इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उषा ठाकुर को सशर्त जमानत दे दिया है. लोकसभा चुनाव के दौरान स्टिंग ऑपरेशन कर महेश शर्मा से धन की मांग करने के मामले में सहअभियुक्त उषा ठाकुर की जमानत मंजूर करते हुए कोर्ट ने कहा कि याची अभियोजन साक्ष्यों से छेड़छाड़ या गवाहों पर दबाव नहीं डालेंगी, ट्रायल कोर्ट में बुलाये जाने पर पेश होंगी, किसी को प्रलोभन या धमकी नहीं देंगी.
कोर्ट ने शर्तों के उल्लंघन की दशा में अधीनस्थ कोर्ट को जमानत निरस्त करने की छूट दी है. यह आदेश न्यायमूर्ति अली जामिन ने दिया. याची का कहना है कि मुख्य आरोपी प्रतिनिधि टीवी के संपादक आलोक कुमार ने स्टिंग के जरिये धन की मांग की. सिर्फ आलोक के बयान के आधार पर ही याची को फंसा दिया गया है. वह 69 वर्ष की वृद्ध महिला है और 17 मई से जेल में बंद है. उसका कोई आपराधिक रिकार्ड नहीं है. यदि जमानत पर छोड़ी जाती है तो वह इसका दुरुपयोग नहीं करेगी.
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