बदायूं। स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर स्थानीय नगर पालिका परिसर में हुए कवि सम्मेलन व मुशायरे में संयोजक अशोक खुराना के पत्रकार पुत्र विवेक खुराना पर कवियों पर जूते फेंकने का आरोप लगा है। संयोजक अशोक खुराना ने मंच से नीचे आकर काव्य पाठ कर रहे कवि के विरोध में जमकर हंगामा किया। लिहाजा अफरातफरी और हुड़दंग की वजह से चंद घंटे बाद ही कवि सम्मेलन बीच में ही समाप्त हो गया।
बदायूं नगर पालिका में गत वर्षों की भांति इस बार भी स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर बुधवार की रात कवि सम्मेलन व मुशायरे का आयोजन हुआ। टैंट व्यवसायी अशोक खुराना कवि सम्मेलन व मुशायरे के संयोजक की हैसियत से कवियों के साथ मंच पर बैठे। उन्होंने काव्य पाठ करने वाले कवियों की लिस्ट पर अपनी सहमति दी और आमंत्रित कवियों का माल्यार्पण कर अभिनंदन भी किया। कई कवियों व शायरों के काव्य पाठ करने के बाद संचालक कामेश पाठक ने वरिष्ठ ओज कवि कुलदीप अंगार को काव्य पाठ के लिए आमंत्रित किया। ओज कवि कुलदीप अंगार ने वाल्मीकि से लेकर आज तक कविता की यात्रा पर कविता पेश की। उनकी कविता का छंद था कि ”शब्द शब्द में कमाल काव्य, अर्थ में यह उछाल पैदा हो गए, कविता के नये रंग भूषण बिहारी, रंग कविरा के वंश में कमाल पैदा हो गए, कविता लगा कर कालचक्रों का यह जाल, आज काव्य गोष्ठी के दलाल पैदा हो गए”।
आरोप है कि संचालक अशोक खुराना के पुत्र विवेक खुराना ने काव्य पाठ कर रहे कवि कुलदीप अंगार पर जूता फेंके. दोनों जूते कवि को छूते हुए मंच के पास जा गिरे. कवि पर जूता फेंकते ही अफरातफरी का माहौल हो गया. कवि व श्रोताओं ने जूता मारने का विरोध किया. इसी बीच जूता फेंकने वाले के संचालक पिता अशोक खुराना मंच से कूद कर नीचे आ गए. वह काव्य पाठ कर रहे कवि श्री अंगार पर भड़क गए. कहा- क्या मै दलाल हूं.
वीडियो में कवि अंगार यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि वह किसी व्यक्ति विशेष को कुछ नहीं कह रहे, वह तो वाल्मीकि से लेकर आज तक की कविता की वेयात्रा पर कविता कह रहे हैं. यहां इतने कवि व शायर बैठे हैं किसी को बुरा नहीं लगा, संचालक महोदय क्यों बुरा मान रहे, अपने को दलाल क्यों समझ रहे हैं? आपके बेटे को शराब पीकर यहां आने और कवियों पर जूता फेंकने का अधिकार किसने दिया।
कवि कुलदीप अंगार सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में साफ कहते नजर आ रहे हैं कि संचालक अशोक खुराना और उनका पत्रकार बेटा विवेक खुराना सार्वजनिक रूप से उनसे माफी मांगते हैं तो वह दोनों बाप-बेटे को माफ कर देंगे। उनका सार्वजनिक अपमान हुआ है, तो उन्हें सार्वजनिक तौर पर कवियों, सभ्रांत लोगों के सामने ही माफी मांगनी पड़ेगी। दोनों माफी मांगते हैं तो वह उन्हें माफ कर देंगे। मालूम रहे कवि कुलदीप अंगार शहर के रघुनाथ मंदिर (पंजाबी मंदिर) के मुख्य पुजारी भी हैं।
कवि कुलदीप अंगार का कहना है कि नगर पालिका में आयोजित कवि सम्मेलन में उनकी हत्या की प्लानिंग थी। सभी कुछ पूर्व नियोजित था। उन पर योजनाबद्ध ढंग से हमला किया गया है। उन्होंने अभी भी अपनी जानमाल को खतरा बताया है।
नगर पालिका के ईओ संजय तिवारी द्वारा जारी पत्र के अनुसार स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित कवि सम्मेलन व मुशायरे के लिए एक समिति बनाई गई थी जिसमें संयोजक अशोक खुराना और डा. अक्षत अशेष थे। सह संयोजक मुजाहिद नाज, अहमद अमजदी और अरविंद सिंह राठौर थे। कवि पर जूता फंकने के दौरान भी ईओ संजय तिवारी व कर्मचारी उपेंद्र उपाध्याय व अन्य कर्मचारी मौजूद थे। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में अशोक खुराना एक कागज लहराते हुए कह रहे हैं कि देखो ईओ साहब मै घटना से दो घंटे पहले आपको कह चुका था कि कवि सम्मेलन में बाधा उत्पन्न होगी, यह कवि कुछ गड़बड़ करेगा।
देखें वीडियो-