वाराणसी : उत्तर प्रदेश में मजीठिया बेज बोर्ड की मांग को लेकर मीडिया संस्थानों द्वारा की गई सेवा समाप्ति के खिलाफ वाराणसी श्रम न्यायालय द्वारा वाराणसी से प्रकाशित गांडीव समाचार पत्र के तीन क्रन्तिकारी पत्रकारों को दाखिल मुकदमों में सफलता जनवरी माह में मिली है।
पीड़ित पत्रकारों व गैर पत्रकारों के हक मे श्रम न्यायालय में कानूनी लड़ाई समाचार पत्र कर्मचारी यूनियन के वरिष्ठ विद्वान अधिवक्ता अजय मुखर्जी व आशीष टंडन ने बडी शिद्दत से लड़ा।
धर्म, संस्कृति, अध्यात्म की अति प्राचीन नगरी काशी के रहने वाले काशी पत्रकार संघ के पूर्व अध्यक्ष विकास पाठक व आत्रि भारद्वाज तथा जय नारायण मिश्रा ने औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 की धारा 33 सी टू के अन्तर्गत मुकदमा दाखिल किया था।
विकास पाठक ने वर्ष 1987 में सहायक सम्पादक के पद से कार्य शुरू किया। इन्होंने अपने द्वारा किये गये कार्य दो माह का वेतन जुलाई व अगस्त 2011, अंतरिम का बकाया, तीन माह का अर्जित अवकाश, बोनस तथा वेतन में की गई कटौती का नगदीकरण भुगतान का मुकदमा किया था। इसमे श्रम न्यायालय ने उक्त सभी मद में कुल धनराशि रुपया 202738 को तीन माह के भीतर देने का फैसला दिया है।
इसी अखबार में वर्ष 1977 से उप सम्पादक पद पर कार्य करने वाले आत्रि भारद्वाज को सेवायोजक द्वारा वर्ष 2006 से 2009 तक वेतन व महंगाई भत्ता आदि कम देने के मुकदमे में श्रम न्यायालय ने महंगाई भत्ता सहित अन्य मद में कुल रुपया 47100 तीन माह के भीतर देने का फैसला दिया है।
इसी अखबार में जय नारायण मिश्रा वर्ष 1981 से उप सम्पादक के पद पर कार्य करते रहे। सेवानिवृत्ति के बाद वर्ष 2006 से 2010 तक महंगाई भत्ता, वेतन व अर्जित अवकाश आदि मद में इन्हें कम पैसे दिए गए थे। दाखिल मुकदमे में श्रम न्यायालय ने अपने फैसले में श्रमिक को कुल रुपया 67800 तीन माह में देने का आदेश दिया है।
वाराणसी श्रम न्यायालय द्वारा पत्रकार को मिली जीत पर पीड़ित पत्रकारों व गैर पत्रकारों में हर्ष का माहौल व्याप्त है।
भवदीय
जयराम पांडेय
उपाध्यक्ष
समाचार पत्र कर्मचारी यूनियन उत्तर प्रदेश
9450254196