पत्रकारिता में आइडिएशन और अखबार के ले आउट में इनोवेटिव प्रयोगों के लिए फेमस दैनिक भास्कर में नया सोचने वाले शायद साइडलाइन कर दिए गए हैं और चापलूसी की आड़ में पुराने आइडियाज चेपने वाले शायद हावी होते जान पड़ रहे हैं.
दैनिक भास्कर में हरियाणा के बजट की कवरेज देखकर तो ऐसा ही लग रहा क्योंकि उन्हें ताऊ और ताई के अलावा नया कुछ मिल ही नहीं रहा.
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने 23 फरवरी को हरियाणा का बजट पेश किया था. 24 फरवरी के अखबार में इस बजट की कवरेज में दैनिक भास्कर ने हरियाणवी ताऊ और ताई के संवाद के जरिये बजट को सरल तरीके से समझाने का प्रयास किया है. लेकिन, हैरानी की बात ये है कि तीन साल पहले 13 मार्च 2021 के अखबार में हरियाणा के बजट की कवरेज के लिए यही आइडिया ज्यों का त्यों प्रयोग किया गया था.
हरियाणा में अपने आपको दूसरों से तीन गुना ज्यादा बताने वाले अखबार में कंटेंट के स्तर पर ऐसा दिवालीयापन कंपनी के कर्ता धर्ताओं को दिखाई नहीं दे रहा है. स्थानीय कर्ता-धर्ता ऐसे बड़े आयोजनों से पहले दो-तीन साल पुरानी फाइलें पलटना भी मुनासिब नहीं समझते. दूसरे प्रदेशों में बैठकर हरियाणा के संपादकीय को कंट्रोल करने वाले बड़े-बड़े अधिकारीगण फोन पर कुछ लोगों के चापलूसी भरे शब्दों के आगे आंखें मूंदकर सबकुछ जाने दे रहे हैं. प्रबंधन भी ऐसे आस्तीन के सांपों पर लगातार भरोसा कर रहा है.
दैनिक भास्कर एप पर 24 फरवरी 2024 और 13 मार्च 2021 के हरियाणा एडिशन के बजट के पेज देखे जा सकते हैं..