अमरेंद्र राय-
स्वामी शिवानंद को पद्मश्री दिए जाने की हर तरफ चर्चा है। शिवानंद जी को पद्मश्री मिलने से मुझे भी बहुत खुशी है। उसकी एक बड़ी वजह यह है कि शिवानंद जी का कार्यक्षेत्र वाराणसी है जहां से मेरी उच्च शिक्षा हुई है। सारे अखबारों और चैनलों और सोशल मीडिया पर भी उनकी उम्र 125/126 बताई जा रही है। इस जानकारी पर मुझे थोड़ा शक हुआ। क्योंकि मैंने कहीं पढ़ा था कि दुनिया का सबसे उम्रदराज व्यक्ति ( शायद जापान की कोई महिला ) 119 वर्ष की हैं।
अब सवाल यह है कि अगर शिवानंद जी 125/126 साल के हैं तो विश्व के सबसे उम्रदराज व्यक्ति क्यों नहीं हैं? क्या मीडिया ने उनकी उम्र के बारे में जानकारी हासिल की ? या जो बता दिया गया वही चलाने लगे? सोशल मीडिया पर एक ने इनकी उम्र 126 वर्ष बताते हुए एक पोस्ट डाली है।
मैंने उनसे पूछा कि आपको कैसे पता कि शिवानंद जी की आयु 126 साल है। उन्होंने कहा, मैंने उनका आधार कार्ड देखा है। लेकिन आधार कार्ड उम्र का सबूत नहीं है। उम्र का सबूत भारत में हाई स्कूल का सर्टिफिकेट, नगर निगम का प्रमाण पत्र या फिर ग्राम पंचायत का प्रमाण पत्र ही माना जाता है। बहुत जरूरी हुआ तो मेडिकल भी करा लिया जाता है। उससे भी आयु पता चल जाती है।
अपने यहां एक परंपरा है। जब तक व्यक्ति युवा रहता है, अपनी उम्र कम करके बताता है। लेकिन जैसे ही वह बुढ़ापे की ओर बढ़ता है, उम्र बढ़ाकर बताने लगता है। पिछली सदी के शुरुआती दशकों और उससे पीछे के लोग तो बड़ी घटनाओं को याद करके अपनी उम्र बताते थे। जैसे पहला विश्व युद्ध हुआ या महामारी आई आदि। लगता है स्वामी जी की भी उम्र का कोई ठोस प्रमाण नहीं है। अगर है तो सबसे पहले तो उन्हें विश्व का सबसे उम्र दराज व्यक्ति घोषित किया जाना चाहिए।
दूसरे मीडिया को सिर्फ कहने पर ही नहीं खबर चला देनी चाहिए। उसकी सच्चाई भी पता करनी चाहिए। जैसे मैं ही कहूं कि मैं भारत का प्रधानमंत्री हूं तो क्या मीडिया चला देगा? नहीं न? वो हमसे कहेगा कि देश के पीएम नरेंद्र मोदी हैं। इसी तरह मीडिया को पूछना चाहिए था कि अगर शिवानंद जी की उम्र 126 साल है तो 119 वर्षीय जापानी महिला को विश्व का सबसे उम्रदराज क्यों घोषित किया गया है। लेकिन मीडिया इसी बात पर लहालोट है कि जब शिवानंद जी के सामने पीएम ने हाथ जोड़े तो उन्हें कैसा महसूस हुआ। वाह री मीडिया। आम चूसने जैसा ही कमाल।
शिवानंद जी को पद्मश्री उनकी उम्र के कारण नहीं मिली है, बल्कि उनके कार्यों के कारण मिली है। उनकी उम्र 126 साल न भी बताई जाए तो कोई फर्क नहीं पड़ता।
वरिष्ठ पत्रकार अमरेंद्र राय की एफबी वॉल से.