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खबर लगने से हुए नुकसान से खफा खनन माफिया ने पत्रकारों को मारपीट कर बनाया बंदी!

पत्रकारों द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे के बाद पुलिस के पास पहुंचे माफिया के लोग और पत्रकारों के खिलाफ कराया झूठा मुकदमा

यमुनानगर के गुमथला में खनन माफिया द्वारा की जा रही गुंडागर्दी के आगे पुलिस प्रशासन नतमस्तक है. खनन माफियाओं द्वारा यमुनानगर के पत्रकारों के साथ मारपीट कर उस समय बंदी बनाया जब वह एक समाचार संकलन के लिए जा रहे थे.

बता दें कि मामला 18 नवंबर का है जब विभिन्न चैनलों और समाचार पत्रों के 4 पत्रकार किसानों द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन की कवरेज करने के लिए जठलाना से यमुना नदी के किनारे जा रहे थे. तभी सामने से एक गाड़ी फॉर्च्यूनर नंबर HR-12-Y-0072 ने कवरेज करने जा रहे पत्रकारों के आगे अपनी गाड़ी अड़ाई. 5-6 लोगों ने पत्रकारों पर हमला कर दिया और पत्रकारों की गाड़ी में बैठी महिला पत्रकार को भी गाड़ी से खींच कर बाहर निकाल लिया. उसका मोबाइल छीन कर उसकी मर्जी के बिना जबरदस्ती उसका मोबाइल चेक किया और गाली गलौच की गई.

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उसके बाद जबरन एक व्यक्ति को पत्रकारों की गाड़ी में बिठा कर खनन माफिया अपने कार्यालय में ले गए जहां पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार किया गया और कहा गया कि इनके द्वारा चलाई गई खबर से उनका 80 लाख का नुकसान हुआ है.

बता दें कि यमुनानगर के जठलाना घाट नंबर-13 में अवैध माइनिंग का खेल चलता आ रहा है और रात्रि के पहर सीएम फ्लाइंग द्वारा रेड कर 6 पोकलेन मशीनों और डंपर को पकड़ा था. इसकी खबर पत्रकारों द्वारा निष्पक्षता से चलाई गई थी. इसी खबर से खनन माफिया के लोग खफा थे. उन्होंने पत्रकारों पर हमला कर उन्हें बंदी बनाया.

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काफी समय बाद पत्रकारों ने अपनी सूझबूझ से जान बचाई और वहां से निकल कर पुलिस के पास मुकदमा दर्ज करवाया. पत्रकारों का 10 बज कर 30 मिनट पर मुकदमा दर्ज किया गया और खनन माफिया द्वारा भी एक झूठी f.i.r. पत्रकारों पर रात्रि 11:52 पर दर्ज कराई गई कि वह 11 नवंबर को ₹50000 लेकर गए हैं.

इस संबंध में जब पत्रकारों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हमने खनन माफिया से कोई पैसा नहीं लिया. हम चाहते हैं कि जितने भी सीसी कैमरे उनके आफिस और बाहर लगे हैं, उनकी 11 नवम्बर की सुबह 11,30 से 1 बजे और 19 नवंबर सुबह 10 बजकर 20 मिनट से 1 बज कर 30 मिनट तक की फुटेज पुलिस अपने कब्जे में ले ताकि सब सच्चाई सामने आ सके. हम तो इन लोगों को जानते भी नही हैं.

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हम पहले सीएम फ्लाइंग की रेड की खबर के लिए गए थे जो खबर चैनलों पर चली. 18 नवंबर को किसानों ने वहां प्रदर्शन की बात कही थी जिसकी सूचना 17 नवंबर को ही हमने अपने चैनलों में दे दी थी. वही खबर करने वहां जा रहे थे जिस दौरान खनन माफिया द्वारा यह वारदात की गई.

पत्रकारों का कहना है कि पत्रकारों पर झूठा मुकदमा दर्ज किया है ताकि पत्रकारों द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे पर समझौता किया जा सके. पत्रकारों ने बताया कि खनन माफिया ने उनके मोबाइल भी छीन लिए थे जिस वजह से वह मौके पर पुलिस को सूचित नहीं कर सके लेकिन वे वहां से किसी तरह अपनी जान बचाने के बाद सीधा पुलिस थाने पहुंचे और पुलिस को इस बारे में सूचना दी.

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देखें ये वीडियो-

https://fb.watch/gW2q7tE1Qe/

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1 Comment

1 Comment

  1. राज कुमार

    November 20, 2022 at 9:28 pm

    यही सच है ,जो अब पब्लिश हुआ है, अब लगा कि भड़ास सच के साथ खड़ा है,

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