जिस नदीम अहमद काजमी ने NDTV के लिए दिन-रात पसीना बहाया, उसी पर प्रबंधन ने गिरा दी गाज

प्रेस क्लब आफ इंडिया के सेक्रेट्री जनरल रह चुके नदीम अहमद काजमी को भी एनडीटीवी प्रबंधन ने नहीं बख्शा. भारी संख्या में छंटनी की लिस्ट में नदीम का भी नाम है. सूत्रों का कहना है कि एनडीटीवी इंडिया यानि एनडीटीवी ग्रुप के हिंदी न्यूज चैनल की सभी डेस्कों से मिलाकर सिर्फ एक शख्स को नौकरी से निकाले जाने का फरमान सुनाया गया है और वो हैं नदीम अहमद काजमी.

नदीम अहमद काज़मी

An Open Letter to new PCI president Shri Gautam Lahiri

Dear Sir,

Please accept my Durga Puja and Dussehra greetings.

Congratulations on your resounding victory. I impose great trust in your able leadership as president of the Press Club of India (PCI). You have earned respect and admiration all these years through your sheer hard work and integrity. But, Sir, at PCI you have succeeded something which I would describe as a “bed of thorns”. The erstwhile PCI Secretary-General has left behind him a legacy of falsehood, distrust, and fraud played by him on the Club, in general, and members, in particular.

प्रेस क्लब आफ इंडिया चुनाव 2016 : ये है फाइनल लिस्ट, देखिए कौन कितने वोट से हारा, कौन जीता

प्रेस क्लब आफ इंडिया चुनाव 2016 में हार जीत की फाइनल लिस्ट आ गई है. निवर्तमान महासचिव नदीम अहमद काजमी द्वारा समर्थित लाहिरी-विनय पैनल को भारी जीत मिली है. सिर्फ मैनेजिंग कमेटी में तीन सदस्य इस पैनल से बाहर के जीते हैं जिसमें एक अनीता चौधरी हैं जो बाला-कृष्णा पैनल से थीं. समृद्धि भटनागर और रवि बत्रा निर्दल लड़े और जीते. इन तीन के अलावा सभी वो जीते जो लाहिरी-विनय पैनल के थे. लाहिरी-विनय पैनल ने काफी मतों से अपने प्रतिद्वंदियों को पछाड़ा. मतगणना का काम आज सुबह चार बजे खत्म हुआ. ये है हार जीत की पूरी लिस्ट…

प्रेस क्लब आफ इंडिया चुनाव के शुरुआती रुझान : गौतम-विनय-मनोरंजन-अरुण पैनल जीत की ओर

रायसीना रोड स्थित प्रेस क्लब आफ इंडिया में वोटों की गिनती का काम जोरों पर है. जो शुरुआती रुझान मिल रहे हैं उसके मुताबिक गौतम लाहिरी (अध्यक्ष), विनय कुमार (सेक्रेट्री जनरल), मनोरंजन भारती (उपाध्यक्ष) और अरुण जोशी (कोषाध्यक्ष) पैनल जीत की तरफ तेजी से अग्रसर है. इस पैनल के मैनेजिंग कमेटी के लगभग 14 सदस्य जीत की ओर हैं. राष्ट्रीय सहारा के संजय सिंह लगातार छठीं बार जीत दर्ज कराने जा रहे हैं.

नदीम अहमद काजमी का जंगलराज (पार्ट दो) : चुनाव बाद भी लगाम अपने हाथ में रखने की तैयारी!

नदीम अहमद काजमी ने प्रेस क्लब आफ इंडिया का जो हाल कर दिया है, उसे पटरी पर लाने में क्लब की नई चुनी जा रही समिति को बहुत मशक्कत करनी पड़ेगी. अगर नदीम अहमद काजमी के पैनल का आदमी सेक्रेट्री जनरल चुन लिया गया तो यकीन मानिए कि क्लब पटरी पर क्या आएगा, जंगलराज की अराजकता बहुत ज्यादा बढ़ जाएगी. वैसे भी कहा जा रहा है कि नदीम अहमद काजमी अपने पैनल में एनडीटीवी के मनोरंजन भारती उर्फ बाबा और सुधि वगैरह को लाकर एक तरह से लगाम अपने हाथ में रखने की तैयारी में हैं. आइए जानते हैं कि नदीम अहमद काजमी ने अपने कार्यकाल में क्या क्या बड़े पाप किए हैं…

नदीम अहमद काजमी ने ‘गौतम-विनय-मनोरंजन-अरुण’ पैनल को जिताने की अपील की

Nadeem Ahmad Kazmi : Dear Friends, I am not in fray this year in Press club Elections as we ourselves amended the constitution not to contest on Office bearer post after two years and i respect the amendment in toto. Elections are on 1st October and my support is for the Gautam Lahiri, Vinay Kumar, Manoranjan Bharti, Arun Joshi and Jomy Thomas panel.

प्रेस क्लब आफ इंडिया अपने सबसे खराब दौर में, विनीता ने उठाई आवाज़

Vineeta Yadav : प्रेस क्लब में यूँ तो कोई दिलचस्पी नहीं थी लेकिन कुछ लोगों ने कहीं न कहीं ये विश्वास दिला दिया था कि क्लब को हमारे जैसे लोगों की भी शायद ज़रूरत है और शुरुआती दो साल हमने अपनी भागीदारी देने की कोशिश भी की क्लब को बेहतर तस्वीर में लाने के लिए. लेकिन इस साल सारी मेहनत पानी सी हो गयी क्यूँकि तानाशाही का रवैया यूँ दिखा कि एक एक करके हर कोना ईमानदारी का ध्वस्त होता दिखने लगा.

कंपनी एक्ट में बदलाव के कारण प्रेस क्लब आफ इंडिया का चुनाव टला!

प्रेस क्लब आफ इंडिया के सालाना चुनाव कई हफ्तों के लिए टल गए हैं. इसके पीछे कई तरह के कयास लगाए गए. कुछ लोगों ने गंभीर किस्म के आरोप भी लगाए. पर अब प्रेस क्लब आफ इंडिया की मैनेजिंग कमेटी ने स्पष्ट किया है कि आखिर किन वजहों से चुनाव टालने को मजबूर होना पड़ा. इसके पीछे वजह बताया गया कंपनी एक्ट में कई महत्वपूर्ण बदलाव. उन बदलावों के अनुरूप प्रेस क्लब को ढालने के लिए वक्त चाहिए. इसी वजह से चुनाव टालने जैसा बड़ा व मुश्किल फैसला लेना पड़ा. यह वजह कितना पर्याप्त है चुनाव टालने के लिए, ये तो प्रेस क्लब के सदस्य गण बताएंगे लेकिन प्रेस क्लब आफ इंडिया की तरफ से इसके सदस्यों को चुनाव टालने को लेकर जो मेल भेजा गया है, उसकी एक प्रति भड़ास के पास भी है, जिसे यहां प्रकाशित किया जा रहा है.