आरएसटीवी में कार्य कर रहे फ्रीलांसर / डेली वेजेज वीडियो एडिटर्स भेदभाव के शिकार हैं. इनके साथ अन्याय हो रहा है लेकिन प्रबंधन सब देखकर भी चुप है. जबसे यह आरएसटीवी चैनल शुरू हुआ है तब से वहां वीडियो एडिटर्स को 1300 रुपये प्रतिदिन दिया जाता है. जो अन्य लोग कांर्टैक्ट पर कार्यरत हैं उनकी तनख्वाह हर वर्ष 10 प्रतिशत बढ़ जाती है.
काम सब वीडियो एडिटर्स भी एक बराबर ही करते हैं. तो सवाल यह है कि जब आपकी तनख्वाह भले ही आप काम ज़्यादा करें या कम, 10% हर वर्ष बढ़नी ही है तो फ्रीलांसर वीडियो एडिटर्स के डेली वेजेज में बढ़ोतरी क्यों नहीं की जाती है. वह भी तब जबकि कार्य सबका एक समान है.
उल्लेखनीय है कि डीडी न्यूज और एलएसटीवी में भी फ्रीलांसर को अच्छा पैसा दिया जाता है. इन चैनलों में इन्हें प्रतिदिन लगभग 1800 से 2000 रुपये तक दिए जाते हैं. तो फिर आरएसटीवी इन सबसे अलग और अछूता क्यों है. इस सन्दर्भ में जब संबंधित अधिकारियों से बात की जाती है तो उनका रटा रटाया जवाब होता है कि “फाइल ऊपर गई है.” एडिटिंग हेड से इस बारे में पूछा जाता है तो उनका जवाब होता है कि “जब इतने सालों में नहीं बढे तो अब क्या बढ़ेंगे, कहीं और मिलती है तो चले जाओ।’
इन हालात में फ्रीलांसर का काम करना बेहद मुश्किल हो रहा है. महंगाई और दिल्ली में जीवन-यापन के खर्चे देखते हुए आरएसटीवी प्रबंधन को चाहिए कि वे फ्रीलांसर वीडियो एडिटर्स के डेली वेजेज में बढ़ोत्तरी करें.
https://www.youtube.com/watch?v=dJmltVPwMuM
DIWAN SINGH BISHT
August 15, 2018 at 2:48 pm
Sahi baat hai.. maine wahan per 5 saal freelance video editing ka kaam kiya hai… 2 baat contract ke liye exam diya hai… 2014 and 2016 mein…. per wahan per aapke pas agar political approch na ho to aapka nahi ho sakta hai…. writen exam pass kiya hai… contract ke liye saare document bhi jama kiye hai…per aaj 2 saal ke bad bhi offer letter nahi aaya hai…
amit kumar
August 16, 2018 at 7:41 am
जिनको मिलती है वो क्यूं किसी के लिए बोलेंगे…जब इनकी कटेगी तब लगेगी आग…खास कर टेक्निकल डिपार्टमेंट तो सबसे लाजवाब है…इनके अपने लोग ही इनकी जेब काटते हैं…परमानेंट वाले दिन भर ऐश करो…तगड़ी सैलरी उठाओ…फ्रीलांसर वाले भांड़ में जाओ