ये दरोगा है या गली छाप गुंडा, देखें वीडियो

ताजनगरी आगरा में एक दबंग दरोगा की दादागिरी का वीडियो वायरल हुआ है। नोटबंदी के बाद बैंको और एटीएम के बाहर पैसा निकालने-बदलने के लिए लोगों की अच्छी खासी भीड़ देखी जा रही है। ताजगंज इलाके में एचडीएफसी बैंक के बाहर भीड़ लगी हुई थी तभी एक दबंग दरोगा बैंक के गेट पर पहुँच कर जबरन लाइन में लग गया। इस पर वहां घंटों से लाइन में लग रहे लोगों ने विरोध किया तो दबंग दरोगा खाकी की हनक दिखाने लगा.

यूपी में जंगलराज : धरना देने पर पुलिस वाले पीटते रहे, लड़के इंकलाब जिंदाबाद बोलते रहे (देखें वीडियो)

Yashwant Singh : ये वीडियो अंग्रेजों के जमाने का नहीं है. आज की तारीख का है. पुलिस वाले पीटे जा रहे हैं और ये नौजवान इंकलाब जिंदाबाद के नारे लगाए जा रहे हैं. इनका अपराध बस इतना है कि इन्होंने भोपाल में आठ लोगों को फर्जी मुठभेड़ में मार दिए जाने के घटनाक्रम का विरोध करते हुए न्यायिक जांच की मांग को लेकर धरने पर बैठे थे. ढेर सारे पुलिस वाले आए और बिना चेतावनी दिए माइक दरी छीन झपट कब्जे में लेकर युवकों को पीटना शुरू कर दिया.

तो ये है यूपी में यश भारती एवार्ड हथियाने का फार्मूला!

Maheruddin Khan : काफी सोच विचार के बाद इस नतीजे पर पहुंचा हूँ कि यह अनुभव मित्रों के साथ साझा करना चाहिए. गत सप्ताह एक सज्जन मेरे पास आए. मैं उन्हें पहचान नहीं पाया तो उन्होंने बताया कि 20-25 साल पहले नवभारत टाइम्स में मुलाकात होती थी, उस समय आपने मेरी बहुत मदद की थी …

अखिलेश यादव की तारीफ करने वाले उनके चमचे पत्रकार और बुद्धिजीवी यह जरूर पढ़ें…

Chandan Srivastava : यूपी के बेहाल हाल के लिए अखिलेश यादव के पास दो बहाने होते हैं। एक वह खुद बोलते हैं, दूसरा उनके टुकड़ों पर पल रहे चमचे पत्रकार, बुद्धिजीवी आदि बोलते हैं। अखिलेश कहते हैं कि यूपी के आपराधिक वारदातों की कवरेज ज्यादा ही होती है जबकि चमचे कहते हैं अखिलेश के काम में मुलायम, शिवपाल वगैरह अड़ंगा लगाते रहते हैं, समस्या वहीं है। कुल मिलाकर अखिलेश पाक-साफ। आपको ढाई साल पहले ले चलता हूं जब हमारे मुख्यमंत्री के दोस्ताना ने प्रदेश में सैकड़ों लोगों की जान ले ली।

यूपी में डेंगू से मौत के मुद्दे को नवभारत टाइम्स ने लगातार छापा, नभाटा की पूरी टीम बधाई की पात्र

Dhananjay Singh : हाई कोर्ट ने यूपी के मुख्य सचिव से पूछा है क्यों न धारा 356 लगाकर सरकार बर्खास्त कर दी जाय? कारण परिवार का लफड़ा नहीं केवल लखनऊ में ही डेंगू से होने वाली मौतें, बाकी सूबा भी रामभरोसे! दो महीने से इस मुद्दे पर कोई सरकारी मीटिंग नहीं हुई, अधिकारिक रूप से सरकार राजधानी में 90 मौतें मान रही है और चर्चा के मुताबिक यह संख्या 500 हो सकती है. कोई ऐसा मोहल्ला नहीं होगा जहाँ डेंगू न फैला हो!

मुलायम कुनबे में झगड़े से जो बड़े खुलासे हुए, उसे आपको जरूर जानना चाहिए….

Nikhil Kumar Dubey : घर के झगड़े में जो बड़े ख़ुलासे हुए…

1: यादव सिंह घोटाले में रामगोपाल और अक्षय फँसे हैं, बक़ौल शिवपाल. 

2: अमर सिंह ने सेटिंग करके मुलायम को जेल जाने से बचाया था: ख़ुद मुलायम ने बताया.

3: शिवपाल रामगोपाल की लड़ाई में थानों के कुछ तबादले अखिलेश को जानबूझकर करने पड़े थे: ख़ुद अखिलेश ने कहा.

4: राम गोपाल नपुंसक है : अमर सिंह ने कहा.

5: प्रतीक काग़ज़ों में पिता का नाम एम एस यादव लिखते हैं लेकिन मुलायम के किसी हलफ़नामे में उनके दूसरे बेटे का नाम नहीं

6: प्रमुख सचिव बनने की योग्यता मुलायम के पैर पकड़ने से तय होती है : अखिलेश.

वाकई अखिलेश यादव का ‘काम बोलता है’? पढ़िए इसे और गिनिए, पचास सेकेंड हुए या नहीं!!

Chandan Srivastava : ‘काम बोलता है।’ इस शीर्षक से पचास सेकंड का विडियो आ रहा है जो अखिलेश यादव के मुख्यमंत्रित्व काल के कामों का गुणगान होगा। काम बोल रहा है। बाराबंकी से मां-बेटी का अपहरण हुआ। बीती रात को दोनों की लाश मिली है। बेटी की मेरे घर से थोड़ी दूर चिनहट इलाके में और मां की देवां इलाके में। दोनों के साथ बलात्कार किए जाने की भी बात आ रही है।

”सबकी पाती” (सपा) के ‘पत्र’ काल के दौर में ”चोथा मुर्गा” यानी शार्ट कट बोले तो ‘सीएम’ का पत्र जनता के नाम

बेचारी जनता,

मेरे चरणों में आपका सादर प्रणाम, उम्‍मीद है कि आप सब लोग कुशलपूर्वक होंगे. ऐसा लिखना पड़ता है अन्‍यथा मुझे पूछने की जरूरत ही क्‍या थी? साढ़े चार साल कुछ नहीं पूछा. वैसे पत्र लिखने का दौर चल रहा है तो सोचा एक पत्र आपलोगों के नाम भी लिख दूं. खैर, विश्‍वास है कि फैमिली ड्रामा देखकर आपलोगों का टाइम मस्‍त गुजर रहा होगा. इधर थोड़ा रायता ज्‍यादा फैल गया है नहीं तो पिछले साढ़े चार साल में जिस तरीके से हमने परिवार के साथ मिलकर सरकार चलाई है, उसमें मुजफ्फरनगर से लगायत मथुरा-बनारस सब आपने महसूस ही किया होगा. कब्‍जा, वसूली से हमें फुरसत ही नहीं थी. हमने और हमारी फैमली ने साढ़े चार साल सरकार चलाई और सीबीआई की छोड़कर किसी की नहीं सुनी. कई मामलों में तो कोर्ट की भी नहीं. जनता का सुनने का तो सवाल ही कहां उठता है.

यूपी में सत्ता के करीबी बड़े अफसरों में भी अंदरखाने शह-मात देने की खूब हो रही लड़ाई!

कल किसी वक्त चर्चा बहुत तेज छिड़ गई कि मुलायम सिंह यादव फिर से सीएम बनेंगे और सारे झगड़े को शांत कराएंगे तो देखते ही देखते यह खबर भी दौड़ने लगी कि मुलायम के सीएम बनने पर दीपक सिंघल तब मुख्य सचिव बनाए जाएंगे. इसके बाद तो कई बड़े अफसरों की हालत पतली होने लगी. दबंग और तेजतर्रार अफसर की छवि रखने वाले दीपक सिंघल की इमेज खराब करने के लिए कई अफसरों की टीम अलग अलग एंगल से सक्रिय हो गई.

‘दृष्टांत’ मैग्जीन में प्रकाशित हुई मुलायम खानदान की अकूत संपत्ति पर कवर स्टोरी

लखनऊ से अनूप गुप्ता के संपादकत्व में निकलने वाली चर्चित मैग्जीन दृष्टांत में जो कवर स्टोरी है, वह पठनीय तो है ही, आंख खोल देने वाली भी है. जिस अखिलेश यादव के ढेर सारे लोग प्रशंसक हैं और उनमें जाने कौन कौन से गुण देखते हैं, उसी के शासनकाल में जो लूटराज अबाध निर्बाध गति से चला है, वह हैरतअंगेज है. अब जबकि चुनाव में चार दिन शेष रह गए हैं तो सब के सब पवित्र और पुण्यात्मा बन सत्ता व संगठन के लिए मार कर रहे हैं ताकि जनता मूल मुद्दों से भटक कर इनमें उनमें नायकत्व तलाशे. नीचे पूरी कवर स्टोरी है ताकि आप सबकी समझदानी में लगा झाला खत्म हो सके.

-यशवंत, एडिटर, भड़ास4मीडिया

मुलायम की हालत सांप छछूंदर वाली!

कहा जा रहा है कि बाप-बेटे की भावुक राजनीति सपा को बचा लेगी। वैसे यह भी सच है कि इन दिनों नेता जी मुलायम सिंह यादव की हालत साँप छछूंदर वाली हो गयी है। भाई का साथ देते है तो बेटा नाराज और बेटे के साथ जाते है तो भाई के साथ धोखा।  नेता जी ऐसा चाहते भी नहीं।  वे तो सबको लेकर चलना चाहते है और पार्टी को आगे ले जाने के लिए ही सब कुछ कर रहे है। लेकिन हो कुछ भी नहीं रहा है। नेता जी के लिए सब अपने ही है लेकिन सबको मुलायम सिंह की फ़िक्र नहीं है।  सपा के लिए नेता जी वट  वृक्ष की तरह है लेकिन इस वृक्ष की सभी टहनियां अलग होने पर आमदा है। लेकिन एक बात तय है की बाप बेटे की भावुक राजनीति सपा को बचा ले जायेगी। यही वजह है की सपा में संग्राम जारी होने के बावजूद अभी तक टूट की कहानी से सब बच रहे है। 

यादव कुल में लातम-जूतम : कहीं आईपीएस अमिताभ ठाकुर और पत्रकार यशवंत सिंह के श्रापों-आहों का असर तो नहीं!

उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी में भयंकर ड्रामा चरम पर है. सारे चेहरे बेनकाम हो रहे हैं, मुलायम सिंह यादव से लेकर रामगोपाल यादव तक और शिवपाल यादव से लेकर अखिलेश यादव तक. हर कोई स्वार्थ, लिप्सा और सत्ता की चाहत में किसी भी लेवल पर गिरने को तैयार है. जनता हक्की बक्की देख रही है. उधर, कुछ लोगों का कहना है कि आईपीएस अमिताभ ठाकुर व भड़ास फेम पत्रकार यशवंत सिंह जैसे बहादुर, ईमानदार और सरोकारी लोगों के साथ सपा की इस सरकार के राज में जो जो बुरा बर्ताव किया गया, उसकी आहों व बददुवाओं का असर है कि अखिलेश यादव राज बवंडर में है और यादव कुल के किसी भी व्यक्ति का जीवन शांत नहीं रह गया है.

यूपी में जंगलराज : …उस ग़रीब की किस्मत पर अगले दिन थानेदार ने ‘अपहरणकर्ता’ लिख दिया!

Sheetal P Singh : यह एक सौ प्रतिशत सच्ची कथा है… सत्ताइस बरस के दलित / पिछड़े शासन के बावजूद किसी दलित / पिछड़े की यूपी में कितनी सुनवाई है, इसका अंदाजा लगा सकते हैं…उ०प्र० के अवध क्षेत्र के एक गाँव में एक मल्लाह परिवार एक ठाकुर साहब की जायदाद पर (जंगल और नदी का तट) हाड़तोड़ मेहनत से कुछ बँटाई की खेती और कुछ जंगली उत्पाद (जलाऊ लकड़ी) आदि के संयोजन पर जीवित है। पति पत्नी और कुछ बच्चे!

यूपी में जंगलराज : सिपाहियों ने संपादक के मुंह में जबरन डाली शराब, जमकर की पिटाई

उत्तर प्रदेश में जंगलराज चरम पर है. समाजवादी पार्टी के नेताओं में आपसी घमासान का पूरा फायदा पुलिस और प्रशासनिक अफसर उठा रहे हैं. अखिलेश यादव की अनुभवहीनता और अहंकार पूरे प्रदेश को अंधेरे की तरफ ढकेल रही है. कोई किसी की सुनने वाला नहीं है. यूपी के एटा में एक ऐसी घटना हुई है जिसे सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं. यह एक संपादक के साथ हुआ. इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि आम आदमी का क्या हाल होगा. एटा में पुलिस वालों ने एक स्थानीय अखबार के संपादक पर बर्बर जुल्म ढाया.

मथुरा और बनारस में 25-25 मौतों के लिए बुनियादी रूप से स्टेट जिम्मेदार है

Abhishek Srivastava : बीते चार महीनों के दौरान हर महीने कम से कम दो बार जगदीश बहराइच के अपने गांव से मुझे फोन करता रहा। आज फिर उससे बात हुई। हर बार फोन कर के एक ही बात कहता है- बाबूजी, हमार औरत अभी ले नहीं आई। कछु पता लगे तो बतइहो…।” मथुरा में 2 जून को जय गुरुदेव के अनुयायियों पर हुई गोलीबारी के बाद से उसकी औरत और लड़की गायब है। ऐसे बहुत से लोग हैं जिनके परिजनों का आज तक पता नहीं लगा। इनके स्‍वयंभू नेता रामवृक्ष यादव की मौत की पुष्टि भी अब तक नहीं हो सकी है।

अगर आप पांडेय जी हैं तो लुटने-पिटने के बावजूद यूपी के थाने में नहीं लिखी जाएगी एफआईआर!

Sushant Jha : मुझे पहले भी लगता था कि Akhilesh Yadav उतने बुरे आदमी नहीं है और ट्विटर का असर वाकई धीरे-धीरे हो रहा है.  ताजा घटना सुनिए. Kumar Alok में वरिष्ठ संवाददाता है DD News में. हमारा पुराना परिचय है, हालांकि वे आभासी रूप से बाएं बाजू वाले हैं. कल उनके साथ लूटपाट हुई, हमला हुआ और वे जख्मी हो गए.

यूपी का शिशु सीएम हर एग्जाम में फेल… जानिए, जनता क्यों नहीं करेगी इन्हें रिपीट…

Yashwant Singh : अखिलेश यादव जैसा बेचारा और धूर्त मुख्यमंत्री खोजे नहीं मिलेगा… बेचारा इसलिए कि खुद कोई फैसला नहीं ले सकते… धूर्त इसलिए कि चोरों और भ्रष्टाचारियों का नेता बन शासन चला रहे लेकिन खुद के बोल ऐसे होते हैं जैसे उनके जैसा इन्नोसेंट कोई दूसरा नेता नहीं. यह धूर्तता ही तो है कि जो आप हो, उसे छुपा कर एक नई लेकिन झूठी छवि निर्मित करने की कोशिश कर रहे हो जिससे जनता भ्रमित होकर बहकावे में आकर वोट दे जाए… सबको पता है कि अगली बार भी सीएम बने तो यही सब चोर उचक्के लुटेरे मंत्री बनेंगे और यही सब काकस घेरे रहेगा… ऐसे में सिवाय एप्प लांच करने और खुद की मार्केटिंग-ब्रांडिंग करने के, दूसरा कोई काम नहीं होगा… हां, जंगलराज इससे भी भयानक रूप में बदस्तूर जारी रहेगा… सारी विफलताओं पर पर्दा डालने के लिए एंड्रायड स्मार्ट फोन देने का जो नारा अखिलेश ने दिया है, वह एक तरह से वोट पाने के लिए रिश्वत देने जैसा है जिसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल किया जाना चाहिए. आप पांच साल के जंगलराज को एक स्मार्टफोन देकर नहीं ढंक सकते.

एक हरामखोर दरोगा की करतूत (देखें वीडियो)

Yashwant Singh : एक हरामखोर दरोगा की हरकत देखना चाहेंगे? देखेंगे तो आप भी कहेंगे कि ये सच में हरामखोर है. आधी रात के बाद नशे में झूमता दरोगा अपनी सिपाही मंडली के साथ एक मकान के बाहर पहुंचता है और बंधे हुए कुत्ते की टांग पर डंडा डंडा मारता है. कुत्ते की चीख चिल्लाहट पर घर की महिलाएं बाहर निकलती हैं तो वह जमकर गाली गलौज करता है और घर के एक पुरुष सदस्य की गिरफ्तारी की बात कहते हुए घर में घुस जाता है. उसके पहले घर के बाहर भोंक रहे एक कुत्ते पर अपने सर्विस रिवाल्वर से फायर झोंक देता है. घर में घुसकर यह दोरगा महिलाओं को गंदी गंदी गालियां देता है.

यूपी में जंगलराज : एसडीएम अतुल प्रकाश श्रीवास्तव ने रिटायर सैनिक को गिरा कर पीटा (सुनें टेप)

रामजी मिश्र ‘मित्र’, सीतापुर

यूपी में जंगलराज का आलम ये है कि अफसर खुद को भगवान समझने लगे हैं. उनकी आंखों पर सत्ता और पद का नशा चढ़ा हुआ है. एक एसडीएम ने सेना से रिटायर सूबेदार को गिरा गिरा कर पीटा. बाद में खुद यह बात एसडीएम बड़े गर्व से बताता रहा कि उसने गिरा गिरा कर बहुत पीटा. अठारह साल तक भारतीय सेना में कार्य करने वाले और ग्लेशियर में भी तैनात रहे सच्चिदानंद (सूबेदार) ने को उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले की महोली तहसील के एसडीएम ने जमकर पीटा.