जी हां. कई लोग साधना वालों से चैनल किराए पर लेकर या खरीद कर रो रहे हैं. सूचना और प्रसारण मंत्रालय भी साधना वालों के इस खेल को जानता है लेकिन जाने क्या है कि सब मिल जुल कर चुप्पी साधे हैं और नए लोगों को फंसने फंसाने का खेल जारी है. श्री न्यूज नामक जो चैनल चलता है, वह साधना वालों से खरीदा गया है लेकिन आज तक श्रीन्यूज वाले बतौर डायरेक्टर चैनल के मालिकान के रूप में अपना नाम नहीं दर्ज करवा सके हैं.
इसी तरह साधना प्राइम नामक चैनल को जिन लोगों ने खरीदा है, वो भी अब फंस चुके हैं. इनका भी नाम डायरेक्टर्स की लिस्ट में नहीं चढ़ पा रहा है. इसी तरह कई लोग साधना वालों के चैनल किराए पर लेकर करोड़ों रुपए खर्च कर खून के आंसू बहा चुके हैं. इस पूरे गोरखधंधे के बारे में भड़ास जल्द विस्तार से खुलासा करेगा. यह शुरुआती पोस्ट सिर्फ इसलिए है कि अगर आप भी साधना वालों से किसी तरह से पीड़ित रहे हों तो हमें पूरी कहानी विस्तार से लिख भेजिए. आप अगर अनुरोध करेंगे तो आपका नाम गोपनीय रखा जाएगा.
साधना में काम कर चुके कर्मियों से लेकर साधना के चैनल खरीदने के नाम पर करोड़ों स्वाहा कर चुके उद्यमियों या चैनल किराए पर लेकर धोखाधड़ी के शिकार हो चुके कारोबारियों तक से अनुरोध है कि वह अपनी कहानी खुलकर लिखें ताकि साधना की सच्चाई को सामने लाया जा सके और आगे से कोई दूसरा शख्स इनके जाल में फंसकर करोड़ों अरबों रुपये लुटाकर कंगाल न हो सके. अगर आप साधना से पीड़ित नहीं रहे हैं लेकिन साधना के खेल से पूरी तरह वाकिफ हैं तो भी आप दूसरों को जागरूक करने के वास्ते गोपनीयता की शर्त पर इनकी कारस्तानी लिख भेज सकते हैं. हमारा पता है: [email protected]
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