-अभिषेक उपाध्याय-
ये हमारे वक़्त की सबसे शानदार खबर है। हमारी प्यारी दोस्त उपमिता वाजपेयी उपमिता दैनिक भास्कर की पहली महिला रेजिडेंट एडिटर (भोपाल एडिशन) नियुक्त हुई है।
उपमिता अद्भुत फील्ड रिपोर्टर रही है। हर चैलेंजिंग असाइनमेंट पर टकराती रही है। डिफेंस की ऐसी शानदार रिपोर्टर आपको ढूंढे नही मिलेगी। आपको इस फील्ड में महिला संपादक भी ढूंढे नही मिलेगी।
उपमिता ने आज अद्भुत लकीर खींची है। इस लकीर की उम्र दराज़ हो।
-पूनम कौशल-
मैंने एक लंबे अंतराल के बाद पत्रकारिता में वापसी की. बीच में फ्रीलांस करती रही थी. एक महिला के लिए दोबारा रेगुलर जॉब में आना मुश्किल होता है. ब्रेक के बाद पहली नौकरी में कुछ मुश्किलें देखी भीं. फिर दैनिक भास्कर से जुड़ी. यहां उपमिता वाजपेयी मेरी रिपोर्टिंग मैनेजर रहीं.
उन्होंने मेरे लिए इस मुश्किल जॉब को बेहद आसान कर दिया. कोविड के इस मुश्किल वक्त में उन्होंने हमेशा इस बात पर ज़ोर दिया कि काम के साथ-साथ मैं अपने बच्चों पर भी पूरा ध्यान दूं.
कभी लगा ही नहीं वो बॉस है, हमेशा यही लगा कि मेरी एक फैमिली मेंबर हैं जिनसे बेझिझक कुछ भी कह सकती हूं. अभी पता चला है कि वो अब भोपाल में दैनिक भास्कर की पहली महिला रेज़िडेंट एडिटर होंगी.
उपमिता एक शानदार डिफेंस रिपोर्टर रही हैं. एक रीचएबल मैनेजर तो वो है हीं. लेकिन अब दैनिक भास्कर की रेज़िडेंट ए़डिटर बनकर उन्होंने बहुत लंबी लकीर खींच दी है.
ये पत्रकारिता में सक्रिय हम जैसी लड़कियों के लिए बड़ा दिन है. उम्मीद है Upmita Vajpai Mishra का यही जज़्बा और जुझारूपन बरकरार रहेगा.
This is just a beginning. A long Journey Awaits ♥️