कुकुरमुत्तों की तरह न्यूज चैनल खुलने लगे हैं. नए नए पत्रकार बने लोग इन नए नए चैनल में ज्वाइन करते हैं. जब कई महीने काम कर लेते हैं तो उन्हें धीरे धीरे परम ज्ञान मिलने लगता है. कई चीजें समझ में आने लगती हैं. पता चलता है कि यहां तो सेलरी ही नहीं मिल रही, वर्कलोड दिन प्रतिदिन बढ़ाया जा रहा है, चैनल के संचालक फ्राड किस्म के लोग हैं जिनका उद्देश्य पत्रकारिता करना नहीं बल्कि उगाही करना है….
जब तक मीडियाकर्मी चैनल को ठीक से समझ पाते और अपने हक के लिए एकजुट हो पाते तब तक चैनल संलाचक अपने कर्मियों की छंटनी कर देते हैं, बिना सेलरी दिए. फिर नए लेबर भर लेते हैं मुफ्त में काम कराने के लिए.
नवतेज टीवी में ऐसा ही हुआ. इसके फ्राड किस्म के संचालकों ने कई बार झूठे वादे किए. चेक देने के बाद भी सेलरी नहीं रिलीज किया. फिर वादे किए लेकिन ये वादे भी झूठे साबित होते गए. चेक बाउंस होते गए. सेलरी मांग रहे मीडियाकर्मी निराश उदास फ्रस्ट्रेट हो जाते हैं. यहां तक कि प्रबंधन के चिरकुट टाइम लोग इन युवा मीडियाकर्मियों को धमकाने लगते हैं, बिना सेलरी लिए चुपचाप घर बैठ जाने को कहते हैं.
कई महीनों की सेलरी पाने की आस लगाए मीडियाकर्मी अब समझ नहीं पा रहे हैं कि वे क्या करें. वे सब कुछ तो कर चुके. फ्राड संचालकों के घर जाकर हो हल्ला कर पाए. पुलिस अफसरों से मिल लिए. लिखा-पढ़ी कर दी. यहां वहां छपवा दिया. फेसबुक ट्विटर पर अभियान चला लिया. प्रबंधकों से हर बार झूठे वादे मिलते. इन गलत लोगों को कोई दंडित करने वाला नहीं.
नवतेज टीवी में कार्यरत रहे कई मीडियाकर्मी सेलरी के लिए अब भी भटक रहे हैं. इन्हीं में से एक हैं जुझारू युवा मीडियाकर्मी असीम शर्मा. अब जब सारे मीडियाकर्मी निराश हताश हो चुप बैठ गए हैं, असीम ने अपने फ्राड संचालकों की शिकायत सीएम योगी के पोर्टल पर कर दी है. जल्द ही वे पुलिस अफसरों से नए सिरे से मिलकर इस फ्राड चैनल व इसके संचालकों के खिलाफ केस दर्ज कराएंगे.
देखें असीम की शिकायत के स्क्रीनशाट्स-
इस सेलरी कांड को समझने के लिए नीचे दिए शीर्षकों पर क्लिक करते जाएं और नवतेज टीवी के कर्ताधर्ताओं के हरामीपने को पढ़ते जाएं-