रंजन श्रीवास्तव-
जी हां! 150 रुपये के पार जाएगा तेल!! Bank of America ने आज एक रिपोर्ट जारी की है. उसके हिसाब से जून 2022 तक कच्चे तेल की इंटरनेशनल कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल तक जाएगी। मॉर्गन स्टेनली और जेपी मॉर्गन का अनुमान भी करीब ऐसा ही है।
आज आए अमेरिका के जॉब डेटा अनुमान से बेहतर जॉब ग्रोथ दिखा रहे है। स्पष्ट है कि अगला एक साल तेज विकास के नाम होगा – चाहे वह अमेरिका हो, चीन हो या यूरोप। महंगाई बढ़ेगी।
भारत सरकार के लिए चुनौती है कि वो लोगों की आय बढ़ाने के उपाय खोजे, रोजगार सृजन के तरीके ढूंढे।
स्टिमुलस के नाम LOAN MELA का जो सिलसिला चल रहा है, वो नाकाफी है. जबतक डिमांड नहीं आएगी, कोई उद्यमी लोन लेकर इन्वेस्ट नहीं करेगा, न hiring करेगा।
चुनौतियाँ बड़ी हैं – हर भारतीय के लिए भी और सरकार के लिए भी. अगले कुछ दिन जेब और रसोई पर भारी पड़ने वाले हैं. तैयार रहिये.
मोदी सरकार विचित्र दुविधा में है. उसे लगता है कि वह महंगाई को रोककर देश की स्थिति सुधार लेगी. यह एक स्वप्न मात्र है.
अमेरिका और चीन में विकास दर इतनी ज्यादा है कि वैश्विक महंगाई तेजी से बढ़ रही है. जब अमेरिकी FED महंगाई नहीं रोक पा रहा, तो भारत सरकार और RBI के हाथ में कुछ है नहीं.
एक ही रास्ता है. सरकार नोट छापे, खुद खर्च करे और लोगो को खर्च करने को पैसा दे. अगर इकोनॉमी सुधर गई, तो महंगाई के bad effects को काबू में किया जा सकता है. अन्यथा आर्थिक संकट से देश को कोई नहीं बचा सकता.
वैसे भी सरकार सोचे न सोचे, कॉर्पोरेट जगत में महंगाई के bad effects की चर्चा होने लगी है. INPUT कॉस्ट बढ़ रहा है, मार्जिन घाट रहा है, डिमांड बहुत कम है.
अगली तिमाही के रिजल्ट को लेकर सभी चिंतित हैं. शेयर मार्किट भी इसीलिए काफी दबाव में है.
लेखक रंजन श्रीवास्तव पत्रकार, उद्यमी और आर्थिक विश्लेषक हैं.