अमर उजाला न्यूज़ वेबसाइट पर एक पेज है जो सिर्फ वयस्कों के लिए है। इस पेज पर यौन संबंधी अधकचरा ज्ञान परोसा जाता है। इस यौन कूड़ेदान में अगर आप नाक-भौं सिकोड़ते हुए झांकेंगे तो दाएं साइड में दिख जाएगी ‘पिंकी की डायरी’। यह एक कुंवारी युवती के अंदर की वासना की डायरी है। पिंकी अपनी अंतर्वासना को डायरी के पन्नों में खुलकर लिखती है जिसे पढ़कर आपको मस्तराम की याद आ जाएगी।
लखनऊ के कॉल सेंटर में काम करने वाली 22-23 साल की लड़की पिंकी की डायरी की एक बानगी देखिए। डायरी के पन्ने का हेडलाइन है- खुद-ब-खुद मेरे हाथ मेरी उस जगह पर पहुँच गए और फिर… (अब हाथ कहां पहुंच गए इस बारे में बताने की जरूरत नहीं है) आगे इस डायरी के पन्ने का एक अंश पढ़िए, जिसमें दोस्तों को विषयी होते देख पिंकी और आस्था के वाशरूम में हस्तमैथुन करने के दृश्य का वर्णन हैः
‘आज खुद-ब-खुद मेरे हाथ मेरी उस जगह पर पहुँच गए, दिमाग ये बात जान चुका था कि जो आस्था बाथरूम में कर रही थी वही मेरी बॉडी भी डिमांड कर रही है लेकिन अपनी फ्रेंड की फ्रेंड के घर ये सब करना क्या सही होगा? लेकिन जिनी और विक्रम को लव मेकिंग करते देख खुद पर काबू नहीं रख पाई। मैंने वाशरूम के बाहर से धीमी आवाज़ में आस्था को बुलाया। ‘क्या हुआ पिंकी’ वो बोली। मैं कुछ कहती इससे पहले ही मैडम ने दरवाज़ा खोल दिया? वो तो एकदम नार्मल और फ्रेश लग रही थी। मैं उससे कुछ कहे बिना ही वाशरूम में घुस गयी और अपने हाथ… वैसे तो बहुत अच्छा एहसास था लेकिन अगर यही काम कोई और कर रहा होता तो बात ही कुछ और होती। ओके! जो भी मैंने किया उससे थोड़ी तो राहत मिली।’
अमर उजाला के इस व्यस्क पेज का नाम 18+ शायद इसलिए रखा गया होगा ताकि इसे 18 से कम वाले जरूर क्लिक करेंगे क्योंकि अमूमन लोग वह काम सबसे पहले करते हैं जिसके लिए उसे मना या चैलेंज किया जाता है। जैसे ‘कमजोर दिल वाले इस खबर को न पढ़ें’ को लोग जरूर पढ़ते हैं क्योंकि कोई धरती पर खुद को कमजोर दिल वाला नहीं समझता।
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि एक मीडिया वेबसाइट इस तरह की घटिया स्तर की अश्लील सामग्री पाठकों को परोसकर आखिर समाज में किस सरोकार और अच्छाई को बढ़ावा दे रही है? बिजनेस के लिए समाज में खुलेआम अश्लीलता परोसना क्या अमर उजाला जैसे ब्रांड को शोभा देता है?
अमर उजाला अखबार के संपादकों को सोचना चाहिए कि पढ़े-लिखे बुद्धिजीवी होकर भी पैसे की हवस के लिए इंसानियत के पैमाने पर इतना नीचे गिरना ठीक नहीं।
भड़ास को भेजे गए पत्र पर आधारित।
Comments on “अमर उजाला पर पढ़िए ‘मस्तराम’, यहां पिंकी लिखती है गंदी-गंदी बातें”
press-ti-tutes ki porn-karita …..
very bad website.Satee ke bhesh mein RANDI
shame shame Amar ujala group
sife website ko jyada like mile isi ka khyal hai baki to ram bharose. ek desh k sabe saf sudhra media group me se ek tha AU par ab…