अक्सर मीडिया में ऐसा होता है कि अपने प्रिय को बचाने के लिए दूसरे को टांग दिया जाता है. लेकिन इस बार तो ज़ी न्यूज़ ने नरिंदर और विकास के साथ जो किया इस पर चुप रहना सही नहीं है. नरिंदर प्रोडक्शन में है और विकास असाइनमेंट में. इनका बस इतना कसूर है कि ये उस कहानी के किरदार थे जिसमें राहुल गांधी का झूठी खबर के आधार पर DNA TEST किया जा रहा था.
DNA लिखने वाला वो प्रोड्यूसर जिसने कहानी को गढ़ा, और फ्रांस, से लेकर दुनिया भर की EXAMPLE देकर राहुल गांधी के दूसरे बयान को जस्टिफाई करते हुए ‘दोबारा फिर से सुनिए’ लिखकर लंबा चौड़ा आधारहीन विश्लेषण कर दिया.
यहां बाइट तो गलती से चलाई जा सकती है, लेकिन इतना लंबा चौड़ा ‘लिखा’ तो गलती से नहीं जा सकता. इसका मतलब कहानी डिस्कस हुई होगी जिसमें OUTPUT HEAD, ASSIGNMENT HEAD और चैनल के शिफ्ट इंचार्ज सब शामिल हुए होंगे.
जब DNA चैनल का सबसे अहम शो है तो क्या वो एक PRODUCTION और ASSIGNMENT के कल के
आए लड़के की स्टोरी से DNA लिखकर चला लेंगे ? ये स्टोरी राहुल गांधी की छवि नहीं खराब करती सिर्फ, ये स्टोरी मीडिया में अंधेरगर्दी को भी बयान करती है.
रोहित रंजन पर कार्रवाई जायज़ है. क्योंकि गलत लिखे हुए को उन्होने पढ़ा, लेकिन जिन लोगों ने इस पर सहमति जताई, इसे DNA की प्रमुख स्टोरी बनाया, उन लोगों ने अपनी नौकरी
बचाने में दूसरे की बलि दे दी. गजब बात नहीं होगी कि पूरी झूठ की कहानी पर DNA का विश्लेषण हुआ और उस विश्लेषण का ठीकरा बाइट काटने वाले और ज़बरदस्ती ASSIGNMENT के लड़के के उपर मढ़ दिया गया हो.
जो प्रमुख किरदार हैं वो मज़े ले रहे हैं. कहावत है न बलि हमेशा बकरे की ली जाती है. वही हुआ है. आगे भी होता रहेगा. मीडिया में सुनवाई बॉस लोग करते हैं. कांग्रेस पार्टी जो कर रही है वो सही कर रही है. लेकिन ज़ी ने जो किया वो सही नहीं किया. भड़ास वालों से उम्मीद है कि सच को सबके सामने रखें.
जिनकी नौकरी गई उनका तो कसूर ही नहीं था. उनको बोला गया था कि स्टोरी को इस POINT OF VIEW
से लेना है, ये ये चाहिए, तुम ये ये बाइट लगा दो और तुम कहानी FORWARD कर दो.
क्या इन दोनों लड़को ने अपनी मर्ज़ी से स्टोरी डिसाइड कर ली थी, जिसके बाद प्रोड्यूसर ने लिख कर विश्लेषण कर दिया? सुधीर चौधरी के जाने के बाद DNA की स्टोरी बच्चे डिसाइड करने लगे थे? चैनल के सभी प्रोड्यूसर सोए हुए थे? या विश्लेषण के नाम पर कुछ भी परोस दो. कुछ होगा तो बहुत से लोग हैं किसी दूसरे पर ठीकरा फोड़ देंगे.
बच्चों को माफ कर दिया जाए… राहुल गांधी ने वायनाड के OFFICE पर हुए हमले के संदर्भ में कहा. और इस पर पूरा विश्लेषण करते हुए आपने इतनी ज़हमत नहीं की कि राहुल ने किस मुद्दे पर ये कहा. तो कांग्रेस की FIR जायज है. आप किसी की छवि यूं ही मिट्टी में नहीं मिला सकते.
जिन लड़को को निकाला गया है उनसे पूछताछ करने के बाद उनको भी पकड़ना चाहिए जो जो इस कृत्य में शामिल थे. तभी तो इंसाफ होगा.