संजय कुमार सिंह-
नेता (मार्गदर्शक, नेतृत्वकर्ता) कैसे बनते हैं? निश्चित रूप से कपड़ों से नहीं। कपड़ों से अगर आग लगाने वाले पहचाने जाते हैं तो कपड़े बदल कर वे अपना सच छिपाना चाहते हैं?
पंजाब में सिख के भेष में भाषण देना इस सोच का भी परिचायक हो सकता है कि मार्गदर्शक अपने बीच का ही हो या कम से कम अपने जैसा रूप तो धर सकता हो।
मुझे नहीं पता, ऐसी सोच होती है या नहीं और होती है तो सही है या नहीं। लेकिन आज के समय में कौन होगा जो किसी बहुरुपिये को नहीं पहचानेगा?
