समीरात्मज मिश्रा-
ग़ज़ब का आत्मविश्वास रखते हो भाई…… बीजेपी के पश्चिम बंगाल में 200 से ज़्यादा सीटें जीतने के दावे के बाद जब प्रशांत किशोर ने यह ट्वीट किया तो विश्वास छोड़िए, कई लोगों ने मज़ाक़ उड़ाया। उसके बाद कई इंटरव्यू में उन्होंने यह बात दोगुने आत्मविश्वास से कही कि यदि मेरी तरह कोई और ऐसा दावा कर सके तो बताए।
मैंने भी उनसे पूछ लिया कि ‘कुछ ज़्यादा नहीं बोल गए?’
उनका संक्षिप्त जवाब था, ‘आप जानते हैं कि मैं हवा में कुछ नहीं कहता’
दरअसल, पिछले साल दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणाम पर चर्चा चल रही थी तो पीके ने मेरा अनुमान जानना चाहा। हालाँकि मैंने दिल्ली विधानसभा चुनाव को कवर नहीं किया था लेकिन मुझे लगता था कि आप 50-55, बीजेपी क़रीब 15 और हो सकता है कि एक दो सीट कांग्रेस को भी मिल जाए।
इसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘यदि आम आदमी पार्टी साठ से नीचे रहती है तो मैं समझूँगा कि मेरी रणनीति और मेरे तरीक़े में काफ़ी कमी रह गई है.’
दिल्ली में बीजेपी को अच्छी ख़ासी लड़ाई में दिखाया जा रहा था लेकिन मिलीं उसे सिर्फ़ आठ सीटें। आम आदमी पार्टी को 62 सीटें मिलीं और कांग्रेस एक बार फिर शून्य पर रही।
पश्चिम बंगाल के संदर्भ में वो बातें फिर याद आ गई।
ख़ैर, जिसे अपने काम और उसके परिणाम पर इतना भरोसा हो, यह दावा वही कर सकता है।
दिलीप मंडल-
RSS यह बताएगा कि मुसलमानों ने पश्चिम बंगाल में बीजेपी को हरा दिया। जबकि सच ये है कि बीजेपी को वहाँ के 71% हिंदुओं ने हराया है। सबसे घनी हिंदू आबादी वाले 5 ज़िलों – पुरुलिया, झाड़ग्राम, बाँकुरा, पूर्वी मिदिनापुर और पश्चिम मिदिनापुर में बीजेपी सबसे बुरा हारी है। यहाँ 90% हिंदू हैं। कुछ सीटों पर तो 97% हिंदू हैं।
जनगणना में ये ज़िले हिंदू बहुल हैं। वैसे यहाँ ज़्यादातर आबादी आदिवासियों की है। आदिवासियों को उनसे पूछे बिना ही जनगणना में हिंदू लिख दिया जाता है।
साक्षी जोशी-
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