ऑस्ट्रेलिया में सोमवार सुबह देश के अख़बारों का पहला पन्ना काला छापा गया. अख़बारों ने देश में मीडिया पर लगाम लगाने की कोशिशों का विरोध करने के लिए ये क़दम उठाया है. अख़बारों का कहना है कि ऑस्ट्रेलिया सरकार का सख़्त क़ानून उन्हें लोगों तक जानकारियाँ ले जाने से रोक रहा है. अख़बारों ने पन्ने …
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आधे घंटे तक ब्लैकआउट रहा राज्यसभा टीवी!
राज्यसभा टीवी एक बार फिर सुर्खियों में है. सोमवार को करीब आधे घंटे के लिए यह चैनल ब्लैकआउट रहा. अचानक चलते-चलते चैनल का प्रसारण रूक गया. इसका कारण क्या है, ये पता नहीं चला है लेकिन ऐसा पहली बार नहीं हुआ है.
RSTV में करप्शन : भड़ास ने महीनों पहले जिस विभाकर का नाम लिखा, उन्हीं का हो गया सेलेक्शन!
मोदी राज में राज्यसभा टीवी में करप्शन की घनघोर धारा बह रही है. भड़ास ने महीनों पहले जिस शख्स का नाम लिख दिया था कि इसी का सेलेक्शन होना पहले से तय है, बाकी सारा इंटरव्यू फर्जीवाड़ा है, हुआ भी उसी शख्स का सेलेक्शन. राज्यसभा टीवी में एक्जीक्यूटिव एडिटर के पद पर विभाकर की नियुक्ति …
राज्यसभा टीवी के प्रधान संपादक के संपादन की योग्यता देखिए!
Zaigham Murtaza : ये Rajyasabha Television के प्रधान संपादक की संपादन योग्यता है। प्रति माह 3 लाख रुपये से ज़्यादा का ख़र्च है इसे पालने का। ये पैसा हमारे आपके टैक्स से जाता है…
आरएसटीवी में कार्यरत डेली वेजेज वीडियो एडिटर्स के साथ भेदभाव क्यों?
आरएसटीवी में कार्य कर रहे फ्रीलांसर / डेली वेजेज वीडियो एडिटर्स भेदभाव के शिकार हैं. इनके साथ अन्याय हो रहा है लेकिन प्रबंधन सब देखकर भी चुप है. जबसे यह आरएसटीवी चैनल शुरू हुआ है तब से वहां वीडियो एडिटर्स को 1300 रुपये प्रतिदिन दिया जाता है. जो अन्य लोग कांर्टैक्ट पर कार्यरत हैं उनकी …
राज्यसभा टीवी के लिए हो रहे इंटरव्यू में उम्मीदवारों का चयन मनमाने तरीके से!
राज्य सभा टीवी में एक्जीक्यूटिव एडिटर, एक्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर (इनपुट) के लिए इंटरव्यू हो रहे हैं। लेकिन ए़डीशनल सेकेट्री ए.ए.राव ने उम्मीदवारों का चयन मनमाने तरीके से किया है। इस पद के लिए उनको भी छांट दिया गया है जो कि प्रधान संपादक पद के लिए अर्ह थे।
संघ के वैचारिक भौंपू बने RSTV से पत्रकार ज़ैग़म मुर्तज़ा का इस्तीफा, पढ़ें उनकी पीड़ा
Zaigham Murtaza आख़िर 7 साल कम नहीं होते लेकिन गुज़रने थे सो गुज़र गए और अच्छे से गुज़रे। किसी भी संस्थान में थोड़ी बहुत खींचतान और राजनीति लाज़िमी है मगर आख़िर के कुछ महीनों में काम से ज़्यादा राजनीति से सामना हुआ। इसे राजनीति भी कहना सही नहीं होगा। ये विचारधारा का द्वंद था। उन्हे …
RSTV : कभी इसे ‘भारत का बीबीसी’ कहा जाता था, आज का ताजा हाल देखें
Om Thanvi : “परम पूज्य” सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत “जी” मंच पर मौजूद?? ये हाल हो गया है राज्यसभा टीवी का। आपके-हमारे पैसे से चलता है, पर चिलम नागपुर की भरता है। कभी चैनल की चर्चा भारत का बीबीसी कहते हुए होती थी, क्योंकि सरकार से पैसा लेकर भी सरकार की जगह दर्शकों के प्रति …
राज्य सभा टीवी- श्रम कानूनों की ऐसी तैसी
बंद दरवाजे के पीछे बहुत परदा है करीब एक साल बहुत लंबे इंतजार के बाद 7 मई 2018 को राज्यसभा टीवी में बंपर वैकेंसी आयी तो 43 पोस्टों के लिए 2500 से अधिक पत्रकारों ने अर्जी दे डाली। बड़ी संख्या में पत्रकार आखिरी तारीख यानि 21 मई को तालकटोरा स्टेडियम और गुरुद्वारा रकाबगंज रोड पर …
Know How a Senior Editor is being FORCED to Leave RSTV
Rajya Sabha TV- Deceit, Deception, Dishonesty, Anything but Parliamentary
Rajya Sabha: How to SET Editor-in-Chief selection
The story of war for control at Rajya Sabha TV (RSTV) could make the most intriguing episode of Game of Thrones a run for TRPs. The channel has been in controversy for years now. There have been incessant allegations of misuse of public money, nepotism, corrupt practices in RSTV. There have been reports of CAG objections. Leading media organizations like DNA, Tehelka wrote articles alleging splurging of Rs 1700 crores. It another matter that both the organizations tendered apology for factually incorrect reporting to the Privileges Committee of Rajya Sabha, when nearly all political parties in the House, except BJP, collectively moved privilege motion against wrong reporting.
अफवाहों-दुष्प्रचारों के बीच राज्यसभा टीवी पर हुए खर्च की हक़ीक़त जानिए
भड़ास तहक़ीक़ात : राज्यसभा टीवी ने पिछले छः साल में एक धारदार और पेशेवर टीवी चैनल की पहचान बनायी है। लेकिन चैनल पर लगातार ख़र्च को ले कर आरोप लगते रहे हैं। WhatsApp पर लगातार मैसेज मिलते रहे हैं कि चैनल ने 1700 करोड़ रुपए ख़र्च कर दिए। लेकिन पिछले हफ़्ते स्वयं वेंकैय्या नायडू के …
RSTV का वार्षिक बजट 62.50 करोड़ था, इसमें से 25 करोड़ रुपये एनडीएमसी को किराया जाता था
Gurdeep Singh Sappal : अब जब ये साफ़ कर दिया गया है कि RSTV का वार्षिक बजट केवल ₹62.50 करोड़ था और उसमें भी ₹25 करोड़ केवल NDMC को जाता था, मुझे उम्मीद है कि ₹1700 करोड़ -₹ 3000 करोड़ ख़र्च का झूठा प्रचार अब थम जाएगा। राज्य सभा टीवी ईमानदार नीयत और निष्ठा से एक असरकारक पब्लिक broadcaster के रूप में स्थापित किया गया था। मैं आशा करता हूँ कि इसकी दूसरी पारी भी शानदार रहेगी।
राज्यसभा टीवी से सप्पल ने दिया इस्तीफा
Gurdeep Singh Sappal : राज्यसभा टीवी से मेरा इस्तीफ़ा…. ‘चलो कि इक उम्र तमाम हुई उठो कि महफ़िल की शाम हुई जुड़ेंगे नए रिंद, अब नए साज़ सजेंगे मिलेंगे उस पार, कि नए ख़्वाब बुनेंगे।’ राज्यसभा टीवी के साथ मेरा रिश्ता आज ख़त्म होता है। लेकिन संतोष है कि जो चैनल हमने सजाया है, उसकी …
वीपीआई हामिद अंसारी का विदाई समारोह : संजय राउत ने चुटकी ली- ‘राज्यसभा टीवी चलता रहे!’
Shambhu Nath Shukla : हामिद अंसारी साहब बहुत याद आएंगे। पूरे दस साल वे भारत के वाइस प्रेसीडेंट रहे और राज्य सभा में कड़क प्रिंसिपल की तरह। सबको डांटते रहे, लड़ियाते भी रहे। मगर आज विदाई के दिन उन्हें प्रिंसिपल का चोला उतार देना था। आज भी अपने सम्मान में वक्ताओं का समय भी उन्होंने ही तय किया और बीच-बीच में हड़काते भी रहे।
प्रसार भारती के संघी अध्यक्ष सूर्य प्रकाश को राज्यसभा टीवी के पत्रकार अरविंद कुमार सिंह ने दिया करारा जवाब
Arvind K Singh : राज्य सभा की भूमिका पर सवाल… प्रसार भारती के अध्यक्ष श्री ए.सूर्य प्रकाश ने दैनिक जागरण में राज्य सभा की भूमिका पर सवाल खड़ा किया है। तथ्यात्मक लेख है। वे संसदीय मामलों के जानकार हैं लेकिन इस लेख में जान बूझ कर तमाम तथ्यों को छिपाया है। विपक्ष को भरोसे में न ले पाना यह सरकार की कमजोरी हो सकती है। लेकिन इस आधार पर किसी सदन को समाप्त करने का विचार अलोकतांत्रिक है। संभव है कि उन्होंने प्रधानमंत्री को खुश करने के लिए ऐसा लिखा हो। लेकिन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कभी भी इसकी आलोचना नहीं की है।
जो लोग एनडीटीवी पर रवीश कुमार के मुरीद हैं, उन्हें एक बार राज्यसभा टीवी पर आरफा खानम शेरवानी को भी देखना चाहिए
Sushil Upadhyay : राज्यसभा टीवी, केरल, आरफा और हिंदी… कल रात साढ़े आठ बजे राज्यसभा टीवी पर आरफा खानम शेरवानी का कार्यक्रम देखकर मन खुश हो गया। जो लोग एनडीटीवी पर रवीश कुमार के मुरीद हैं, उन्हें एक बार राज्यसभा टीवी पर आरफा खानम शेरवानी को भी देखना चाहिए। खासतौर से, उनकी भाषा को। वे अपनी प्रस्तुति में रवीश कुमार की तुलना में ज्यादा संतुलित, शालीन और बौद्धिक नजर आती हैं। कल वे केरल में थीं, वहां से चुनावी मुहिम पर शो प्रस्तुत कर रही थीं। उनके पैनल के नाम देखकर एक पल के लिए मुझे लगा कि शायद आज का शो अंग्रेजी में होगा। पैनल में सीपीएम के वी. शिवदासन, आरएसएस के डॅा. के.सी. अजय कुमार, ईटीवी के प्रमोद राघवन, पत्रकार गिलवेस्टर असारी और केरल से प्रकाशित कांग्रेस के दैनिक अखबार के संपादक (जिनका नाम याद नहीं रहा) शामिल थे।
हामिद अंसारी ने किया राज्यसभा टीवी के नए कलेवर का अनावरण
उप राष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी ने विज्ञान भवन में राज्यसभा टीवी के नए कलेवर का अनावरण किया। इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि देश में अभी भी अंधविश्वास और कुरीतियां हैं,जिन्हें दूर करने में विज्ञान और मीडिया बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। उपराष्ट्रपति ने देश में विज्ञान प्रसार के लिए नया टीवी चैनल लाने पर ज़ोर दिया।
राज्यसभा टीवी के इंटरव्यू में एक महिला प्रतिभागी पर अपना नाम वापस लेने का दबाव डाला गया!
इसी साल सितंबर महीने में राज्यसभी टीवी में हुए Consultant Anchor के वॉक इन इंटरव्यू के लिए मैं पहुंचा राज्यसभी टीवी के दफ्तर। कई दूसरे प्रतिभागी भी वहां पहुंचे। सभी मीडिया जगत के ही साथी थे। एक-एक कर हमारे सीवी को छांटा गया। फिर जो सभी पैमानों पर उनके विज्ञापन पर खरे उतरे, उन्हें रुकने को कहा गया। बाकी सबको धन्यवाद कह दिया गया। मेरी भी सीवी सिलेक्ट हो गई। मैं काफी समय से मेनस्ट्रीम मीडिया में नौकरी करता आया हूं और अभी भी करता हूं।
मोदी की नाक के नीचे राज्यसभा चैनल की नियुक्तियों में भारी खेल चल रहा है!
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भले ही कितनी भी पारदर्शिता की बात कर लें, लेकिन सरकार की नाक के नीचे नियुक्तियों में भारी खेल चल रहा है। उसे वे नहीं रोक पा रहे हैं। ताजा उदाहरण राज्यसभा टीवी चैनल का है। सितंबर माह में चैनल ने कुछ पदों के लिए विज्ञापन दिया था, जिनमें चार अंग्रेजी एंकर के पदों का इंटरव्यू 27 अक्टूबर को हुआ। मजेदार बात यह है कि इस इंटरव्यू में कई ऐसे प्रतिभागी भी बुलाए गए हैं, जिन्होंने कभी अंग्रेजी की एंकरिंग नही की।
Carried live coverage of all major Yoga Day functions : RSTV
New Delhi : Rajya Sabha TV termed baseless a social media campaign that it blacked out International Yoga Day celebrations.
Freedom of Media and Privileges of Parliament
New Delhi : A privilege motion has been moved by 60 MPs of 14 major parties in Rajya Sabha in a matter related to RSTV. This extraordinary step is bound to raise a debate on freedom of media and privileges of Parliament. We, in RSTV, have practiced the highest ethical and professional standards of unbiased journalism and find ourselves morally suited to address the debate. I thank you for patronizing the channel and being our partner in the endeavour.
राज्यसभा टीवी में मनमानी की पोल खुली, प्रशांत भूषण ने दायर की याचिका
नियंत्रक-महालेखा परीक्षक यानि कैग की जांच रिपोर्ट में राज्यसभा टीवी के बारे में में कहा गया है कि इस चैनल के पास अपना कोई रोडमैप ही नहीं है. राज्यसभा के लिए अलग से चैनल की सार्थकता पर भी प्रश्न चिह्न लगाया गया है. कैग रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2011 में शुरू होने के बाद से चैनल पर अब तक 1700 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं. इस चैनल में फरवरी 2012 तक एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर और एग्जिक्यूटिव एडिटर्स की यात्राओं पर 60 लाख रुपये खर्च किए गए. चैनल को कोई रेवेन्यू नहीं मिल रहा। यहां भर्ती में नियमों का पालन नहीं हुआ। साथ ही इस चैनल की दर्शक संख्या भी नहीं है.
राज्यसभा टीवी पर कब्जा करने के लिए केंद्र सरकार प्लांट करा रही निगेटिव न्यूज?
वरिष्ठ पत्रकार और कवि विमल कुमार का मानना है कि राज्यसभा टीवी के खिलाफ निगेटिव खबरें एक बड़ी साजिश का हिस्सा है. उन्होंने फेसबुक पर इस बारे में लिखा है कि केंद्र सरकार अपने लोगों को इस चैनल पर काबिज कराने के लिए चैनल को लेकर नकारात्मक खबरें छपवा रही है. विमल कुमार ने जो कुछ लिखा है, उसे पढ़िए…
राज्यसभा टीवी ने कैग के आरोपों को गलत करार दिया, अब तक 1700 करोड़ ठिकाने लगाने का था आरोप
नई दिल्ली : कैग ने राज्यसभा टेलीविजन के संचालन को लेकर कुछ सवाल खड़े किए हैं। कैग ने अपने रिपोर्ट में कहा है कि राज्यसभा टीवी चैनल के पास कोई रोडमैप नहीं है और साथ ही साथ संसद के दोनों सदनों के लिए अलग—अलग चैनल होने के औचित्य पर भी प्रश्न खड़ा किया है। राज्यसभा टीवी ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा है पिछले चार सालों में कुल खर्च केवल 146.7 करोड़ रुपए हुआ, जिसमें सैलरी, किराया, कैपिटल कॉस्ट और ऑपरेशनल एक्सपेंसेज शामिल हैं। 1700 करोड़ रुपए का आंकड़ा मात्र एक कल्पना है।
मजीठिया वेज बोर्ड पर हरिवंश अभी भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं!
नीचे राज्यसभा टीवी पर मजीठिया वेज बोर्ड पर हुई बहस का लिंक दिया जा रहा है। बहस में हरिवंश (संपादक, प्रभात खबर) और सुप्रीम कोर्ट में वकील कोलिन गोंसाल्विस भी शामिल हैं। जब हरिवंश से एंकर गिरीश निकम ने पूछा कि आपके अखबार में लागू हुआ तो बोले कि अभी हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इतंजार कर रहे हैं। इस पर गोंसाल्विस ने कहा कि एक साल पहले फैसला आ चुका है। बहस में जागरण, इंडियन एक्सप्रेस और भास्कर पर सीधे नाम लेकर आरोप लगाए गए हैं।
राज्यसभा टीवी में जारी है फिक्सिंग का खेल
इन दिनों टीवी न्यूज़ चैनलों में राज्यसभा टीवी की चर्चा ज़ोरो पर है। बीते दिनों राज्यसभा टीवी में पत्रकारों की भर्ती के लिए हुए मेराथन इंटरव्यू के बाद इस चर्चा ने ज़ोर पकड़ा है। राज्यसभा टीवी पिछले दरवाज़े से पत्रकारों की इंट्री करवाने के लिए पहले ही बदनाम हो चुका है। लेकिन बीते दिनों राज्यसभा टीवी के रकाबगंज रोड स्थित ऑफिस में जो कुछ हुआ उसने एक बार फिर ये साबित कर दिया है कि राज्यसभा टीवी में सिर्फ नेताओं और अफसरों के रिश्तेदार ही पत्रकार बन सकते हैं।ये बात किसी से छिपी नहीं है कि वर्तमान में राज्यसभा टीवी में कार्यरत लगभग सभी पत्रकारों का किसी बड़े नेता या अफसर से रिश्ता रहा है। बीते दिनों इससे जुड़ी कुछ ख़बरें सार्वजनिक होने के बाद देश भर में चर्चा का विषय बनी थी। इस लिहाज़ से राज्यसभा टीवी जनता के बीच पहले ही अपनी ख़ास पहचान बना चुका है। लेकिन बीते दिनों वाक् इन इंटरव्यू के नाम पर हुए फिक्सिंग के खेल ने राज्यसभा टीवी के डायरेक्टर और सचिवालय के अफसरों को भी कटघरे में खड़ा कर दिया है।
राज्यसभा टीवी में नौकरी की ख्वाहिश रखने वाले बहुत लोगों को मायूस होना पड़ा…
नौकरी पाने की ख्वाहिश थी. राज्यसभा टीवी में काम करने की सपना था. इन्टरव्यू में खुद को साबित करने की चुनौती थी. हिन्दी और अंग्रेजी के लिए कुल जमा 4 पोस्ट थी. इंटरव्यू देने पहुंचा. कॉफी की चुस्कियों के बीच कुछ पुराने दोस्तों का भरत-मिलाप हुआ और इसके साथ मीडिया का वर्ग विभेद भी मिटता दिख रहा था. किसी चैनल के इनपुट एडिटर भी प्रोड्यूसर बनने के लिए सूट पहनकर आए थे. ऐसे में सीनियर प्रोड्यूसर के प्रोड्यूसर बनने पर सवाल उठाना गलत होगा.
राज्यसभा टीवी में नौकरी की ख्वाहिश रखने वाले बहुत लोगों को मायूस होना पड़ा…
नौकरी पाने की ख्वाहिश थी. राज्यसभा टीवी में काम करने की सपना था. इन्टरव्यू में खुद को साबित करने की चुनौती थी. हिन्दी और अंग्रेजी के लिए कुल जमा 4 पोस्ट थी. इंटरव्यू देने पहुंचा. कॉफी की चुस्कियों के बीच कुछ पुराने दोस्तों का भरत-मिलाप हुआ और इसके साथ मीडिया का वर्ग विभेद भी मिटता दिख रहा था. किसी चैनल के इनपुट एडिटर भी प्रोड्यूसर बनने के लिए सूट पहनकर आए थे. ऐसे में सीनियर प्रोड्यूसर के प्रोड्यूसर बनने पर सवाल उठाना गलत होगा.