिव रह चुके हैं और संघी विचारधारा के करीबी बताए जाते हैं। सीवीसी का मामला भी इधर-उधर में लटका रहा।
यूपी के जमाने में तब राजीव शुक्ला थे, भाजपा के जमाने में अब हेमा मालिनी हैं!
Anil Singh : तब राजीव शुक्ला थे, अब हेमा मालिनी हैं! कैसे मान लें कि सगे-संबंधियों को फायदा पहुंचाने का दलाल पूंजीवाद भाजपा के आने से ठंडा पड़ गया है। यूपीए के जमाने में कांग्रेस के सांसद राजीव शुक्ला को मुंबई में औने-पौने दाम पर ज़मीन आवंटित की गई थी।
पेशे व योग्यता से शेयर ब्रोकर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भावनाओं से खेलने में उस्ताद हैं
Anil Singh : राजनीति के दल्ले कहीं के! संसदीय राजनीति हो या मकान की खरीद, शेयर बाज़ार या किसी चीज़ की मंडी, दलाल, ब्रोकर या बिचौलिए लोगों की भावनाओं को भड़काकर अपना उल्लू सीधा करते हैं। राजनीति में सेवा-भाव ही प्रधान होना चाहिए था। लेकिन यहां भी भावनाओं के ताप पर पार्टी या व्यक्तिगत स्वार्थ की रोटियां सेंकी जाती हैं। इसीलिए इसमें वैसे ही लोग सफल भी होते हैं।
एनडीटीवी भी हुई मुकेश अंबानी की!
Anil Singh : खबर बड़ी सनसनीखेज़, लेकिन सच लगती है। इसे लिखा है हर्षद मेहता कांड का भंडाफोड़ करनेवाली जानीमानी पत्रकार सुचेता दलाल ने गहरी पड़ताल के बाद। खबर का सार यह है कि मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज़ से जुड़ी कंपनी, विश्वप्रधान कमर्शियल प्रा. लिमिटेड ने जुलाई 2009 में एनडीटीवी के मालिक प्रणय रॉय, उनकी पत्नी राधिका रॉय और उनकी निजी होल्डिंग कंपनी आरआरपीआर होल्डिंग प्रा. लिमिटेड को बैंक का कर्ज उतारने के लिए 350 करोड़ रुपए का ब्याज-मुक्त ऋण दिया था।
मोदी रैली : दिल्ली में भाजपा को 22 से 24 सीटें मिल जाएं तो बहुत है
Anil Singh : झूठ में पीएचडी तुम्हारी तो नसीहत किसको! महामना मोदी जी ने रामलीला मैदान की रैली में कहा कि वे देश में पहली बार बिजली में सर्विस प्रोवाइडर चुनने का विकल्प देने जा रहे हैं। लेकिन प्रधानमंत्री जी, यह सुविधा तो मुंबई में पिछले कई सालों से उपलब्ध हैं। खुद मैंने उसी फ्लैट में रहते हुए रिलायंस इंफ्रा को छोड़कर सवा साल पहले टाटा पावर की सेवा ली है। आपने कहा कि जनधन योजना में पहली बार गरीबों के बैंक खाते खोले गए। महोदय, आपको इतना तो पता ही होगा कि वर्तमान राष्ट्रपति और तब के वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने 10 फरवरी 2011 को स्वाभिमान योजना के तहत वित्तीय समावेशन कार्यक्रम की घोषणा की थी, जिसका नाम अब आपने बदलकर जनधन योजना कर दिया है।
गुजरात मॉडल : करो जितना भी, नगाड़ा बजाओ जमकर
Anil Singh : यूपी व बंगाल में भी गुजरात मॉडल! गुजरात मॉडल का ‘चमत्कार’ दूसरे राज्यों की सरकारों को भी समझ में आ गया है तो वे भी इसे अपनाने लगी है। खासकर हाल में ही पश्चिम बंगाल की ममता सरकार और अब उत्तर प्रदेश की अखिलेश सरकार ने इसे अपना लिया है। असल में कुछ दिनों पहले गुजरात सरकार के एक रसूखदार आला अफसर से मुंबई में मुलाकात हो गई तो कई घंटे की अंतरंग बातचीत से पता चला कि गुजरात का मॉडल यह है कि करो जितना भी, नगाड़ा बजाओ जमकर।
गुजरात में महुआ के फूलों का सरकारी संरक्षण में वन विभाग द्वारा विनाश किया जाता है!
Anil Singh : महुआ भारतीय जीवनशैली, संस्कृति और परंपरा से जुड़ा पेड़ है। आदिवासी समाज में तो इसे जीवन का वृक्ष मानता है। बचपन में इसके ताजा फूलों को बीनने, खाने की यादें अब भी जेहन में ताज़ा हैं। इसके मीठे ठेकुआ का स्वाद अब भी नहीं भूला। कोइनी बीनने और घानी में उसका तेल निकालना भी याद है। आजी, उसके जो उपयोग बताती थीं, वह भी याद है।
दान देने में बौद्ध अव्वल, सनातनी फिसड्डी!
Anil Singh : हाल ही में ब्रिटेन के चैरिटी एड फाउंडेशन ने साल 2014 का वर्ल्ड गिविंग इंडेक्स जारी किया है। इसमें दुनिया में 135 देशों में धन व समय दान करने और अनजान व्यक्ति की मदद करने की प्रवृति का आकलन किया गया है। इस सूचकांक में अमेरिका सबसे ऊपर है। आश्चर्य की बात है कि उसके साथ म्यांमार भी नंबर एक पर है।
रेप सुगम बनाने वाले ‘ऊबर’ को उबारने की कवायद, मोदी सरकार ने रेडियो टैक्सी स्कीम में संशोधन कर दिया
Anil Singh : क्या इसी तरह चलेगा इनका ‘मेक इन इंडिया’!!! दिल्ली में सरकार ने ऊबर और दूसरी टैक्सी सेवाओं को वापस लाने के लिए रेडियो टैक्सी स्कीम 2006 में संशोधन किए और तत्काल उन्हें नोटिफाई भी कर दिया। खुद ही समझ लीजिए कि सरकार बलात्कार को सुगम बनानेवालों को बचाना चाहती है या इस जघन्य अपराध का शिकार होनेवालों की हिफाजत करना चाहती है।
पहले प्रधानमंत्री मौनी था, अब ढोंगी है!
Anil Singh : देश ने दस साल तक मनमोहन सिंह जैसे मौनी प्रधानमंत्री को झेला। अब मोदी के रूप में उसे ढोंगी प्रधानमंत्री को झेलना पड़ रहा है। मन की बात में मोदी ने कहा था कि ड्रग्स का धन आतंकवादियो को जाता है। अब पता चला है कि पंजाब में उनकी ही साझा सरकार के मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ड्रग्स के धंधे में लिप्त हैं। यही नहीं, मजीठिया मोदी सरकार की मंत्री हरसिमरत कौर के छोटे भाई हैं। ड्रग्स रैकेट के मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय कर रहा है जो केवल मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर सकता है, इस मामले की सही जांच सीबीआई ही कर सकती है। हर जगह बातों की तोप दागनेवाले प्रधानमंत्री आखिर धर्म-परिवर्तन पर संसद में आकर बयान क्यों नहीं दे रहे! क्या यह देश के सर्वोच्च सदन की अवमानना नहीं है? कहीं ऐसा तो नहीं कि जनता से झूठ बोलकर सत्ता में पहुंचे नमो को अपने बेनकाब होने का डर सताने लगा है! दिक्कत यह है कि विकल्पहीनता के चक्कर में अवाम के सामने इस ढोंगी और वाचाल को चुनने के अलावा कोई विकल्प भी तो नहीं है। दिल्ली में यकीनन विकल्प है, लेकिन उसे भी सर्वे का शंख बजाकर दबाने की कोशिश की जा रही है।
ताऊ बोल्या, ये तो मने शकल से ही स्मगलर लागे से…
मोदी जी! इसके लिए ऑस्ट्रेलिया मत जाइए, महाराष्ट्र के डॉ. श्रीपाद दाभोलकर से मिलिए
Anil Singh : ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिक क्यों, डॉ. दाभोलकर क्यों नहीं? प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं, “मैं ऑस्ट्रेलिया गया। वहां की यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों से मिला। किस काम के लिए मिला। मैंने कहा कि हमारे किसान खेती करते हैं, मूंग, अरहर और चने की खेती करते हैं, लेकिन एक एकड़ भूमि में जितनी पैदावार होनी चाहिए, उतनी नहीं होती।”
मोदी की चुनावी हवा बनाने में मदद करने वालों के बीच 10,000 करोड़ रुपए बंटेगा!
Anil Singh : 10,000 करोड़ की वेंचर पूंजी असल में है किसके लिए? बजट आने के बाद से ही एक सवाल मन को मथे जा रहा है तो सोचा कि आप सभी मित्रों से साझा कर लूं। बजट में नए उद्यमियों या स्टार्ट अप को वेंचर कैपिटल उपलब्ध कराने के लिए 10,000 करोड़ रुपए का फंड बनाया गया है। लेकिन मुंबई में फाइनेंस की दुनिया में शुरू से ही चर्चा है कि यह धन मोदी की चुनावी हवा बनाने में मदद करनेवाले लोगों के बीच बांटने के लिए है।
हर दिन लाखों का विज्ञापन चैनलों पर देने वाले खरबपति बाबा की सुरक्षा पर जनता का धन खर्च होगा
Anil Singh : नेताओं को ही नहीं, कलियुगी साधुओं और बाबाओ को भी सुरक्षा की तगड़ी ज़रूरत है तो बाबा रामदेव को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने Z सुरक्षा देने का फैसला कर लिया है। राजनाथ सिंह ने मन ही मन सोचा – खर्च तो जनधन ही होगा, अपना या अपने पूत का क्या जाता है! कांग्रेस ने बड़ी चोरी की तो भाजपा ने छोटी चोरी की, इसमें क्या बुराई…. इस किस्म के तर्क दे रहे हैं कुछ लोग। मित्र, संत को कभी राजाश्रय या सुरक्षा की ज़रूरत नहीं होती। इसका एक अर्थ तो यही है कि यह बाबा संत नहीं, कुसंत है। दूसरे खरबों की संपत्ति वाला बाबा हर दिन लाखों का विज्ञापन न्यूज़ चैनलों पर दे सकता है तो अपनी सुरक्षा का इंतज़ाम खुद क्यों नहीं कर सकता? आखिर क्यों उस पर हमारा यानी करदाताओं का धन लुटाया जा रहा है?
इंटरव्यू सिर्फ बहाना था, लोकसभा में पहले से काम कर रहे धीरज सिंह की नियुक्ति तय थी
अमर उजाला और स्टार न्यूज जैसे मीडिया संस्थानों में वरिष्ठ पदों पर काम कर चुके व कई वर्षों से मुंबई में रहकर अर्थकाम डाट काम का संचालन कर रहे वरिष्ठ पत्रकार अनिल सिंह 10 से 13 अक्टूबर तक दिल्ली में थे. वे लोकसभा टीवी के लिए निकली वैकेंसी के लिए इंटरव्यू देने आए थे. इस पद के लिए कई जेनुइन जर्नलिस्टों ने इंटरव्यू दिया लेकिन यह पद पहले से फिक्स था. अनिल सिंह ने इंटरव्यू के अनुभव और सवाल जवाब को अपने फेसबुक वॉल पर डाला है. वे लिखते हैं-
मोदी सरकार ने जनता के हिस्से के 6000 करोड़ रुपये हड़प लिए!
Anil Singh : बेशर्मी की हद है…. इस सरकार ने एक झटके में लूट लिए 6000 करोड़ रुपये… महंगाई खत्म करने के वादे के साथ सत्ता में आई मोदी सरकार को इतनी भी शर्म नहीं है कि अंतरराष्ट्रीय वजहों से सस्ते हुए पेट्रोल व डीजल का पूरा लाभ अवाम तक पहुंचने दे। मौका ताड़कर उसने अनब्रांडेड पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 1.20 से बढ़ाकर 2.70 रुपए, ब्रांडेड पेट्रोल पर 2.35 से बढ़ाकर 3.85 रुपए, अनब्रांडेड डीजल पर 1.46 रुपए से बढ़ाकर 2.96 रुपए और ब्रांडेड डीजल पर 3.75 से बढ़ाकर 5.25 रुपए कर दिया। इससे उसे अभी से लेकर मार्च 2015 तक के साढ़े चार महीनों में ही 6000 करोड़ रुपए मिल जाएंगे।
जनधन योजना या जन-बचत पर हाथ साफ!
Anil Singh : प्रधानमंत्री मोदी ने कल मैडिसन स्क्वायर पर बताया कि कैसे उन्होंने जनधन योजना चलाई और बैंकवाले उन लोगों तक पहुंचे जहां अभी तक केवल पोस्ट वाले पहुंचते थे। लेकिन मोदी जी से हमारा विनम्र सवाल है कि आपकी सरकार इसी इंडिया पोस्ट को बैंक बनाने का लाइसेंस क्यों नहीं दे देती? इसके पास तो देश भर में 1.55 लाख पोस्ट ऑफिसों का नेटवर्क है। वो लाखों लोगों की बचत और सरकारी लघु बचत योजनाएं पहले से चलाती है। उसके पोस्ट बैंक ऑफ इंडिया को बैंकिंग लाइसेंस मिल जाए तो वो देखते ही देखते भारतीय स्टेट बैंक के बाद दूसरा सबसे बड़ा बैंक बन जाएगा और 4 करोड़ नहीं, 40 करोड़ बैंक खाते खटाखट खुल जाएंगे। लेकिन पहले यूपीए सरकार के वित्त मंत्रालय ने इसका विरोध किया और अब आपकी सरकार इसे नज़रअंदाज़ कर रही है।