Connect with us

Hi, what are you looking for?

सुख-दुख

दुनिया के अमीरों की लिस्ट में लुढ़क कर सातवें नंबर पर गिरे गौतम अदाणी!

अश्विनी कुमार श्रीवास्तव-

पता नहीं अदानी को लेकर देश में इतनी हाय- तौबा क्यों मची है? मानों कोई सनसनीखेज खुलासा हो गया हो… एक विदेशी एजेंसी की रिपोर्ट में दी गई जिन जानकारियों पर हंगामा हो रहा है, वह सारी जानकारी तो अभी डेढ़- दो साल पहले ही भारत में हर्षद मेहता घोटाले को उजागर करने वाली पत्रकार सुचेता दलाल दे ही चुकी हैं।

जाहिर है, तब अदानी का कुछ नहीं बिगड़ा तो अब उसी बात पर इतनी हाय- तौबा मचाकर आखिर क्या हासिल होने की उम्मीद लगाई जा रही है?

Advertisement. Scroll to continue reading.

वैसे भी, भारत की जनता की याददाश्त तो कमजोर ही होती है और मीडिया भी अदानी की बड़ी से बड़ी नकारात्मक खबर को देखकर भी अनदेखा कर देता है वरना लोगों को क्या यह याद नहीं होता कि साल 2021 में अदानी के जन्मदिन से चंद रोज पहले पत्रकार सुचेता दलाल के एक ट्वीट ने अदानी के शेयरों की लंका लगा दी थी। बिल्कुल इसी तरह, जैसे विदेशी एजेंसी की रिपोर्ट के आने के बाद इस वक्त लगी पड़ी है।

साल 2021 में 18 जून को दलाल ने यही विस्फोटक खुलासा किया था , जो आज विदेशी एजेंसी ने किया है। तब दलाल के इस खुलासे से पहले तक अदानी के शेयर इतनी तेजी से भाग रहे थे कि 24 जून को अदानी अपने बर्थडे पर वह एशिया के सबसे अमीर आदमी बनने का ऐलान करने की तैयारी कर रहे थे। एशिया के अमीर आदमी का रुतबा तब अंबानी को हासिल था इसलिए यह खबर काफी बड़ी थी।

Advertisement. Scroll to continue reading.

फिर दलाल के ट्वीट ने अदानी के शेयर धड़ाम करके जन्मदिन पर एशिया का सबसे बड़ा धनकुबेर बनने का उनका सपना तोड़ दिया। फिर सेबी द्वारा भी कुछ कड़े कदम उठाने और इन आरोपों की जांच शुरू करने की खबरें आईं कि अदानी के भाई मॉरिशस और पनामा आदि रूट से फर्जी कम्पनियों द्वारा अदानी के शेयरों में कृत्रिम उछाल लाकर अदानी को अंबानी से अमीर बनाने के खेल में शामिल हैं।

आंकड़ों के मुताबिक, उस साल यानी 2021 मई में रिलायंस के मालिक मुकेश अंबानी की कुल संपत्ति 5.73 लाख करोड़ रुपए आंकी गई थी, जबकि अदानी कुल 4.98 लाख करोड़ की पूंजी के साथ एशिया के दूसरे सबसे अमीर आदमी बन गए थे।

Advertisement. Scroll to continue reading.

चौंकने वाली बात तो यह थी कि अदानी की लगभग पांच लाख करोड़ की इस पूंजी में आधी दौलत यानी ढाई लाख करोड़ साल 2021 में जून तक महज छह महीनों में शेयरों की हैरतअंगेज तेजी से कमाई गई थी। शेयरों में तेजी की रफ्तार का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसने अदानी को दुनिया के सबसे अमीर आदमी जेफ बेज़ोस और एलॉन मस्क से भी ज्यादा तेज रफ्तार से कमाई करने वाले उद्योगपति में बदल दिया

अडानी की शेयर बाजार में लिस्टेड 6 कंपनियों का मार्केट कैप उस दौरान कुछ ही महीनों में 41.2 गुना बढ़ा। 2020 में अदानी ग्रुप की कंपनियों का मार्केट कैप जहां 1.5 लाख करोड़ रुपए था , वह बढ़कर अदानी के बर्थडे में 8.5 लाख करोड़ रुपए पहुंच गया।
जिसने उन चंद महीनों में अदानी के शेयरों में पैसा लगाया , उसे मिला रिटर्न देखें तो अदानी इंटरप्राइजेज का रिटर्न 12.18 गुना, ग्रीन एनर्जी का 4.5 गुना, अदानी टोटल गैस का 13.44 गुना, अदानी ट्रांसमिशन का 8.66 गुना, अदानी पावर का 4.11 गुना और अदानी पोर्ट का 3.02 गुना रिटर्न रहा।

Advertisement. Scroll to continue reading.

सुचेता दलाल ने शेयर बाजार में जब हर्षद मेहता के दौर जैसी ही या उससे भी कहीं बड़ी कृत्रिम तेजी देखी तो उन्होंने अपने ट्वीट से इसे उजागर कर दिया। लेकिन उसके बाद सुचेता दलाल, सेबी या मीडिया की तरफ से कोई सुगबुगाहट नहीं मिली और सरकार ने भी अदानी पर अपनी कृपा बनाए रखी। लिहाजा अपने जन्मदिन पर एशिया का सबसे आदमी बनने का अदानी का सपना टूटा तो अगले ही साल दुनिया का सबसे अमीर आदमी बनकर उसकी भरपाई उन्होंने कर डाली।

अदानी पिछले एक – डेढ़ साल से दुनिया के सबसे अमीर आदमी का दर्जा हासिल करने की रेस में कड़ी टक्कर दे रहे थे कि अचानक इस जश्न में अब एक विदेशी संस्था ने खलल डाल दिया। उसने आरोप लगाया कि अदानी के कारोबार और शेयर कीमतों आदि में गैरकानूनी और कृत्रिम तरीकों से हवा भरी गई है यानी अदानी का कारोबार खोखला है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

इस विदेशी एजेंसी ने सुचेता दलाल की तरह अदानी की तरक्की में कुछ समय का विघ्न भले ही डाल दिया हो लेकिन क्या पता , अगले कुछ दिनों में शेयर बाजार में वापस वही रौनक अदानी के शेयरों में लौट आए और अगले साल तक इस एजेंसी की रिपोर्ट भी लोग उसी तरह भूल जाएं, जैसे कि सुचेता दलाल के ट्वीट को लोग अब भूल चुके हैं।

अथ श्री अदानी कथा

Advertisement. Scroll to continue reading.

बदनसीबी और गरीबी में लिया जन्म… पिता चॉल में रहते थे तो बेटे गौतम अडानी को भी परिवार की भीषण गरीबी के कारण छोड़नी पड़ गई थी अपनी पढ़ाई

  • बेहद मामूली नौकरी जॉइन करके किसी तरह किया शुरू में गुजर बसर
  • फिर जोड़ तोड़ करके जुटाई महज पांच लाख की पूंजी से शुरुआत की ब्रोकरेज के काम की
  • 35 बरस की उम्र तक जी तंगहाली की जिंदगी

मोदी के साथ – साथ ही चढ़ी तरक्की की सीढ़ियां

  • नरेंद्र मोदी ने 1998 में गुजरात विधानसभा चुनाव चयन समिति के सदस्य के रूप में अपनी राजनीतिक पारी जब शुरू की और साल 2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री बने तो अडानी भी 1998 में सैकड़ों करोड़ का पहला बड़ा ठेका पाकर 2001 में दूसरा अहम ठेका पाकर मोदी के साथ साथ ही चढ़ते गए एक के बाद एक तरक्की की सीढियां।
  • फिर 2014 में नरेंद्र मोदी ने अदानी के प्लेन से ही दिल्ली आकर प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। मोदी ने पीएम बनते ही नवाज शरीफ़ को भारत बुलाया और भारत-पाकिस्तान के बीच पहला क़रार हुआ अडानी के लिए। पाकिस्तान को 10 हज़ार मेगावाट की बिजली बेचने की डील हुई।
  • मोदी के प्रधानमंत्री बनने से पहले 2013 में जिस अडानी समूह के पास 44 सरकारी प्रोजेक्ट्स थे, वे 2019 के अंत तक बढ़कर 92 हो गए। फिलहाल कितने सरकारी प्रोजेक्ट्स हैं, इसका कोई आंकड़ा नहीं मिल सका है।

दो बार किया मौत का सामना

  • जैसे ही अदानी ने कारोबार की दुनिया में बुलंदियां छूनी शुरू की, किडनैपिंग किंग कहे जाने वाले बबलू श्रीवास्तव गिरोह ने कर लिया था अपहरण, 15 करोड़ की फिरौती देकर छूटने की थी चर्चा
  • मुम्बई हमले के दौरान ताज होटल में भी 24 घंटे तक आतंकवादियों के बंधक रहे थे

अदानी समूह का राज- काज
-अडानी समूह के अंतर्गत कई कंपनियां हैं, जिनका 2017-18 में 77 हजार करोड़ रुपए का टर्न-ओवर था, जबकि इसमें 20 हजार 141 करोड़ रुपए का ऑपरेटिंग प्रॉफिट था। गौतम अडानी ने इसके अलावा देश की सबसे बड़ी एडिबल ऑइल (खाद्य तेल) रिफाइनरी भी बनाई है, जहां प्रति दिन 10 हजार 105 टन तेल का उत्पादन होता है।

-अडानी के ग्रुप ने पिछले कुछ सालों में अपना विस्तार न सिर्फ पोर्ट, कोल इंपोर्ट्स, कोल माइनिंग, पावर जेनरेशन, सिटी गैस डिस्ट्रिब्यूशन में किया है, बल्कि खाद्य सामग्री में इस्तेमाल होने वाले तेल के आयात में किया भी है। इतना ही नहीं, उनकी कारोबारी रुचि इन चीजों के अलावा एयरपोर्ट्स, शहरी जल प्रबंधन, छोटे और मध्यम क्षेत्र को उधार देने, डेटा सेंटर, मेट्रो रेल, एयरोस्पेस और रक्षा आदि में भी है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

-मोदी सरकार ने सरकार ने देश भर में पेट्रोल पंप और पाइप वाली नेचुरल गैस के स्टेशन स्थापित करने के लिए रिकॉर्ड संख्या 126 में कॉन्ट्रैक्ट निकाले थे, जिसमें से 25 अडानी समूह को मिले। इसी तरह देश के छह में से पांच अहम एयरपोर्ट को चलाने का 50 साल तक का जिम्मा भी अडानी समूह को ही मिला है।

  • अडानी को ऑस्ट्रेलिया में अपने महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट पर काम करने की अंतिम अनुमति भी इसी साल जुलाई में मिल गई है। यह प्रोजेक्ट है कारमाइकल कोयला खदान प्रोजेक्ट (Carmichael coal mine project)। ऑस्ट्रेलिया की क्वींसलैंड स्टेट अथॉरिटी ने इस प्रोजेक्ट के ग्राउंडवॉटर मैनेजमेंट प्लान को मंजूरी दे दी है। अडानी के इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 21.7 अरब डॉलर (1.50 लाख करोड़ रुपए) है। कारमाइकल कोल माइन को सालाना 6 करोड़ टन कोयला उत्पादन करने की अनुमति मिली है। इस उत्पादन क्षमता के साथ कारमाइकल दुनिया की सबसे बड़ी कोयला खदान बनने जा रही है।

दामन पर हैं पहले से कई दाग

-दिसंबर 2002 की बात है। दिल्ली पुलिस ने गौतम अडानी को एयरपोर्ट पर धर लिया। उनके ख़िलाफ़ वित्तीय धोखाधड़ी मामले में ग़ैर-ज़मानती वारंट निकला हुआ था।

Advertisement. Scroll to continue reading.
  • एक विदेशी मीडिया समूह, द गार्डियन ने एक रिपोर्ट छापी थी कि गौतम अडानी कैसे टैक्स चोरी कर रहे हैं। रिपोर्ट में DRI के हवाले से मॉरीशस स्थित एक फर्जी कंपनी की मदद से 15 अरब रुपए की हेरा-फेरी का आरोप लगाया गया था।
  • आरोप है कि अडानी पर कई लाख करोड़ रुपए का बैंक लोन भी है, जिसे हाल ही में सुब्रमण्यम स्वामी ने ‘संभावित एनपीए’ करार दिया।

-इनके बड़े भाई विनोद अडानी का नाम पनामा पेपर्स में है। आरोप है कि विनोद अडानी के पीछे सारा खेल गौतम अडानी का ही है।


सौमित्र रॉय-

अदानी सेठ की हालत को ऐसे समझें–

Advertisement. Scroll to continue reading.

अदानी एंटरप्राइजेज का आज एफपीओ आया है। कीमत है 3274–3112 रुपए।

आज शेयर मार्केट में मचे तूफान को देखते हुए अदानी के सामने दो रास्ते हैं। एक या तो एफपीओ वापस लें या निचली कीमत को संशोधित करें, जो 10% से ज्यादा हो नहीं सकता।

Advertisement. Scroll to continue reading.

यानी एफपीओ की निचली कीमत 2801 रुपए से कम नहीं हो सकती।

आज अदानी के एफपीओ का भाव पहले ही दिन 2800 रुपए हो चुका है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

यानी अब बाज़ार अदानी–अंबानी नहीं, निवेशक के हाथों है। निवेशक को सेठों पर भरोसा नहीं है और न सरकार पर।

बाज़ार में लोकतंत्र जैसा नज़र आ रहा है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

कृष्णन अय्यर-

अडानी ग्रुप के बैंक लोन पर “CLSA” की एक रिसर्च रिपोर्ट आई है..CLSA एक “ग्लोबल इन्वेस्टमेंट बैंकर” है..CLSA ने 2 लाख करोड़ का लोन मान कर बताया है कि ये क़र्ज़ कैसे मिला..

Advertisement. Scroll to continue reading.
  • 38% : बैंक
  • 37% : बॉन्ड्स, कमर्शियल पेपर वग़ैरह
  • 11% : फाइनेंसियल इंस्टिट्यूशन
  • 12% : अडानी की कंपनियों ने ख़ुद को लोन दिया

◆ इस हिसाब से बैंकों का क़रीब 80,000 करोड़ बनता है..SBI का बड़ा पैसा है..इसके अलावा ICICI, Axis और मुख़्तलिफ़ बैंकों का पैसा भी है..

◆ CLSA की रिपोर्ट काफ़ी बड़ी है और बहुत सारा डेटा है तो मैंने बस मुख़्तसर तरीक़े से मतलब की बात लिखी है..

◆ हालांकि मैं इस रिपोर्ट से सहमत नहीं हूँ..क्योंकि अडानी का क़र्ज़ 2 लाख करोड़ से काफ़ी ज़्यादा है..मेरे पास बैंकों की लिस्ट के साथ बेहतर डेटा है..पर चूंकि मेरे आंकड़े वेरिफाइड नहीं है तो CLSA की रिपोर्ट ही लिखा है..

Advertisement. Scroll to continue reading.

अडानी का तो कुछ नही बिगड़ेगा क्योंकि पूरे खेल में उनका ज़्यादा कुछ दांव पर नहीं लगा हुआ है..पर जिस हिंदुस्तानी ने कभी शेयर बाज़ार या बैंक की शक्ल भी नही देखी, उस हिंदुस्तानी के अनजाने में उसका सबकुछ दांव पर लग चुका है..बाक़ी चारो ओर “सन्नाटा” है..

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement