Ravish Shukla-
@Ndtvindia में 18 साल संपादक रहने के बाद आखिरकार आज @SunilKSaini01 सर ने अपनी पारी को विराम दे दिया। NDTV इंडिया के हम जैसे सभी रिपोर्टरों को जमीनी पत्रकारिता कराने में उनका अहम योगदान रहा है..
मोबाइल से शूट , VO करने, स्क्रिप्ट लिखाने, Edit से लेकर एंकरिंग तक करवाने में उनका खासा जोर रहता था नतीजा हम लोगों ने हर विधा में बेहतर तरीके से हाथ अजमाया …
एक लाइन में खबर पूछते थे..स्क्रिप्ट से लेकर PTC तक को देखते… अच्छी खबर पर मन भर सार्वजनिक शाबाशी देते और खराब काम पर केबिन के अंदर समझाते… खबर हम बनाते थे लेकिन खबर को टीवी पर पाल पोसकर बड़ा वही करते थे…
बॉस के तौर पर पर्दे के पीछे रहकर उन्होंने हमें TV पर आने के खूब मौके दिलाए। अलविदा बॉस फिर मिलेंगे संघर्ष के तूफानों में…
सुनील सर बहोत मेहनती इंसान रहे है और हमेशा अपने काम को बेहतर से बेहतर करने को अंजाम देते आये है में भी सुनील सर के सानिध्य में 16 साल से जुड़ा हूँ,अपनी मेहनत,लगन और काबिलियत से सुनील सर ने एनडीटीवी को काफी आगे ले जाने में योगदान दिया है,आप जहाँ भी रहे हमेशा शिखर पर बने रहे,आपने हमेशा अपने काम को ही अहमियत दी है,आपको हार्दिक शुभकामनायें. –Arshad Jamal
Akhilesh Sharma
@akhileshsharma1
18 वर्षों से @ndtvindia में मेरे सहयोगी और कई वर्षों से मेरे संपादक रहे सुनील सैनी सर ने आज संस्थान से विदा ले ली। सुनील सर के साथ आज तक में भी काम करने का अवसर मिला था जिन दिनों आज तक दूरदर्शन पर आधे घंटे का शो हुआ करता था। तीस साल के पत्रकारिता के कैरियर में पहली बार किसी बॉस के जाने पर कई सहकर्मियों को फूट-फूट कर रोते देखा। ऐसा तब होता है जब आप रिश्ते कमाते हैं। लोगों के सुख-दुख के साथी बनते हैं।
अंत में वसीम बरेलवी के इस शेर के साथ सुनील सर @SunilKSaini01 को स्वर्णिम भविष्य की शुभकामनाएँ:
“जहां रहेगा वहीं रौशनी लुटाएगा, किसी चराग़ का अपना मकाँ नहीं होता”
Saurabh shukla
@Saurabh_Unmute
मुझे नौकरी में रखने वाले @SunilKSaini01 सर हैं , आज जो पत्रकारिता मैंने करी है या जो पत्रकार मैं बन पाया हूँ वो सिर्फ़ और सिर्फ़ सुनील सर की बदौलत है. NDTV के संघर्ष के दौर में हमें सुनील सर ने 300 के लियोनाइडस बन कर लड़ना सिखाया और हम सब मिलकर ऐसा लड़े कि इतिहास याद रखेगा.
राजकिशोर Rajkishor
@RajkishorLive
सुनील जी @SunilKSaini01 की असली पूँजी और कमाई यही है कि उन्होंने जो सीखा था उसे आगे बढ़ाया। कुशल पत्रकारों की फ़ौज तैयार की।बाक़ी नौकरी और पद तो किसी को भी किसी भी कारण से मिल सकते हैं, लेकिन एक सम्मान और दूसरी योग्यता ही है जो ख़रीदी या मैनेज नहीं की जा सकती। सुनील भाई तमाम लोग आपसे ईर्ष्या कर सकते हैं, इस प्यार और आदर के लिए जो आपने कमाया, लेकिन हमें मालूम है कि आप एक अविचलित और अजातशत्रु शख़्सियत हैं, जिसे इन सबसे फ़र्क़ नहीं पड़ेगा। बहुत बधाई इस यशस्वी पारी के लिए और भविष्य की अग्रिम शुभकामनाएँ …
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