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सियासत

नरेंद्र मोदी 2024 में भाजपा को जिताकर अमित शाह को बनाएँगे पीएम!

अपूर्व भारद्वाज-

देश का नया बिग बॉस कौन होने वाला है! इस सवाल का जवाब मैं 2019 में दे चुका था लेकिन कल के केबिनेट विस्तार के बाद मेरी इस बात पर मोदी जी ने एक बार फिर मुहर लगा दी है मैं बहुत बार लिख चुका हूँ कि मोदी शायद ही 2024 का चुनाव लड़े औऱ अगर वो लड़े भी तो जितने के 1 साल बाद राजनीति से सन्यास ले लेंगे और देश की कमान अमित शाह के हाथों में सोपने में गुरेज नही करेंगे।

आप को सत्ता का हस्तांतरण समझना है तो कुछ संकेतो को समझिए..2016 में नोटबन्दी की घोषणा मोदी जी ने खुद की थी.जीएसटी को रात में बारह बजे मोदी जी ने ही लांच किया था । 2014 से हर बजट भाषण के बाद मोदी जी झट से टीवी पर आ जाते थे सर्जिकल स्ट्राइक से लेकर एयर स्ट्राइक तक जैसे बड़े फैसलों के बाद पूरे फोकस में मोदी ही रहते थे

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2014 के बाद हर छोटे बड़े फैसलों के केंद्रबिंदु में केवल मोदी जी ही रहते है वो हर फैसले की जबरदस्त मार्केटिंग करते थे 2014 से लेकर 2019 तक मोदी ने सरकार के हर निर्णय और नीतिगत फैसले पर लोकसभा या राज्यसभा में कम से कम एक भाषण जरूर दिया है सोशल मीडिया के डाटा विश्लेषण के बाद मैंने पाया कि वँहा भी मोदी ही सबसे ज्यादा ट्रेन्ड होते थे लेकिन अनुच्छेद 370 पर वो बहुत कम बोले ?? लोकसभा और राज्यसभा में अमित शाह ने खुलकर सरकार की बेटिंग की और मोदी बैकग्राउंड में चले गए…

2019 की शुरुआत से तीन तलाक,कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने और CAA जैसे सबसे बड़े फैसले की लीड कौन ले रहा था कौन सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोर रहा था क्यों मोदी किसी भी मंच पर इस पर आक्रमकता से नही बोले है क्यो उन्हीने केवल कुछ ट्वीट्स करके अपनी सरकार के अब तक के सबसे बड़े फैसले को अपनी ब्रांडिंग के लिए उपयोग नही किया है आखिर क्यो मोदी 2019 के बाद राजनीतिक रूप से इतने आक्रमक दिखाई नही दे रहे है आखिर क्या वजह है कि वो 2024 के चुनाव को न लड़े?

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आज सत्ता के सारे सूत्र हाथ धीरे धीरे एक व्यक्ति के पास हस्तांतरित हो रहे है मनसुख भाई, भूपेंद्र यादव, किशन रेडी, औऱ अनुराग ठाकुर का अचानक ताकतवर हो जाना आखिर किस बात का संकेत है नड्डा का अध्यक्ष होना और राजनाथ का साइडलाइन होना क्या आपको सामान्य लगता है क्या स्मृति औऱ रविशंकर का कमजोर होना आपको आश्चर्यजनक नही लगता है?

सन 1998 से मोदी औऱ अमित शाह की राजनीति को बारीकी से फॉलो करने वाले मुझ जैसे विश्लेषकों के लिए यह कोई आश्चर्य की बात नही है। अगर आप अब तक उस बिग बॉस और उसकी रणनीति को नही पहचान नही पाए है तो पर्दे के पीछे की राजनीति को आप थोड़ा कम समझ पा रहे हैं।

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