अपूर्व भारद्वाज-
यूपी चुनाव परिणाम के अनुमान लगाने की प्रक्रिया जटिल और तीव्र हुई है। इसका कारण है स्थानीय मुद्दे, जातिगत समीकरण , एन्टी इंकबेसी आदि। मुझे न केवल हर सीट पर रुझानों की खोज करना होता है बल्कि स्थानीय स्तर पर गहराई तक जाकर यह पता लगाना होता है किस पार्टी लिए क्या गलत हुआ… जैसे यह विश्लेषण करना कि भाजपा के लिए यूपी दिन प्रतिदिन कठिन कैसे हो रहा है ?
कई विश्लेषक और एग्जिट पोल बंगाल चुनाव की हवा चूक गए थे क्योंकि वह एक साइलेंट लहर थी। उस चुनाव की एक कहानी थी। मैं मानता हूँ हर चुनाव अलग होता है उसके मुद्दे और मूड अलग अलग होता है। इस चुनाव की भी एक कहानी है। मुझे यह पता करना बहुत चुनौती पूर्ण लग रहा है कि इस चुनाव की कोई छिपी हुई बड़ी कहानी तो नहीं है। कई बार अनगिनत अखबारों की जमीनी रिपोर्टस भी कई प्रकार से छल करती है और एक तरह के माया जाल भी बुनती है।
डाटा विज्ञान में परिणामों का अनुमान लगाना इतना आसान नही है। मार्जिन, अनुमानित स्विंग और प्रभाव की गणना के बारे में सावधानी से अंकगणित करना पड़ता है जैसे पहले भी बता चुका हूँ। यह चुनाव मुझ जैसे विश्लेषकों के लिए बहुत जटिल है क्योंकि वोटर का बड़ा वर्ग चुप है। परेशानी यह है कि स्विंग एक राजनीतिक घटना है और इसे सटीक रूप से पकड़ने के लिए आपको राजनीति का भी उतना ज्ञान होना चाहिए जितना डाटा विज्ञान का। यह वैसा ही है जैसे सागर पार पहुंचने के लिए नाविक को हवा को नापने के उपकरण के साथ साथ उसकी दिशा और तेजी का भी ज्ञान होना चाहिए।
साइलेंट फ्लोटिंग वोटर का ‘राष्ट्रीय’ मूड के साथ बह जाना और वोटर द्वारा लोकल मूददे को बाईपास करना इसे लहर, या अंडर करंट कहते हैं। इसे पकड़ना सबसे कठिन है। मान लीजिए मतदाता वास्तव में योगी को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं, तो इस मूड के हिसाब से बीजेपी को बहुत अच्छी सीट मिल जाएगी। यह चुनाव ऊपर से बहुत सामान्य सा दिखता है। लेकिन जैसा कि वे कहते हैं कि कई बार बहुत सामान्य होना कुछ असामान्य होने का संकेत देता है।
जब चुनाव शुरू होते हैं और इसके खत्म होने के बाद हम वोटिंग का विश्लेषण करते हैं तब यह तय करना आवश्यक है कि चीजें किस तरह से बदल रही हैं। यह सब करने में समय और बहुत रिसर्च लगता है इसलिये हर चरण का विश्लेषण और आकलन में समय लग रहा है।
अभी तक हर चरण पर डाटावाणी हो चुकी है। उत्तरप्रदेश के चुनाव भारत की राजनीति का वाटरशेड मोमेंट होंगे जो एक पार्टी का पतन और एक पार्टी के उभार की पटकथा लिखेंगे।