सुनील सिंह बघेल-
अडानी इंटरप्राइजेज ने नैतिकता का हवाला देकर अपना 20 हजार करोड़ का एफपीओ वापस लिया..
नैतिकता और अडानी!!
कहीं ऐसा तो नहीं कि जांच होने पर, मिलीभगत.. दबाव.. से दूसरे सेठियों द्वारा किए गए इन्वेस्टमेंट की पोल खुल जाने का डर था..?
महक सिंह तरार-
अड़ानी ने आज 200 अरब रुपये लौटायें पर कुछ कड़ियाँ मिसिंग है। समझ नहीं आ रहा क्या -? पहले कुछ तथ्य-
-अड़ानी ने अपनी बड़ी फ्लैगशिप कम्पनी “अड़ानी एंटरप्राइज़” तथा “अड़ानी पोर्ट” के शेयर हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद ना सिर्फ़ गिरने से बचायें बल्कि एक दिन की छोटी गिरावट के बाद दो दिन लगातार शेयर क़ीमत बढ़ाकर हरें निशान में रखे।
-अड़ानी को तमाम कंपनियों में आज के मार्केट में सत्यानाश होने के बावजूद भी सालाना आधार पर अभी भी पॉजिटिव रिटर्न्स ही दिये है।
-ख़राब रिपोर्ट के बावजूद “अड़ानी एंटरप्राइज़” के FPO में अड़ानी 200 अरब रुपये इकट्ठे करने में कामयाब भी रहा।
-फिर आज आयी क्रेडिट सुईश की रिपोर्ट जिसने अड़ानी के बॉण्ड को मार्जिन फंडिंग के लिये लेने से मना कर दिया। ये जोर का झटका था और लगा भी ज़ोर से ही। आज दोनों फ्लैगशिप कंपनियों ने अपने जीवन की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की। मात्र आज ही आज 800 अरब की शेयर वैल्यू घटी।
-ऐसे हाल देख SEBI ने मजबूरी में दाम गिरने की जाँच बैठा दी क्यूँकि अड़ानी एंटरप्राइज़ का इतना ज़्यादा शेयर ही मार्केट में जनता के पास नहीं की उनके बेचने से इतनी बड़ी गिरावट आये तो SEBI जानना चाहती है की कहीं अड़ानी के शेयर जानबुझ कर तो किसी ने खेला नही किये!
-परसों रात तक जो पैसा इकट्ठा किया था वो 3100 रुपये के भाव पर था, जबकि आज का बंद भाव 2135 है। मतलब अड़ानी के FPO में बिके शेयर आज के बंद भाव से 50% (पॉज़िटिव) ऊपर का दाम दे रहे है, जिसमें ये पैसे देने की उसकी कोई क़ानूनी ज़िम्मेदारी भी नहीं बनती। इसे यू समझ ले की आज क्लोसिंग के आधार पर उसके साढ़े तेरह हज़ार करोड़ का माल बीस हज़ार करोड़ में 24 घंटे पहले ही बिक गया था।
पर
पर
पर ……..अड़ानी ने एक घंटा पहले वो 200 अरब रुपये नये इन्वेस्टरों को लौटाने का निर्णय लिया है।
…… ऐसा करने का कारण उसने बताया की वो “नैतिक कर्तव्य” के लिये कर रहा है.. मतलब अड़ानी और नैतिकता !?
तो बात ये की यहाँ 2 ज़मां 2 मिलकर 4 नही हो रहे, मामले में कोई पेंच तो है मगर वो क्या है मुझे नहीं दिख रहा?
१) …… या तो ये देश के बाहर से जुगाडे हुए पैसे पर इन्वेस्टर को कोई ऐसा वायदा किया गया था जो आज 800 अरब रुपये का शेयर कैपिटल घटने के बाद पूरा करना सम्भव नहीं?
२) ……… या अड़ानी FPO के चक्कर में जब तीन दिन दोनों फ़्लैग शिप कम्पनियों के शेयर गिरने से बचा रहा था तो उसकी पूँजी 3000-3200 के ऊँचे शेयर दाम में अटक गई, व अब आगे पूँजी का जुगाड़ नहीं जिस कारण नयी लाइबिलिटी लेने की औक़ात ख़त्म है।
३) …….. या कोई इनसाइडर खबर इंस्टिट्यूशनल इन्वेस्टर्स को है जो अभी पब्लिक डोमेन में नहीं है
४) …….. या इस 200 अरब में से कोई एक दो मोटा मालिक है जिसने अपने पैसे की 24 घंटे में 28-29% घटत देख कर अड़ानी के अ**कोष दबा कर पैसे बिना नुक़सान के रिफ़ंड करवा लिये?
५) ……. या फिर फेंकू ने सर से हाथ उठा लिया व भागते भूत की लँगोटी वाले फ़ार्मूले पर 200 अरब तो बचाओ का फार्मूला लगाया है?
आप लोगो को क्या लगता है…. अड़ानी सच में इतना नैतिक ज़िम्मेदार हो गया है, या कारण कुछ और है….
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महक तुम्हारे जैसे भड़वे भोंकते रहते हैँ