अनिल पांडेय-
सरिया (छड़) के दाम एक साल के अन्दर लगभग दो गुने हो गए हैं। पिछले छड़ के दाम जहां लगभग चार हजार रुपये क्विंटल था वहीं अब इसका भाव लगभग आठ हजार रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है।
सरिया की कीमतों में आग लग जाने के कारण जो लोग घर बनाना चाहते थे वो लोग चुप्पी मार कर बैठ गए हैं। जिनके घर अधूरे हैं उन्होने सरिया की कीमतें कम होने के इंतजार में काम रोक दिया है।
सरिया की कीमतों में भारी वृद्धि का असर सरकारी निर्माण कार्य में लगे ठेकेदारों के ऊपर भी पड़ा है और घाटे को देखते हुए उन्होंने या तो सरिया से सम्बंधित निर्माण कार्य को रोक दिया है या फिर निर्माण कार्य की गति को रोक दिया है। जो बड़े ठेकेदार हैं उन्हें तो कुछ मूल्य वृद्धि दर मिल जाएगी पर जो छोटे ठेकेदार हैं उन्हें छड़ की कीमतों में हुई वृद्धि से भारी नुकसान पहुंचेगा।
यही हाल सीमेंट की कीमतों का है। उसकी कीमतें भी पूर्व के वर्ष की तुलना में 50 रुपये प्रति बोरी की दर से वृद्धि हो गई है। ऐसे हालतों में तो आम् आदमी पक्का घर बनाने के बारे में सोच भी नहीं सकता है।
छत्तीसगढ़ सीमेंट और छड़ का उत्पादक राज्य है और यहां से अन्य राज्यों को इसका निर्यात किया जाता है। ऐसी स्थिति में छत्तीसगढ़ में इसकी कीमतों में भारी वृद्धि होना समझ से परे है।