Maheruddin Khan : काफी सोच विचार के बाद इस नतीजे पर पहुंचा हूँ कि यह अनुभव मित्रों के साथ साझा करना चाहिए. गत सप्ताह एक सज्जन मेरे पास आए. मैं उन्हें पहचान नहीं पाया तो उन्होंने बताया कि 20-25 साल पहले नवभारत टाइम्स में मुलाकात होती थी, उस समय आपने मेरी बहुत मदद की थी जिसके चलते मैं राजनीति में बड़े लोगों से मिल सका. उन्होंने बताया कि मैं आपको लखनऊ ले जाने के लिए आया हूँ, आपको मुख्यमंत्री से मिलाना है और यश भारती सम्मान दिलाना है.
मैंने बताया कि इसकी लिस्ट तो जारी हो गई है तो वह बोले- 52 लोगों की लिस्ट जारी हुई थी, जो आज 65 हो गई है, अगले सप्ताह समारोह से पहले 70 पार कर जाएगी, आप अपना बायोडाटा लेकर मुख्यमंत्री से मिल कर यशभारती का आग्रह कर दें, बाकी मेरी ज़िम्मेदारी. मैंने सम्मान के लिए आग्रह करने से इंकार कर दिया तो वह नाराज होकर बोले- आप नहीं सुधरेंगे, 20 साल पहले भी आपने मेरी तरफ से दिए जा रहे गिफ्ट को लेने से इनकार कर दिया था.
वरिष्ठ पत्रकार मेहरुद्दीन खान की एफबी वॉल से.