अजय ब्रह्मात्मज-
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं फैंस कॉन्फ्रेंस कहिए! अभी-अभी जवान के कथित प्रेस कॉन्फ्रेंस से लौटा हूं।
3:45 का प्रेस कॉन्फ्रेंस 5:45 का आरंभ हुआ। शाहरुख खान देर से आते हैं और उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस हमेशा देर से शुरू होती है।
हिंदी फिल्मों के प्रेस कॉन्फ्रेंस में इन दिनों प्रशसंकों भी बुला लिया जाता है। वे सीटी और ताली बजाने के अलावा अपने स्टार के नाम से शोर भी करते हैं। पूरा मामला यूं बनाया जाता है कि आप मान लें कि उक्त फिल्म अत्यंत लोकप्रिय है।
मुझे लगता है इसे प्रेस कांफ्रेंस के बजाय फैंस कॉन्फ्रेंस कहना चाहिए। मीडिया मूक गवाह की तरह बैठा सिर्फ वीडियो और तस्वीरें उतार रहा होता है। सवाल पूछने का काम किराए पर बुलाया एंकर करता है।
एकतरफा संवाद और परस्पर तारीफ के इस आयोजन को प्रेस कॉन्फ्रेंस तो नहीं कह सकते हैं। जमाना फोटो और वीडियो का हो गया है। मीडिया कवरेज में भी शब्द और संवाद की जगह फोटो और वीडियो ने ले ली है। मीडियाकर्मी भी रील बना रहे होते हैं। ताज्जुब तो तब होता है जब स्टार को देखकर वे भी किसी प्रशंसक की तरह करतल ध्वनि करते हैं। फैंस और मीडिया का अंतर मिट गया है।
और हां प्रशंसकों की जमात आगे की तरफ रैंप के दाएं-बाएं बैठती है। मीडिया की कुर्सियां पीछे रहती हैं। औपचारिकता में स्टार और एंकर एक-दो बार मीडिया बोलकर मीडियाकर्मियों को संबोधित कर लेते हैं।
Ramchandra Prasad
September 17, 2023 at 11:44 pm
अधिकांश मीडिया घरानों को शाहरुख ने खरीद लिया है और वे सब उसका झूठा गुणगान कर रहे हैं।