पत्र-पत्रिकाओं को प्रकाशन के 48 घंटों के भीतर प्रेस रजिस्ट्रार और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को भेजना होगा!

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सचिव

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार, शास्त्री भवन

नई दिल्ली-110001

महोदय,

अवगत कराना है कि भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत भारत के समाचार पत्रों के रजिस्ट्रार (RNI), सेंट्रल ब्यूरो आफ कम्युनिकेशन (CBC) व पत्र सूचना कार्यालय (PIB) है । जिसमें CBC व PIB का प्रमुख कार्य सरकार की उपलब्धियों का प्रचार व प्रसार करना मात्र हैं ।

अभी हाल ही में 25 सितंबर 2023 को आर.एन.आई. द्वारा देश के समस्त प्रकाशकों के लिए जारी की गई एडवाइजरी क्रमांक 2/23 में बताया गया कि प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ बुक एक्ट्स 1867 की धारा 11 बी और समाचार पत्रों के केंद्रीय नियमों के पंजीकरण एक्ट 1956 के तहत 48 घंटों के भीतर प्रकाशन की एक प्रति प्रेस रजिस्ट्रार को भेजना अनिवार्य है, अन्यथा 2000/- रुपए जुर्माना के अतिरिक्त टाइटल निलंबन एवं निरस्त करने की कार्रवाई भी की जा सकती है । इस नये फरमान के अनुसार देश भर के दैनिक, साप्ताहिक पाक्षिक एवं मासिक समाचार पत्र पत्रिकाओं को प्रकाशन के 48 घंटों के भीतर प्रतियां प्रेस रजिस्ट्रार एवं सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार के दफ्तर में प्रस्तुत करनी होगी ।

एडवाइजरी में बताया गया कि 13 वें पी.आर.बी. अधिनियम तथा जन विश्वास अधिनियम 2023 के अंतर्गत पी.आर.बी. की धारा 12 के अनुसार समाचार पत्र पत्रिकाओं के प्रकाशन वितरण करने में विफल रहने पर गैर डिलीवरी की धारा 11 ए और 11 बी की अनुपालन में पंजीकरण के निलंबन एवं रद्द करने का निर्णय भी किया जा सकता है । इसलिए सभी प्रकाशकों को इस नई गाइडलाइन के तहत अपने प्रकाशन की प्रति डाक या अपने किसी दूत के माध्यम से प्रेस रजिस्टार एवं प्रेस सूचना ब्यूरो के निकटतम क्षेत्रीय कार्यालय में 48 घंटे के भीतर प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा अन्यथा आर. एन. आई. रजिस्टर्ड समाचार पत्र पत्रिकाओं के खिलाफ कड़ी कार्यवाही कर सकती है ।

ज्ञातव्य हो कि अभी तक वार्षिक विवरणी (रिटर्न) नहीं भेजने वाले समाचार पत्रों से 1000 रुपए वार्षिक जुर्माना शुल्क लिए जाने का प्रावधान था । परंतु अब नए नियमों के तहत समाचार पत्रों का रजिस्ट्रेशन रद्द भी किया जा सकता है । संभवत 1950 में R.N.I. का गठन हुआ था तब मीडिया की स्थिति अलग थी । अब मीडिया जगत में काफी विस्तार व विकास हो चुका है ।R.N.I. श्रम शक्ति के अभाव के चलते किसी भी समस्या का उचित निराकरण व जबाव देना उचित नहीं समझता । R.N.I. में मात्र 40 के आस पास ही मानव शक्ति है । पी. आई. बी. में जमा कराए गए वार्षिक विवरण की रसीद को आर. एन. आई. नहीं मानता है । अनेकों समाचार पत्र व पत्रिकाओं के रजिस्ट्रेशन के प्रमाण पत्र वर्षो से संशोधित अथवा जारी नहीं किए जा रहे हैं । सरकार एक ओर कागज बचाने के लिए आनलाइन कार्य करने पर जोर दे रही है, इसके विपरीत R.N.I. हजारों समाचार पत्रों से नियमित फाईल जमा कराने की आड़ में प्रकाशक के कागज व अन्य खर्च बढ़ाने का षडयंत्र कर रही है । समाचार पत्र की नियमितता जांचने के लिए PDF फाइल ली जा सकती है । जिसमें किसी भी श्रम शक्ति की आवश्यकता नहीं होगी । प्रकाशक पर आनलाइन प्रति उपलब्ध कराने की श्रम शक्ति व आर्थिक भार रहेगा । देश के विभिन्न प्रदेशों में पी.आई.बी. कार्यालय की दूरी 50 से 500 किलोमीटर तक हैं । पूरे देश में मात्र 29 स्थान प्रतियों को जमा करने के लिए घोषित किये गए हैं । पूरे देश में 700 से अधिक जिले है । पहले से ही प्रकाशक जिले के जिलाधिकारी, सूचना अधिकारी व जिले के अन्य अधिकारियों तथा प्रदेश के सूचना निदेशालयों में नियमित रूप से प्रतियां उपलब्ध कराते रहे है । साथ ही C.B.C. से मान्यता प्राप्त समाचार पत्र P.I.B. और C.B.C. में टोकन के माध्यम से पूरे महीने की प्रतियां जमा करते हैं । तब फिर 48 घंटों में समाचार पत्रों की प्रतियां प्रस्तुत करने को क्यों विवश किया जा रहा है ?

आपसे आग्रह है कि आप देश भर के प्रकाशकों की परेशानी को दृष्टिगत रखते हुए R.N.I. के इस आदेश को निरस्त करने की अनुकम्पा करें ।

भवदीय

अशोक कुमार नवरत्न

पूर्व सदस्य, भारतीय प्रेस परिषद

राष्ट्रीय महासचिव, ऑल इंडिया स्मॉल एण्ड मीडियम न्यूजपेपर्स फेडरेशन, नई दिल्ली ।

Email : ashoknavratan@gmail.com

प्रतिलिपि आवश्यक कार्यवाही हेतु :

1- न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई जी

चेयरमैन, भारतीय प्रेस परिषद,

नई दिल्ली ।

2- माननीय श्री अनुराग ठाकुर जी

सूचना एवं प्रसारण मंत्री, भारत सरकार नई दिल्ली ।

3- महानिदेशक,भारत के समाचार पत्रों के पंजीयक, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली ।

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