Kanhaiya Shukla : पत्रकारिता में नेता, मंत्री, अधिकारी, सरकार की ख़बरें… ये सब व्यर्थ रूटीन खबरों जैसी लगती हैं. हर दिन बीते हुए दिन की खबरें पुरानी लगती हैं.
पर आपकी पत्रकारिता लाइफ में कुछ ऐसे भी पल होते हैं जो खबरें तो नहीं बन पातीं पर वो आपके ज़ेहन में एक जगह बना लेती हैं. छतीसगढ़, मध्यप्रदेश में पत्रकारिता के अपने करियर में नक्सलियों से लेकर नेता, मंत्री, सरकार, अधिकारी, इवेंट, हर व्यक्ति-मौके को कवर किया, इंटरव्यू किया, लाइव किया.. सभी की खबरें मन से बनाई. पर उनमें से चीजें वक्त के साथ आई गई हो गईं…
पर वो सुरीली आवाज न भूल सका हूं. आज भी वो पल नहीं भूल पाता हूँ जब भी ये गाना कहीं भी सुनता हूँ कि “नैनो में बदरा छाए” …4 साल बीत जाने के बाद भी ये आवाज़ आज भी पहले दिन जैसी ही पसंद आती है..
पत्रकारिता में कभी-कभी एक ऐसा पल जो आपको पूरी जिंदगी खुद में बहुत आत्मबल देता है, ऐसा जरूर होता है. मेरी भी ज़िंदगी में इस आवाज़ की अपनी एक जगह है. ये ब्लाइंड बेटी है. एक ख़बर के दौरान कुछ साल पहले मिली थी. अपनी आंखों से ये रंग-बिरंगी दुनिया को देख नहीं सकती. ख़्याल आता है कि ऊपर वाले ने ऐसा क्यों किया. फिर सोचता हूँ कि ऊपर वाले ने इसका दिल बहुत निश्छल बनाया है जो इस दुनिया की रंगबिरंगी करतूतों से बहुत ऊपर है. इसकी आवाज़ पर बजने वाली तालियां ही इसको इस दुनिया से परिचित करवा देती हैं.
आइए आप भी सुनिए… नीचे क्लिक करिए…
नैनों में बदरा छाए, बिजली सी चमके हाए
ऐसे में बलम मोहे, गरवा लगा ले
नैनों में…
मदिरा में डूबी अँखियाँ
चंचल हैं दोनों सखियाँ
ढलती रहेंगी तोहे
पलकों की प्यारी पखियाँ
शरमा के देंगी तोहे
मदिरा के प्याले
नैनों में…
प्रेम दीवानी हूँ में
सपनों की रानी हूँ मैं
पिछले जनम से तेरी
प्रेम कहानी हूँ मैं
आ इस जनम में भी तू
अपना बना ले
नैनों में…
जी न्यूज के कई रीजनल चैनल्स में वरिष्ठ पदों पर कार्यरत रहे तेजतर्रार पत्रकार कन्हैया शुक्ला की एफबी वॉल से.