नई दिल्ली, 13 जून। 200 करोड़ के दैनिक हिन्दुस्तान सरकारी विज्ञापन घोटाले से जुड़े फौजदारी मुकदमे में प्रमुख अभियुक्त शोभना भरतीया की ओर से दर्ज स्पेशल लीव पीटिशन में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की संभावित तारीख 01 जुलाई 2016 मुकर्रर की है। 08 जून, 2016 को सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट ने तारीख की यह तिथि अपडेट की है। बिहार के मुंगेर जिले के कोतवाली थाना में दर्ज प्राथमिकी में हिन्दुस्तान प्रकाशन समूह की अध्यक्ष शोभना भरतीया से लेकर प्रधान संपादक शशि शेखर समेत कई लोग नामजद अभियुक्त हैं।
सरकारी विज्ञापन घोटाला कांड के सूचक मन्टू शर्मा जो सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पीटिशन में रिस्पान्डेन्ट नंबर दो हैं, की ओर से बिहार के मुंगेर के वरीय अधिवक्ता श्रीकृष्ण प्रसाद ने 18 अप्रैल, 2016 को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टी0एस0ठाकुर के समक्ष उपस्थित होकर ‘स्पेशल मेंशन‘ कर बिहार सरकार के ‘काउन्टर- ऐफिडेविट‘ और पीटिशनर शोभना भरतीया के ‘रिज्वाईंडर‘ का ‘रिप्लाई‘ जमा करने की अनुमति देने की प्रार्थना की। मुख्य न्यायाधीश टी0एस0ठाकुर की अनुमति के बाद अधिवक्ता श्रीकृष्ण प्रसाद ने सुप्रीम कोर्ट में रिस्पान्डेन्ट मन्टू शर्मा की ओर से ‘रिप्लाई‘ जमा कर दिया।
मन्टू शर्मा ने रिप्लाई में सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेश तक इस मामले में आगे की कानूनी काररवाई पर अंतरिम स्थगन दिया हुआ है। सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम स्थगन आदेश के बावजूद बिहार सरकार जो कि रिस्पान्डेन्ट नंबर एक है, ने मुकदमे की पीटिशनर शोभना भरतीया को मदद करने के इरादे से पुलिस अनुसंधान पुनः शुरू कर दिया और सुप्रीम कोर्ट के 05 मार्च, 2013 के अंतरिम स्थगन आदेश की न केवल अवहेलना की वरन् कलंकित करने का काम किया जबकि पीटिशनर शोभना भरतीया मुंगेर के कोतवाली में प्रमुख नामजद अभियुक्त हैं। मन्टू शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में बिहार सरकार के मुख्य सचिव, गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक को मुकदमे की अगली तिथि को सशरीर उपस्थित होने और सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम स्थगन आदेश की अवहेलना करने और पीटिशनर शोभना भरतीय को मदद करने के लिए पुनः पुलिस अनुसंधान शुरू करने का दुस्साहस करने के लिए कारण-पृच्छा पूछने की प्रार्थना की है।
बिहार के मुंगेर से श्रीकृष्ण प्रसाद की रिपोर्ट.
mk
June 13, 2016 at 6:35 pm
Advocate Sri Krishna Pd. ko ek “Salute” to banta hi hai, jinhone HT Prabandhan ke khilaf itni “Dussahas” ki…. Lekin iss Bhrasht Tantra me kuchh kaha nahin jaa sakta… Akhbaar Malik se lekar Naukarshahi aur Neta, sabhi “Bhrashtachar” me lipt hain. Aur Ye kehna “Anuchit” nahi hoga ki ab “Akhbar Malik” Jyada “Bhrasht” ho gaye hain… Iss Desh ko Bhagwan hi bachaye….