“सरकार से सवाल पूछना ग़लत है क्योंकि सीमा पर पेट्रोलिंग की ड्यूटी सेना की होती है सरकार की नही होती”…
आजतक की ‘विदुषी’ एंकर श्वेता ने कल जब ये कहा तो सिर शर्म से झुक गया. सिर्फ़ इसलिए नही कि देश का नम्बर एक चैनल चाटुकारिता के नए कीर्तिमान स्थापित करते हुए शहीदों का अपमान कर रहा था बल्कि इसलिए भी कि ये पत्रकारिता के चारित्रिक पतन की भी पराकाषठा थी.
ऐसे समय मे जब देश की एकता को मज़बूत करने और हमारे वीर जवानों का मनोबल बढ़ाने की ज़रूरत थी ये चैनल सरकार के बचाव मे शहीदों पर ही ज़िम्मेदारी डाल दे रहा था. मानो ये सैनिक युद्ध करते हुए शहीद नही हुए, अपनी गलती से मारे गए- सरकार का उससे क्या लेना देना.
मत भूलिए कि ये वही चैनल है और ये वही ‘विदुषी’ एंकर हैं जिन्होंने नोटबंदी का बचाव करते हुए दो हज़ार के नोट मे चिप लगे होने की बात कही थी.
इन्हें ही क्या दोष दें बाकी चैनल भी पीछे कहाँ हैं. एकता का संदेश प्रसारित करने के स्थान पर अभी भी विभाजनकारी खबरें दिखाई जा रही हैं….विपक्ष और विरोध के स्वर पर हमले जारी हैं.
ये वक़्त विपक्ष पर गरियाने का नही उसे साथ लेकर चलने का है.
राष्ट्रीय विपत्ति के समय देश को एकता के सूत्र मे पिरोने की ज़िम्मेदारी सरकार की होती है. सरकार को ही पहल करनी होती है. विपक्ष को विश्वास मे लेना होता है. मीडिया को भी इसमें रचनात्मक रोल अदा करना चाहिए.
सरकार के बचाव के और कई मौक़े मिलेंगे- इस समय देश का सवाल है.
सहारा समय समेत कई न्यूज़ चैनलों के सम्पदाक रहे वरिष्ठ पत्रकार प्रभात डबराल की एफबी वॉल से.
One comment on “आजतक की ‘विदुषी’ एंकर श्वेता ने सिर शर्म से झुका दिया : प्रभात डबराल”
Ye vahi 500 ke note me chip wali hai, sharmnak, bhagwan ne surat di lekin buddhi nikal li