यौन उत्पीड़न के कई मामलों में आरोपी टेरी के कार्यकारी उपाध्यक्ष और जाने माने पर्यावरणविद आरके पचौरी ने टाइम्स आफ इंडिया और टाइम्स नाऊ को संचालित करने वाली मीडिया कंपनी बेनेट कोलमैन कंपनी लिमिटेड के खिलाफ याचिका अदालत से वापस ली. पचौरी ने बेनेट कोलमैन के खिलाफ कार्यवाही करने और जांच के नतीजे से संबंधित खबरों के प्रकाशन पर रोक लगाने की मांग मानने से इनकार करने वाले एकल पीठ के फैसले को चुनौती दी थी.
पचौरी ने अपने खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों का खंडन किया है. उन्होंने अपने वकील के माध्यम से न्यायमूर्ति गीता मित्तल और न्यायमूर्ति आई एस मेहता से कहा है कि क्षति पहले ही हो चुकी है और प्रकाशन अब भी चल रहा है. इसलिए अपील को पीठ के समक्ष लंबित रखने का कोई मतलब नहीं है. पचौरी की तरफ से उपस्थित अधिवक्ता आशीष दीक्षित ने कहा कि आरोपी मीडिया हाउस बेनेट कोलमैन के खिलाफ विचार के लिए निचली अदालत के समक्ष एक दीवानी मानहानि का मुकदमा लंबित है. उस पर गुण-दोष के आधार पर फैसला होगा.
दलीलों का संज्ञान लेने के बाद अदालत ने उन्हें एकल न्यायाधीश के 18 फरवरी 2015 के आदेश के खिलाफ उनकी अपील को वापस लेने की अनुमति दे दी. एकल न्यायाधीश ने पचौरी के खिलाफ जांच के नतीजे की रिपोर्टिंग करने से मीडिया को पूरी तरह रोकने के उनके अनुरोध को खारिज कर दिया था. इस बीच, टेरी के पूर्व प्रमुख आरके पचौरी की पूर्व सचिव होने का दावा करने वाली एक यूरोपीय महिला ने अब उन पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। इससे पहले टेरी में काम करने वाली दो महिलाओं ने पचौरी के खिलाफ इसी तरह के आरोप लगाये थे। जाने माने पर्यावरणविद पचौरी के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों के मामले में फरियादी का पक्ष रख रहीं जानीमानी वकील वृंदा ग्रोवर को लिखे पत्र में महिला ने कहा कि वह 2008 में पचौरी की सचिव के रूप में ‘द एनर्जी एंड रिसोर्सिस इंस्टीट्यूट’ (टेरी) में काम करती थी। उसने फरवरी 2015 में ग्रोवर से संपर्क किया था, जब उसे यौन उत्पीड़न के एक मामले में पचौरी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने का पता चला था।
ग्रोवर ने महिला के बयान मीडिया संस्थानों को भेजे, जिसमें उसने कहा, ‘मुझे याद है कि फरवरी 2015 के तीसरे हफ्ते में मैंने कुछ खबरें पढ़ी थीं, जिसमें कहा गया था कि टेरी की एक कर्मचारी ने आरके पचौरी के खिलाफ उसके यौन उत्पीड़न की आपराधिक शिकायत दर्ज की थी। इन खबरों को पढ़ने के बाद मैं बिल्कुल भी हैरान नहीं थी। मैं उस चीज को अच्छी तरह समझ सकती हूं जो दूसरी महिला ने अपने बयान में लिखा।’
महिला ने दावा किया कि जब पचौरी ने उसका उत्पीड़न किया, वह 19 साल की थी। उसका पक्ष ग्रोवर और एक और वकील रत्ना आपनेंदर रखेंगी। रत्ना ने कहा कि पुलिस को बयान के बारे में बता दिया गया है और कहा गया है कि महिला उनके सामने मौजूदगी दर्ज कराने के लिए तैयार है, लेकिन उन्होंने उससे संपर्क करने का कोई प्रयास नहीं किया। महिला की राष्ट्रीयता उजागर नहीं की गई है। उसने कहा कि उसने अपने साथ और भारतीय लोगों के साथ पचौरी के व्यवहार में बड़ा अंतर देखा था। भारतीयों के साथ वह विनम्रतापूर्ण दूरी रखते थे।
आरके पचौरी ने बेनेट कोलमैन के खिलाफ जो याचिका दायर की थी, उसे पढ़ने के लिए नीचे क्लिक करें..