भड़ास पर ‘चांपना न्यूज’ नामक एक चैनल के बारे में पांच किश्तों में व्यंग्यात्मक खबर छपी. ‘चांपना न्यूज’ एक काल्पनिक नाम है, जिसे वर्तमान न्यूज चैनलों की दुनिया के अंदर का हाल बताने के लिए सृजित किया गया और उसके सहारे उसके बहाने पूरी अंतरकथा बताई गई. पर इस व्यंग्य को साधना न्यूज नामक चैनल नहीं पचा पाया और उसके कर्ताधर्ता चले गए दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट.
वहां इन लोगों ने कहा कि योर आनर, दरअसल चांपना न्यूज नामक जिस चैनल की कहानी भड़ास में बताई गई है, वह उसी के साधना न्यूज नामक चैनल के बारे में है, इसलिए इस मानहानि कारक कंटेंट को रिमूव कराया जाए और अंतिम फैसला आने से पहले इस वेब पोर्टल को आदेशित किया जाए कि वह साधना न्यूज के बारे में कुछ न छापे.
कोर्ट ने अंतरिम राहत देने से साधना न्यूज को मना कर दिया और ताजी सूचना ये है कि 28 मार्च को न्यायालय में सुनवाई के दौरान विद्वान न्यायाधीश महोदय ने साधना न्यूज और भड़ास4मीडिया को मीडिएशन में जाने को कहा है. यानि दोनों लोग मीडिएटर के साथ बैठकर मामले को बातचीत के जरिए सुलझा सकते हों तो सुलझा लें. इस पूरे मामले को कोर्ट में भड़ास की तरफ से वकील हिमाल अख्तर लड़ रहे हैं. एडवोकेट हिमाल अख्तर यह केस फ्री में इसलिए लड़ रहे हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि ऐसे मुकदमों के जरिए न्यू मीडिया की स्वतंत्र आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है, जिसका हर आम ओ खास को विरोध करना चाहिए. एडवोकेट हिमाल अख्तर ने भड़ास के एडिटर यशवंत से बातचीत के दौरान कोर्ट में चल रहे इस केस के बारे में क्या क्या बताया, जानने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें :