बाराबंकी में एक पत्रकार ने पूर्व एसपी अनिल कुमार सिंह का स्टिंग ऑपरेशन किया. इस पूर्व एसपी के खिलाफ एक कॉन्स्टेबल ने तकरीबन आठ लाख रुपए लेकर स्थानीय थानों में पुलिसकर्मियों की पोस्टिंग कराने का आरोप लगाया था. पत्रकार ने इसी मसले से जुड़ा स्टिंग अपने चैनल पर तीन से चार बार चलावाया. इसके बाद पत्रकार को जेल भेज दिया गया. पत्रकार के भाई को भी जेल भेज दिया गया. पत्रकार फिलहाल जमानत पर बाहर है लेकिन उसका भाई जेल में है. स्टिंग के बाद एसपी का ट्रांसफर कर दिया गया.
पत्रकार की पत्नी भी पत्रकार है. इस महिला पत्रकार ने आरोप लगाया है कि 12 अप्रैल को बाराबंकी से गांव लौट रही थी तो रात आठ बजे रास्ते में उसे सफेदाबाद के रहने वाले सुनील गुप्ता, राम सागर गुप्ता और एक अन्य शख्स ने घेर लिया. तमंचे के बल पर पास के जंगल में ले गए जहां उसके साथ बारी-बारी से बलात्कार किया. आरोपी सोने की चेन और करीब 1350 रुपए भी छीन लिए.
महिला के मुताबिक घर पहुंचने के बाद उसने परिजनों को इस बारे में बताया. 14 अप्रैल को उसने पुलिस समेत सीएम को कार्रवाई के लिए प्रार्थना पत्र भेजा. मगर तीन दिनों तक शिकायत को स्वीकार ही नहीं किया गया. एक स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता ने इस मामले को सोशल मीडिया पर डाला जो वायरल हो गया. एसपी बाराबंकी ने प्रार्थना पत्र का संज्ञान लिया और गैंगरेप का मामला दर्ज करने के आदेश दिए. सोच सकते हैं कि योगी राज में एक महिला पत्रकार के साथ गैंगरेप होता है और पीड़िता यहां चक्कर काटती रहती है पर एफआईआर तक दर्ज नहीं किया जाता. सोशल मीडिया के जरिए दबाव बनाने पर पुलिस ने पांच दिन बाद एफआईआर दर्ज किया.
deven kumar
April 23, 2018 at 7:22 am
Sale of thana/posting is not new or exceptional, it happens nearly in every distrct, why only this individual is being targeted, it appears that others (who are excluded) are partners in crime of these certain reporters so they are clean and honest.