हमेशा मुस्कुराने वाले, खुशमिजाज़, मिलनसार और ज़िंदादिल दोस्त पत्रकार हकीकत कादयान हमारे बीच नहीं रहे। सोमवार रात बहादुरगढ़ के सेक्टर-2 स्थित घर की सीढ़ियों में पैर फिसला और जानलेवा चोट उन्हें हम सबसे दूर ले गई। हकीकत कादयान महज 35 साल के थे। खुशमिजाज, मिलनसार और निडर होने के चलते इतनी कम उम्र में उन्होंने पत्रकारिता जगत में अपनी एक अलग पहचान बना ली थी। हकीकत इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से काफी लंबे समय से जुड़े हुए थे।
करीब 14 साल पहले उन्होंने अपने मीडिया करियर की शुरुआत हरियाणा के पहले सेटेलाइट चैनल हरियाणा न्यूज से की थी। इन्टर्नशिप करने बाद के बाद हरियाणा न्यूज में ही कई साल साल तक इनपुट, असाइनमेंट डेस्क पर काम किया। इसके बाद वे अपनी बोली, अपना चैनल टैगलाइन के साथ शुरू हुए चैनल ए-वन तहलका हरियाणा से जुड़े। तहलका में डेस्क पर काम करना शुरू किया और बाद में देश की राजधानी दिल्ली में बतौर संवादाता अपनी सेवाएं दी।
ए-1 तहलका हरियाणा के अचानक बंद हो जाने के बाद वह ए-टू-जेड न्यूज़ चैनल से जुड़े। 2014 इलेक्शन से पहले उन्होंने जनता टीवी ज्वाइन किया। जनता टीवी में रहते हुए महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाई और हरियाणा के कोने कोने में जाकर लोगों की समस्याओं से सरकार को अवगत करवाया। इस दौरान उन्होंने प्रदेश के कई महत्वपूर्ण मुद्दों को सरकार और जनता के सामने रखा। 2014 के विधानसभा और लोकसभा चुनाव की बेहतरीन कवरेज हकीकत कादयान और उनकी टीम ने की। जनता टीवी के बाद उन्होंने एक बार फिर से हरियाणा न्यूज़ में सेवाएं दी।
उसके बाद उन्होंने कुछ दिन एटूजेड न्यूज़ और ओके इंडिया न्यूज़ चैनल की बागडोर संभाली। उनके आकस्मिक निधन से महज 2 सप्ताह पूर्व ही उन्होंने दोबारा हरियाणा न्यूज़ चैनल जॉइन किया था। अपने पत्रकारिता के सफर में हकीकत कादयान ने जहां बेबाकी के साथ प्रदेश के लोगों से जुड़े मुद्दों को उठाया, वहीं निडरता के साथ पत्रकारों के सामने आने वाली चुनौतियों का सामना भी किया।
बहुमुखी प्रतिभा के धनी स्वर्गीय हकीकत कादयान ने मीडिया जगत में सजग प्रहरी के रूप में काम किया। उन्होंने पत्रकारिता क्षेत्र में एंकर, वीओ आर्टिस्ट, स्क्रिप्ट राइटर, टीम लीडर, स्पेशल कोरसपोंडेंट, असाइनमेंट हेड, इनपुट हेड के साथ साथ मार्कटिंग हेड जैसे विभिन्न पदों पर रहते हुए अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन बखूबी ढंग से किया। स्वर्गीय हकीकत कादयान अपनी खुशमिजाजी जिंदादिली और निडर पत्रकारिता के लिए जाने जाते थे। हकीकत कादयान के चले जाने से पत्रकारिता जगत ने एक बेहद ऊर्जावान पत्रकार खो दिया है। हकीकत का चले जाना पत्रकारिता जगत के लिए अपूरणीय क्षति है।
दीपक खोखर
वरिष्ठ पत्रकार
गुड़गांव