विश्व दीपक-
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आखिरकार मान लिया कि मोदी राज में चीन हमारी ज़मीन पर कब्जा कर चुका है? कल राजनाथ सिंह जम्मू-कश्मीर में थे. कारगिल विजय दिवस समारोह में पंडित नेहरू का नाम लिया. कहा कि पंडित जी की नीयत खराब नहीं थी. राजनाथ जी 1962 की लड़ाई के बाद, लद्धाख में चीन द्वारा कब्जा की गई ज़मीन के बारे में बात कर रहे थे.
रक्षा मंत्री का यह कहना– खासतौर से उस वक्त जब चीन के साथ सीमा विवाद सुलझाने को लेकर बातचीत चल रही है– मायने रखता है.
राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं भी एक विशेष राजनीतिक दल से आता हूं लेकिन किसी प्राधानमंत्री की आलोचना नहीं करना चाहता. इसका मतलब क्या है? राजनाथ सिंह का बयान ऊपरी तौर पर भले ही बेहद सपाट और सीधा है लेकिन डिकोड करके देखिए
राजनाथ सिंह 1) सन 1962 से 2022 की तुलना कर रहे हैं और बता रहे हैं कि चीन लद्दाख के अंदर हमारी सीमा के अंदर घुस चुका है 2) वो प्रधानमंत्री मोदी को क्लीन चिट देते हुए भी उनके नेतृत्व पर सीधा सवाल उठा रहे हैं.
राजनाथ सिंह ने वस्तुत: देश को सूचित कर दिया कि (मोदी की नीयत बेशक कितनी भी सही हो) चीन, लद्दाख में हमारी सीमा के अंदर तक घुसकर बैठा है यानि कब्जा कर चुका है.
Rahul Gandhi ने बार-बार सरकार से सवाल पूछा है. जवाब मांगा है लेकिन पाकिस्तान के मामले में बालाकोट स्ट्राइक का ढोल पीटने वाली सरकार का सीना, चीन का नाम आते ही चुचक जाता है. कई रक्षा विशेषज्ञ भी यही बोल चुके हैं लेकिन भक्ति का अफीम पिए समर्थकों और गुलाम चेतना वाले भाजपाईयों को यह सब नहीं दिखाई पड़ रहा.
उल्टा सवाल पूछने वालों को गद्दार और देशद्रोही करार करने लग जाते हैं.
कल ही नितिन गड़करी ने कहा कि अब राजनीति का मतलब सिर्फ और सिर्फ सत्ता हासिल कर हो चुका है. गडकरी के बयान की पृष्ठभूमि याद रखिएगा. यह पृष्ठभूमि है महाराष्ट्र में तख्ता पलट की. गडकरी ने यह भी कहा कि उनका मन करता है कि अब राजनीति छोड़ दें.
राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी दोनों बीजेपी के कद्दावर नेता माने जाते हैं. कैबिनेट मंत्री हैं. दोनों बीजेपी के अध्यक्ष रह चुके हैं. दोनों का एक ही दिन साहब की काबिलियत पर बिना कुछ कहे सवाल उठाना – क्या महज़ संयोग है?
रवीश कुमार-
दो हेडलाइन। एक वक्ता। जब जीत पक्की है तब फिर चीन के पूर्वी लद्दाख और पाकिस्तान को माँ शारदा के इलाक़े से भगाने की तैयारी कर लेनी चाहिए। 6 अगस्त 2019 को धारा 370 हटाई गई थी उस दिन अमित शाह ने संसद में कहा था कि पाक अधिकृत कश्मीर और अक्साई चीन लेकर रहेंगे। अमित शाह ने कहा था कि “ इसके लिए जान दे देंगे। आप अग्रेसिव होने की बात करते हैं? हम इसके लिए जान दे देंगे। “ दो साल बाद रक्षा मंत्री कह रहे हैं कि अगर युद्ध हुआ तो हमारी जीत पक्की। चीन का कुछ ज़्यादा ही दिमाग़ ख़राब हो रखा है। इसका कारण है कि भारत का चीन से आयात बढ़ता ही जा रहा है। जल्दी ही भारत को वहाँ से आयात बंद कर चीन को सबक़ सीखाना चाहिए। यह देश इतना रहस्यमयी है कि इससे लड़ने की बात पब्लिक में होनी चाहिए। राजनाथ सिंह ने अच्छा किया पब्लिक में बयान दिया।