कभी धूमधाम से भोपाल से निकाले गए ‘पीपुल्स समाचार’ नामक अखबार की हालत इन दिनों बहुत खराब बताई जाती है. यह अखबार कहने को तो मध्य प्रदेश के चार शहरों से निकलता है लेकिन सच्चाई यह है कि इस अखबार का निकलना और न निकलना लगभग बराबर हो चुका है. अपने प्रिंट जॉब से जैसे-तैसे कुछ सौ कॉपियां निकाल रहे पीपुल्स समाचार की हालत ये है कि यहां पत्रकारों को चार से छह हजार रुपए माह का वेतन दिया जा रहा है, वो भी दो-दो तीन-तीन महीने के अंतराल में.
चर्चा है कि इस अखबार की रीलांचिंग की तैयारी हो रही है. कुछ लोगों का कहना है कि रीलांचिंग में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की मदद ली जा रही है. देखना है पीपुल्स समाचार के कर्मियों के अच्छे दिन कब आते हैं. वैसे, इस अखबार के मालिकों के पास पैसे की कमी नहीं है. इनके कई तरह के धंधे है जिससे वे अच्छी खासी कमाई करते हैं. लेकिन मीडिया में आकर इन्हें मीडिया की हकीकत पता चल गई है. इसीलिए इन लोगों ने अब सारा ध्यान अपने मूल धंधे पर लगा रखा है. अगर कहीं से कोई तगड़ा निवेश अखबार को मिलता है तो ये इसे रीलांच करेंगे अन्यथा ऐसे ही चलाते रहेंगे.
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इस अखबार में लगे उस कांग्रेस के दिग्गज नेता के लगे करोड़ों रुपयों का क्या होगा, जो कि पहले राहुल गांधी का खास हुआ करता था और कांग्रेस को राज्य से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक रसातल में ले जाने में पूरी भागीदारी कर महती भूमिका निभा रहा था। और यकीनन सफल भी हुआ। लेकिन चिंता क्या है मेडिकल कॉलेज के घोटाले तो चल ही रहे हैं।