विजय शंकर सिंह-
यूपी का फर्जी विज्ञापन. सीएम की फ़ोटो के साथ क्या छपना चाहिए यह निर्णय सरकार का सूचना विभाग करता है।
सीएम के सचिव को छपने के पहले ड्राफ्ट दिखाया भी जाता है। ऐसा नहीं है कि, सीएम की फ़ोटो के साथ एक विज्ञापन बिना सरकार को दिखाए छाप दिया जाय।
अब अखबार माफी मांग रहा है, पर इससे CM की छवि पर असर पड़ा है।
झूठ का विज्ञापन. उत्तर प्रदेश सरकार के एक विज्ञापन पर गौर फरमाइए। कोलकता का फ्लाईओवर और अमरीका की फैक्ट्री इस तस्वीर में है। झूठ विज्ञापन में भी?
मुख्यमंत्री की छवि को भी नुकसान पहुंचाया जा रहा है, सरकार के उंस विभाग द्वारा, जो ऐसे विज्ञापनों की योजना बनाता है और उसे अखबारों को देता है।
धनंजय सिंह-
इन्डियन एक्सप्रेस के मार्केटिंग विभाग ने फ्रंट पेज पर यूपी सरकार के विज्ञापन में कलकत्ते के फ्लाईओवर और अमेरिकी कम्पनी के दफ्तर की फोटो लगा दी है. मुझे नहीं पता कि यह तस्वीर क्लाइंट ने दी है या अखबार ये सेवा खुद दे रहा है…
विकास की आँखों -देखी असल खबर आपको बतलाता हूँ. घर यानी अम्मा-बाउजी जहाँ हैं वहाँ गली बमुश्किल सौ मीटर होगी…अखिलेश जी के समय दोनों तरफ की प्राचीन नालियों को खोद कर विकास शुरू हुआ तब तक अखिलेश जी का काम बोल गया, काम रुक गया….
महंत सरकार का कार्यकाल पूरा होने को आया, अभी तक विकास खुली नाली में ही अटका पड़ा है..अपना सीमेंट, सरिया बालू लगा कर कुछ लोग गेट के सामने और अगल बगल ढक चुके हैं ताकि रिटायर मार्गदर्शक लोग और देश के भविष्य नालियों में न चले जायें….
अब यह मत बताइये कि पालिका का है कि पीडबलडी, पेमेंट हुआ या नहीं…इससे वहाँ के निवासियों का क्या काम ?…विकास नालियों में अटक गया तो अटक गया. बाकी के लिए नवभारत टाइम्स आजकल देखिये, खाली नखलऊ की सड़कों के इतने गड्ढे रोज दिखा रहा की चाँद के भी कम पड़ जायें.
शैलेश श्रीवास्तव
September 14, 2021 at 3:52 pm
जो विज्ञापन को समझते हैं वह ऐसे मूर्खतापूर्ण बात नही करते ,विज्ञापन एक में फोटो सांकेतिक होते हैं, यदि यूपी में जिसको अच्छी सड़कें नही दिखती उन्हें अपनी आंखों का इलाज करवाना चाहिए