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नदीम अहमद काजमी का जंगलराज (पार्ट दो) : चुनाव बाद भी लगाम अपने हाथ में रखने की तैयारी!

नदीम अहमद काजमी ने प्रेस क्लब आफ इंडिया का जो हाल कर दिया है, उसे पटरी पर लाने में क्लब की नई चुनी जा रही समिति को बहुत मशक्कत करनी पड़ेगी. अगर नदीम अहमद काजमी के पैनल का आदमी सेक्रेट्री जनरल चुन लिया गया तो यकीन मानिए कि क्लब पटरी पर क्या आएगा, जंगलराज की अराजकता बहुत ज्यादा बढ़ जाएगी. वैसे भी कहा जा रहा है कि नदीम अहमद काजमी अपने पैनल में एनडीटीवी के मनोरंजन भारती उर्फ बाबा और सुधि वगैरह को लाकर एक तरह से लगाम अपने हाथ में रखने की तैयारी में हैं. आइए जानते हैं कि नदीम अहमद काजमी ने अपने कार्यकाल में क्या क्या बड़े पाप किए हैं…

<p>नदीम अहमद काजमी ने प्रेस क्लब आफ इंडिया का जो हाल कर दिया है, उसे पटरी पर लाने में क्लब की नई चुनी जा रही समिति को बहुत मशक्कत करनी पड़ेगी. अगर नदीम अहमद काजमी के पैनल का आदमी सेक्रेट्री जनरल चुन लिया गया तो यकीन मानिए कि क्लब पटरी पर क्या आएगा, जंगलराज की अराजकता बहुत ज्यादा बढ़ जाएगी. वैसे भी कहा जा रहा है कि नदीम अहमद काजमी अपने पैनल में एनडीटीवी के मनोरंजन भारती उर्फ बाबा और सुधि वगैरह को लाकर एक तरह से लगाम अपने हाथ में रखने की तैयारी में हैं. आइए जानते हैं कि नदीम अहमद काजमी ने अपने कार्यकाल में क्या क्या बड़े पाप किए हैं...</p>

नदीम अहमद काजमी ने प्रेस क्लब आफ इंडिया का जो हाल कर दिया है, उसे पटरी पर लाने में क्लब की नई चुनी जा रही समिति को बहुत मशक्कत करनी पड़ेगी. अगर नदीम अहमद काजमी के पैनल का आदमी सेक्रेट्री जनरल चुन लिया गया तो यकीन मानिए कि क्लब पटरी पर क्या आएगा, जंगलराज की अराजकता बहुत ज्यादा बढ़ जाएगी. वैसे भी कहा जा रहा है कि नदीम अहमद काजमी अपने पैनल में एनडीटीवी के मनोरंजन भारती उर्फ बाबा और सुधि वगैरह को लाकर एक तरह से लगाम अपने हाथ में रखने की तैयारी में हैं. आइए जानते हैं कि नदीम अहमद काजमी ने अपने कार्यकाल में क्या क्या बड़े पाप किए हैं…

नदीम ने पूरे साल इलेक्टेड कमेटी के सामने नहीं रखा खर्चे का ब्योरा. कमेटी मेम्बर ने चुनाव देरी से कराने पर कई सवाल उठाये लेकिन नदीम ने हर बार टाल दिया. नदीम ने स्पेशल कैटेगरी के कई मेम्बर बना दिए लेकिन इसकी जानकारी किसी को नहीं दी और ना ही मैनेजिंग कमेटी से अनुमति ली. नियम है कि सभी सदस्य जब इजाजत देंगे तभी एसोसिएट मेम्बर बनाए जा सकते हैं. आरोप है कि पैसा बनाने के लिए नदीम ने अकेले फ़ैसला लिया. किसी को इसकी जानकारी नहीं दी.

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पत्रकारों को सदस्यता देते वक़्त नदीम की ग़लत नीयत सामने आयी. लिस्ट में हर दूसरा सदस्य मुस्लिम दिखा. इसकी कोई ज़रूरत नहीं थी. क्लब में पत्रकार को सदस्यता उनके काम से मिलती है, ना की धर्म या जाति से. एक बैंक अकाउंट सीज हुआ तो नदीम ने फिर से किसी को जानकारी नहीं दी. ट्रेज़रर अरुण जोशी ने जब किसी सदस्य को बताया तो नदीम ने अरुण जोशी को भी अपने साथ कर लिया जिससे कोई तथ्य पर बोलने वाला ही नहीं रहा.

क्लब में बदलाव पर जो भी ख़र्च हुआ, इसकी किसी को कोई जानकारी नहीं थी, सिवाय नदीम या उनके एक दो लोगों के अलावा. इवेंट में सड़क छाप लोगों की परफारमेन्स पर 60000 के चेक दिए. सवाल उठने पर तुरंत जल्दबाज़ी में पेमेंट कर दिया. क्लब की बुरी हालत में पहुँच चुकी रसोई पर पूरे साल काम कारने की जगह राजनीति चलती रही.

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नदीम की इन हरकतों से क्लब की प्रबंध समिति के कई सदस्य बेहद नाराज रहे. कइयों ने तो इसी विरोध को जताने के लिए चुनाव तक नहीं लड़ा इस बार. उदाहरण के तौर पर विनीता यादव का नाम लिया जा सकता है. विनीता पिछले तीन साल से क्लब की मैनेजिंग कमेटी की सदस्य रहीं और दो साल ज्वाइंट सेक्रेट्री. विनीता को सराहना इसलिए की जाती है क्योंकि उन्होंने प्रेस क्लब में कई ऐसे काम किए, आयोजन कराए जिससे क्लब की सकारात्मक छवि बनी. विनीता ने नदीम की बढ़ती तानाशाही और अराजकता को देखकर न सिर्फ नाराजगी जाहिर की बल्कि इसके विरोध में खुलकर बोला-लिखा. खासकर नदीम द्वारा कई फैसले अकेले लिए जाने और क्लब के संविधान को ताक पर रख दिए जाने से विनीता काफी नाराज रहीं. नदीम कहते तो ये रहे कि वे काफी काम कर रहे लेकिन सच्चाई यही है कि उन्होंने क्लब के कायदे कानूनों की जमकर धज्जियां उड़ाई और अपनी मनमानी की.

पिछले बीस साल से क्लब से चिपके रहने वाले नदीम ने भले ही इस साल चुनाव न लड़ने का ऐलान किया हो लेकिन गौतम लाहिरी के पैनल में नदीम ने वो चेहरे फिक्स कर दिए हैं जिनके जरिए वह क्लब में अपने मन मुताबिक काम कराने में सफल रहेंगे. यानि वे चुनाव न लड़कर भी क्लब पर कब्जा जमाने की पूरी साजिश रच चुके हैं. किसी न किसी तरह क्लब में नदीम अपनी मनमर्जी चलाना चाहते हैं. नदीम ने अपने हिसाब से क्लब में कई नेताओं को ओबलाइज किया. नदीम के इन गलत कामों से खफा विनीता ने कोर कमेटी की मीटिंग में जमकर विरोध किया. बताया जाता है कि नदीम ने सबके सामने अपने गलत कामों के लिए माफी मांगी लेकिन यह केवल दिखावा से ज्यादा कुछ नहीं था. नदीम अब परदे के पीछे बैठकर राजनीति करने में जुटे हैं.

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