देहरादून : फर्जी कागजात तैयार कर जमीन हड़पने के एक प्रकरण में समाचार प्लस चैनल के सीईओ और एडिटर इन चीफ उमेश कुमार उर्फ उमेश शर्मा की गिरफ्तारी पर लगी रोक खत्म हो गयी है। इस पुराने मुकदमें में उमेश ने अरेस्ट स्टे ले रखा था।
इस ताजे डेवलपमेंट से उमेश कुमार की मुश्किलें बढ़ गई हैं। कहा जा रहा है कि अब अगर उमेश रांची वाले राजद्रोह के मुकदमे में राहत पा भी जाते हैं तो उन्हें उत्तराखंड पुलिस जमीन फर्जीवाड़ा प्रकरण में फिर से देहरादून जेल में डाल देगी।
सूत्रों के मुताबिक उत्तराखंड सरकार किसी भी हालत में उमेश को जेल से निकलने न देने की तैयारी में है और इसमें मददगार साबित हो रहे हैं उमेश के कुछ पुराने कांड, जिनकी फाइलें उनके ‘अच्छे दिनों’ में धूल फांक रही थीं और अब उनके इन ‘बुरे दिनों’ में फटाफट दौड़ रहीं हैं।
सूत्रों के मुताबिक उमेश के खिलाफ देहरादून के राजपुर थाने में जमीन फर्जीवाड़े का मुकदमा दर्ज है जिसकी अपराध संख्या 818/2010 है। इस मामले में उमेश को गिरफ्तारी से राहत मिली हुई थी। हाईकोर्ट ने अब अरेस्टिंग स्टे को वैकेट कर दिया है।
फर्जीवाड़े के इस प्रकरण में उमेश कुमार पर फ़र्ज़ी विल तैयार करके करोड़ों रुपए की प्रॉपर्टी हड़पने का आरोप है। उत्तराखंड पुलिस द्वारा स्टिंग और ब्लैकमेलिंग प्रकरण में उमेश कुमार की गिरफ्तारी के बाद आरोपी पक्ष के वकीलों ने इस मामले में भी हाईकोर्ट से स्टे ले लिया था।
नैनीताल हाईकोर्ट के जस्टिस मनोज तिवारी ने आज ये मामला सुनते हुए कोर्ट को गुमराह करने के लिए उमेश के वकील को लताड़ लगाई। इसके बाद उमेश के वकील राकेश थपलियाल ने खुद को इस मामले से अलग कर लिया। इस मुकदमें की अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने सोमवार 26 नवंबर 2018 की तारीख तय की है।
कोर्ट ने इस बात पर भी चर्चा की कि जब उमेश पहले से ही हिरासत में था तो उसके वकीलों ने अर्जेंसी दिखाते हुए कोर्ट से इस जमीन फर्जीवाड़े के प्रकरण में स्टे आर्डर लेते वक्त कोर्ट से ये क्यों छिपाया कि वो किसी अन्य मामले में गिरफ्तार हो चुका है।
सूत्रों के मुताबिक हाइकोर्ट को अब ये समझ में आ गया है कि उमेश की गिरफ्तारी के बाद मची अफरातफरी में आरोपी पक्ष द्वारा दिल्ली से बुलाये गए बड़े बड़े वकीलों के सौजन्य से कई आदेश धुप्पल में लेने की तैयारी की गयी थी। जमीन फर्जीवाड़े वाले इस 818/2010 के प्रकरण में उमेश कुमार पर आईपीसी की धाराओं 420, 467, 468, 506और 120(बी) के तहत देहरादून के राजपुर थाने में मुकदमा दर्ज है। यह मुकदमा श्रीमती मनोरंजनी शर्मा द्वारा वर्ष 2010 में दर्ज कराया गया था।