विजय शंकर सिंह-
एनडीटीवी का अडानी ग्रुप द्वारा किया जा रहा जबरन अधिग्रहण फिलहाल सेबी SEBI के हस्तक्षेप से रुक गया है.
यह होस्टाइल टेकओवर, राधिका और प्रणय रॉय पर सेबी के प्रतिबंध के कारण बाधित हो गया है और अडानी समूह, फिलहाल, एनडीटीवी का स्वामित्व नहीं ले सकेगा। चूंकि सेबी का प्रतिबंध आरआरपीआर होल्डिंग पर लागू होता है, इसलिए वह अडानी समूह द्वारा रखे गए वारंट या अंश को बदलने के लिए नए शेयर जारी नहीं कर सकता है। यदि अडानी समूह नए शेयर नहीं पा सकता है तो, फिर वह, आरआरपीआर का मालिकाना नियंत्रण नहीं ले सकता है, और इस प्रकार, एनडीटीवी का नियंत्रण अभी जस का तस ही रहेगा।
30 जून तक, NDTV में 61.45% प्रमोटर शेयर थे, जिनमें से RRPR होल्डिंग 29.18% और प्रणय रॉय और राधिका रॉय के पास व्यक्तिगत रूप से लगभग 32% शेयरों की हिस्सेदारी थी। चूंकि राधिका और प्रणय रॉय वर्तमान में अडानी समूह के अधिग्रहण माध्यम, आरआरपीआर होल्डिंग के मालिक हैं, इसलिए इस पर, सेबी का प्रतिबंध प्रभावी हो। फिलहाल यही वैधानिक स्थिति है।
शिशुपाल सिंह- सेबी ने हस्तक्षेप नही किया है बल्कि सेबी के पुराने आदेश के कारण फिलहाल टेक्निकल वजह से ट्रांसफर रुक गया है। सेबी ने 2020 में एनडीटीवी के संस्थापक के लिए एनडीटीवी शेयर की खरीद और बेचने पर प्रतिबंध लगाया था इस वजह से अभी शेयर ट्रेंफर नही किए जा सकते । यह प्रतिबंध सिर्फ नवंबर था। इसके अलावा अदानी द्वारा कॉन्टेक्ट के अनुसार सेबी से इन शेयरों के ट्राइंफर पर प्रतिबंध को हटाने के लिया आवेदन किया जा सकता है। बाकी अदानी को सेबी भी मना नही कर पायेगा।
विजय शंकर सिंह- मैं उसी आदेश को हस्तक्षेप कह रहा हूं। कोई नया आदेश नही हुआ है।
एमपी हरिदेव- अर्थात् नवंबर तक रवीश कुमार एनडीटीवी में बने रहेंगे । ऐसा शेयरों के एक जानकार ने लिखा है । उन्होंने लिखा था-आप रवीश कुमार को ex. समझिये । रवीश जी के कारण खोजी पत्रकारिता जीवित है।